मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा
[Universal Declaration of Human Rights (UDHR)]
आमतौर पर मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की नींव माना जाता है। जो 10 दिसंबर 1948 को अपनाया गया। मानव अधिकारों की सार्वजनिक घोषणापत्र कानूनी रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी राष्ट्र के लिए बाध्यकारी संधि है। मानवाधिकार अन्याय को दूर करने में, संघर्षों के समय में, दमन से पीड़ित समाजों में, और मानवाधिकारों के सार्वभौमिक आनंद को प्राप्त करने की दिशा में विश्व समुदाय के लिए एक प्रेरणा है। मानवाधिकारों का अंतर्राष्ट्रीय कानून ऐसे नियमों और सिद्धांतों का एक समूह है जो सभी व्यक्तियों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है। यह कानून सरकारों, संस्थाओं और व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है।
मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा
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