Diabetes is a nutritional disorder in which the amount of sugar in the body increases due to which it starts passing through the urinary tract, which usually increases in old age.
रोग परिचय :- मधुमेह पोषण संबंधी विकार है, जिससे शरीर में शक्कर की मात्रा अत्यधिक हो जाती है जिससे वह मुत्र मार्ग से होकर निकलने लगती है, वह सामान्य तौर पर बुढ़ावस्था में अधिक होता है।
रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक आराम करने के कारण ।
ऽ अधिक रूप से मानसिक परिश्रम करने वालें के कारण ।
ऽ अधिक मीठी भोजन सेवन करने के कारण।
ऽ अधिक मधपान करने से।
ऽ अत्यधिक चिंता करने से।
ऽ चोटो एवं अत्यधिक संक्रामक रोगें के कारण जैसे मलेरिया, डिथिरिया मलेरिया फ्लू इत्यादि
ऽ यकृत ग्रंथि के कार्यो में कभी आने पर
ऽ अनुवांशिकी ।
ऽ मोटापे के कारण ।
ऽ अग्नाशय के केंसर होने से।
ऽ इन्सुलिन रिसेप्टर में गडबडी होने पर ।
ऽ शरीर के हार्मोन्स में बदलाव होने से
ऽ वाइरस इन्फेक्सन होने से ।
रोग लक्षण :-
ऽ अत्यधिक प्यास लगती है।
ऽ बहुत तेज भुख लगती है।
ऽ शरीर अत्यधिक कमजोर होने लगती है।
ऽ शर्करा (ग्लूकोज) मुत्र मार्ग से मुत्र के साथ निकलने लगती है।
ऽ रोगी अत्यधिक थकान महसुस करता है।
ऽ अत्याधिक तनाव, उत्सुकता, चिंता इत्यादि होती है।
ऽ जिगर की साइज (आकार) में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
ऽ रक्त दुधिया नजर आने लगती है।
ऽ रोग बढ़ने पर फेफडों और गुर्दो में विकार उत्पन्न हो जाती है।
ऽ हांथ पाव में कोथ बनने लगती है।
ऽ इन्सुलिन की उत्पत्ति कम हो जाती है।
ऽ रोगी को मोतियाबिंद हो सकती है।
ऽ रोगी हाईब्लडप्रेसर का शिकार हो सकता हैं।
ऽ किडनी खराब हो जाती है।
ऽ हृदय की रोग का खतरा बढ जाता है।
ऽ टीवी बढ़नें की संभावना बढ़ जाती है।
ऽ हाथ पैर से ढ़नढ़नाहट और दर्द रहना ।
ऽ वजन का बढ़ना और घांवों का न भरना ।
ऽ नजर कमजोर होना ।
ऽ शरीर के त्वचा का सुखापन एवं पैर के तलवों में हमेशा जलन होना ।
ऽ परिश्रम करने में मन नही लगता है और आराम करने अत्यधिक इच्छा छा जाती है।
ऽ रोगी की मांस पेशियों में खिचांव ।
प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की लाक्षणिकता के आधार पर इलाज करे।
ऽ संक्रमण एवं चोटो से बचाव करें।
ऽ ग्लूकोज युक्त अधिक भाजन न करें।
ऽ नशा न करें।
ऽ नियामित रूप से व्यायाम करें।
ऽ भोजन पर नियमित ध्यान देवें।
ऽ अत्यधिक पानी पिलाएं।
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