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बुधवार, फ़रवरी 21, 2024

कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का हुआ विमोचन - Poetry collection “Likh Dun Kya ?” published

विश्व का पहला अनोखा काव्य विमोचन समारोह; 9साल की बेटी ने स्कूली छात्रों के साथ मिलकर किया पापा के किताब का विमोचन
World's first unique poetry release ceremony; 9 year old daughter along with school students released father's book 

पी.एम. श्री केन्द्रीय विद्यालय नारायणपुर कक्षा 3री की छात्रा कु. दुर्गम्या जोशी ने किया “लिख दूँ क्या ?” काव्य संग्रह का विमोचन
P.M. Shree Kendriya Vidyalaya Narayanpur class 3rd student Ms. Durgamya Joshi Released poetry collection “Likh Dun Kya ?” 

कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का हुआ विमोचन
Poetry collection “Likh Dun Kya ?” written by poet, writer and thinker Huleshwar Joshi. was released


आज दिनाँक 21 फरवरी 2024 को पी.एम. श्री केन्द्रीय विद्यालय नारायणपुर कक्षा 3री की छात्रा कु. दुर्गम्या जोशी ने कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर प्रसाद जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का विमोचन कुम्हारपारा, नारायणपुर में किया। POET HULESHWAR PRASAD JOSHI वर्तमान में जिला पुलिस बल नारायणपुर में प्रधान आरक्षक (जीडी) के पद पर पदस्थ होकर सेवारत हैं। यह काव्य संग्रह कवि हुलेश्वर जोशी की पहली कृति है, कवि द्वारा लिखित दर्शन पर आधारित ग्रंथ “अँगूठाछाप लेखक” - अबोध विचारक के बईसुरहा दर्शन शीघ्र प्रकाशित होगी।


लिख दूँ क्या ? काव्य सँग्रह मूलतः ठेठ ग्रामीण हिन्दी भाषा एवं छत्तीसगढ़ी बोली में लिखी गई है। कविता के माध्यम से जहाँ एक ओर निर्मल और निश्छल प्रेम को अमर करने के ध्येय से प्रेमी-प्रेमिकाओं के मुक्त कल्पनाओं की पराकाष्ठा को चित्रांकित करने का प्रयास किया गया है वहीं दूसरी ओर प्रेम प्रस्ताव के नाम पर रूप-सौन्दर्य एवं ललित कलाओं के दुरुपयोग का भी वर्णन है। कवि ने भावनाओं का निष्ठापूर्वक समावेश करते हुए अपनी रचनाओं के माध्यम से वर्तमान जनजीवन को वर्णित करने का प्रयास किया है। लिख दूँ क्या ? काव्य सँग्रह में समानता, समरसता, सद्भावना, धर्म, मानवता और राष्ट्रीय एवं विश्व बंधुत्व की भावनाओं की अभिवृद्धि के लिए “मनखे-मनखे एक समान” एवं “जम्मों जीव हे भाई-बहिनी बरोबर” के सिद्धांत का समावेश किया गया है। इसमें काटामारी, घूसखोरी, अपराध और हिंसात्मक कुकृत्यों पर व्यंग्य करते हुए पति-पत्नी के जीवन में महत्ता व इनके मध्य नोकझोंक तथा शराबियों के जीवनदर्शन और उनके कृत्यों का रोचक वर्णन हुआ है। पाठकों को प्रेरक कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता सँग्राम सेनानी की गौरवगाथा के साथ-साथ भारतीय ग्रामीण एवं शहरी जनजीवन का तुलनात्मक दर्शन, पिता को लेकर पुत्र की चिंता और बेटी के पापा होने पर अपने अहोभाग्य पर इतराते बाप को पढ़ने का अवसर मिलेगा।


Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?" के प्रकाशक श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी द्वारा अपने वेबसाईट WWW.THEBHARAT.CO.IN में ONLINE उपलब्ध कराया गया है, जिसे इच्छुक पाठक बिना किसी प्रकार से रुपये व्यय किये बिना ही FREE में पढ़ सकता है।

विमोचन के अवसर पर कवि हुलेश्वर जोशी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि बेटी दुर्गम्या जोशी द्वारा किताब का विमोचन होना मेरे लिए बेहद ही गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि इस खास अवसर पर उन्होंने केवल स्कूली छात्र-छात्राओं को ही अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था, क्योंकि बच्चे ही किसी भी देश के भविष्य के शिल्पकार हैं। नन्हें बालक-बालिकाओं को अतिथि के रूप में शामिल करके हमने उन्हें काव्य लेखन के लिए प्रेरित करते हुए आग्रह किया है कि सभी बच्चे भविष्य में बेहतर कार्य करें ताकि अतिथित्व और सम्मान के हकदार हो सकें।

काव्य विमोचन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि कु ईशिता सोनवानी (क्लास-2, विश्व दीप्ति स्कूल), विशिष्ट अतिथि कु रिमझिम शोरी (क्लास-2, केंद्रीय विद्यालय), एवं कु मायरा विश्वास (नर्सरी, लबडब स्कूल), मास्टर तत्त्वम हुलेश्वर जोशी (बाल वाटिका-3, केंद्रीय विद्यालय), मास्टर भव्यांश साहू (बाल वाटिका 2, केंद्रीय विद्यालय), मास्टर लक्ष्य सरकार (नर्सरी, आंगन बाड़ी) कु ट्विंकल सरकार सहित लगभग 20 नन्हें छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।








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