बवासीर (Piles) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव
In this disease, the blood vessel inside the anus of the patient gets enlarged due to which the chances of bleeding increases or starts flowing.
रोग परिचय :- इस रोग में रोगी के गुदाद्वार के अंदर खुन की नली बड़ा हो जाता है जिसमें से खुन रिसने की संभावनाएं बढ़ जाती है अथवा बहने लगती है।
रोग के कारण :-
ऽ अधिक आराम करना और मद्यपान करना।
ऽ मलाशय का कैंसर ।
ऽ अधिक समय से कब्ज।
ऽ मुत्राशय में पथर्री होने से ।
ऽ प्रोटेस्टेंट ग्रंथि के बढ़ जाने से ।
ऽ यकृत विकार के कारण ।
ऽ अनुवांसिकी
ऽ महिलाओं में गर्भाशय के अपने स्थान से खिसक जाने के कारण।
रोग के लक्षण :-
ऽ मलव्दार के बाहर और अंदर की नशो का खुल जाना ।
ऽ रोगी स्थान पर बहुत समय तक नही बैठ पाता ।
ऽ मल के साथ रक्त का बहना ।
ऽ अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण चेहरा का पीला पड जाना ।
ऽ रोगी को चलनें फिरनें में भी कठिनाई होती है।
ऽ मल व्दार के चारों ओर लाल सुजन होता है।
ऽ मल मार्ग के पास दर्द होती है और उसमें दबाव पडने पर कश्ट असहनीय हो जाती है।
प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की उपचार लक्षण के आधार पर किया जावें ।
ऽ खुन बढ़ाने वाली औषधि दी जावें।
ऽ रोगी को कब्ज (एसीडिटी) न होने देवें।
ऽ रोगी को हरी सब्जी (कम मिर्ची वाली) खिलाएं।
ऽ हल्का हल्का व्यायाम करें।
ऽ रोगी को पूर्ण विश्राम कराएं।
ऽ कैंसर होने की संभावनाओं पर कैंसर की इलाज साथ में करें।
ऽ अत्यधिक नमक और मिर्ची वाली सब्जीयों का इस्तेमाल न करें।
ऽ तेलीय चीज खाने से बचें।
ऽ लहसुन, मछली, तीखा एवं गर्म भोजन इत्यादि से परहेज करें।
ऽ रोगी को साबुनदानी ,खिचडी, आंवले,अंगुर इत्यादि को सेवन कराएं।
ऽ रोगी को पालक भाजी मुली का सब्जी खिलाएं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें