भक्कम गर्मी से बचाब के लिए एक्सपर्ट तरीका : लू लगना (HeatStroke) कारण, लक्षण, बचाव और प्राथमिक उपचार के सुझाव
Expert way to avoid extreme heat : Heat Stroke: Causes, Symptoms, Prevention and First Aid Tips
This disease (HeatStroke) occurs due to excessive exposure to sunlight, especially during summer, due to which the patient's body temperature increases and the mouth becomes dry and diarrhea or it becomes cause of 'THANKI' frequent urination disease
रोग परिचय :- यह रोग अत्यधिक धुप में रहने से खासकर र्मी के दिनों होता है, जिससे रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और मुंह सुखने लगता है तथा दस्त या ठनकी लग जाती है।
रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक समय तक धुप में रहने के कारण ।
ऽ गर्मी के दिनों में नंगे पैर चलनें के कारण।
ऽ गर्मी के दिनों में चलने वाली गर्म हवाओं के कारण।
ऽ एसी अथवा कुलर वाले कमरे से सीधे घुप में निकलने के कारण।
रोग के लक्षण :-
ऽ रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
ऽ रोगी का हांथ पैर सुन्न हो जाता है।
ऽ रोगी को बेचैनी रहती है।
ऽ रोगी को होठ मुंह सुखने लगता है।
ऽ रोगी को चक्कर आने लगती है।
ऽ रोगी को दस्त हो सकती है।
ऽ धुप लू के अधिक प्रभावशाली होने पर रोगी बेहोश हो जाता है।
ऽ रोगी को ठनकी लग जाती है।
बचाव :-
ऽ गर्मी में निकलने से बचें। बहुत आवश्यक या मजबूरी हो तभी सुरक्षित तरीके से ही घर से निकलें। Avoid going out in summer. Leave the house safely only if it is absolutely necessary or emergency.
ऽ जब घर से बाहर निकलें तो ओ.आर.एस. घोल अथवा शर्बत की बॉटल अनिवार्य रूप से रखें। When leaving the house, ORS. It is mandatory to keep a bottle of solution or sherbet.
ऽ गर्मी से बचने के लिए सिर एवं चेहरे को ढकें साथ ही यदि बाइक या साइकिल से जा रहे हों तो बेग या मोटे कपड़े से सामने से सीने और पेट को अच्छी तरह से कवर कर लें। Cover your head and face to avoid heat. Also, if you are going by bike or bicycle, cover your chest and stomach properly from the front with a bag or thick cloth.
प्राथमिक उपचार :-
ऽ दिन में कम से कम एक बार बोरे बासी या भात को खीरा, ककडी, प्याज और चुकन्द्रर इत्यादि मिलाकर खाएं।
ऽ रोगी के आहार में अनिवार्य रूप से खीरा अथवा फ्रूट सलाद को शामिल करें।
ऽ रोगी को ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं।
ऽ रोगी को गर्म धुप से हटाकर ठण्डे स्थानों में आराम कराएं।
ऽ रोगी को ठण्डी पानी से पोंछा लगा देनी चाहिए।
ऽ रोगी को जितनी अत्यधिक हो सके घड़ा के ठण्ढ़ा पानी पिलानी चाहिए।
ऽ रोगी को थोडी देर पश्चात् नहलाया जावे।
ऽ रोगी को आम का रस अथवा लस्सी पिलाएं।
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