लिख दूँ क्या ? "काव्य संग्रह"
अँगूठाछाप लेखक "किताब"
बुधवार, दिसंबर 18, 2024
भव्य शोभायात्रा के साथ मादर की थाप में झूम उठा जिला मुख्यालय नारायणपुर; समाज प्रमुख ने गुरु घासीदास बाबा के संदेशों, अमृतवाणियों और मुक्ता को बताते हुए सर्वोच्च आदर्शों का पालन की अपील
शुक्रवार, नवंबर 01, 2024
सड़क किनारे खड़ी कार को शराबी बाइक चालक ने एक्सीडेंट करके सांकरा ओवर ब्रिज के पास किया क्षतिग्रस्त
बुधवार, अक्टूबर 23, 2024
इंतिजार की घडी खत्म : छत्तीसगढ़ पुलिस (आरक्षक जीडी/चालक) भर्ती की राह देखने वाले छत्तीसगढ़ के 7,37,864 युवक युवती दिनांक 16.11.2024 से दिलाएंगे शारीरिक दक्षता परीक्षा; जानें पूरा विवरण
रविवार, अक्टूबर 06, 2024
परीयना प्रशिक्षण - तृतीय बैच का हुआ समापन; 86 युवक/युवतियों को हुआ किट का वितरण
आईपीएस श्री प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक, जिला नारायणपुर के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन और नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित परीयना प्रशिक्षण - सेना, सशस्त्र बल और पुलिस भर्ती हेतु संचालित निःशुल्क शारीरिक दक्षता प्रशिक्षण और कोचिंग के तृतीय बैच का आज दिनाँक 06-10-2024 रक्षित केंद्र नारायणपुर में समापन हुआ। इस दौरान 86 युवक/युवतियों को किट सामग्री (टी शर्ट, लोवर, जूता, मोजा और कॉपी पेन) का वितरण किया गया। विदित हो कि जिला नारायणपुर में परीयना प्रशिक्षण के अंतर्गत 3 - 3 माह की अवधि की चार बैच संचालित किया जाना है। इसके अंतर्गत शीघ्र ही चतुर्थ और अंतिम बैच के संचालन हेतु सूचना प्रसारित की जाएगी।
सोमवार, सितंबर 23, 2024
प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर जोशी का छत्तीसगढ़ पुलिस में सेवा के 19 वर्ष पूर्ण; आज 20वें वर्ष में प्रवेश
प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर जोशी का छत्तीसगढ़ पुलिस में सेवा के 19वर्ष पूर्ण; आज 20वें वर्ष में प्रवेश
• प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी, जिला पुलिस बल, नारायणपुर ने अपने आदर्शो और सहयोगियों का किया आभार
जिला पुलिस बल नारायणपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ जवान श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी की सेवा का 19 वर्ष पूर्ण होकर, 20वें वर्ष पर प्रवेश करने पर उन्होंने अपने आदर्शो और सहयोगियों सहित पत्रकारों और मीडिया बंधुओं का आभार प्रकट करते हुए अपने पुलिस जीवन में प्रेरणा स्त्रोत, मार्गदर्शकों और सहयोगियों का नाम अमिट स्याही में लिखने का प्रयास किया है।
श्री जोशी ने कहा है कि पुलिस विभाग में मेरे विभागीय अनुशासन को पूर्ण करते हुए पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ अव्वल दर्जे के सेवा के दौरान आप सभी से प्राप्त आशीर्वाद, मार्गदर्शन, सहयोग, सम्मान और प्रेम के लिए कोटिशः आभार। 19वर्ष के दीर्घकालीन सेवा के दौरान मेरी अनुभव और कार्यक्षमता में निरंतर वृद्धि हुई है, इसका तात्पर्य है कि मैंने लगभग Zero से शुरुआत के साथ दर्जनों छिटपुट गलतियों और आपके क्षमादान के साथ आज इस identity को प्राप्त कर पाया हूं तो उसके पीछे आप सबका सराहनीय योगदान रहा है।
श्री जोशी जी के प्रेरणास्रोत : पूर्व एडीजी श्री जीपी सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, सेनानी एम. तुङ्गोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चंद्राकर, सहायक सेनानी श्री रविप्रताप सिंह, सहायक सेनानी श्री धर्मनाथ सिंह, सहायक सेनानी श्री टीका राम कुर्रे, भूतपूर्व कंपनी कमांडर श्री सत्यनारायण शुक्ला, भूतपूर्व कंपनी कमांडर श्री सरजू सिंह सिकरवार, एपीसी श्री शैवाल चटर्जी, एपीसी श्री जयंत पॉल को सादर प्रणाम।
श्री जोशी जी के मार्गदर्शक : सहायक सेनानी श्री कुंजराम चौहान, सहायक सेनानी श्री लोकेश्वर शांडिल्य, सहायक सेनानी श्री गोविन्द राम मिंज, सहायक सेनानी श्री विजय तिर्की, Ret.CC श्री अशोक चतुर्वेदी, रक्षित निरीक्षक श्री दीपक कुमार साव, रक्षित निरीक्षक श्री सोनू वर्मा, CC श्री सुरित राम बघेल, CC श्री नरसिंह यादव, PC श्री हरीश चंद्र सिन्हा, APC स्वर्गीय श्री ओंकार नाथ सिंह, PC श्री पंकज तिवारी, PC श्री चंद्रमा राम, Steno श्री पवन नामदेव, ASI श्री नीलकमल दिवाकर, APC श्री महेंद्र शर्मा, APC श्री रामा साहू, HC श्री गोविन्द बिहारी शर्मा, श्री निर्मल बारमते, श्री संजय खांडेकर, को सादर प्रणाम।
विशेष आभार : भूतपूर्व डीआईजी श्री एनकेएस ठाकुर, भूत पूर्व आईजी श्री के.सी. अग्रवाल, भूतपूर्व डीआईजी श्री जगमोहन वट्टी, सेनानी श्री नरेंद्र खरे, भूतपूर्व एसी श्री पासवान सर, एसी श्री त्रिभुवन मोहन वासनिक, सीसी श्री नरसिंह यादव, श्री सीसी श्री जितेंद्र कोरी, अकाउंटेंट श्री मनिहार सिंह सहारे, अकाउंटेंट श्री मुरली रावते, स्टेनो श्री संतोष देहारी, SI - M श्री राजेश दुरुक्कर, ASI श्री जितेन्द्र राजपूत, Asi-M श्री महेश बंजारे, ASI- TC श्री रणविजय सिंह मंडावी, श्री श्रीधर सिंह बैस, श्री लाल मोहन पटेल, श्री मनोज दुबे, श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री धनंजय हिरवानी, श्री राकेश साव, श्री अनिल जोशी, श्री दिवाकर मिश्रा, श्री रोहित अग्निहोत्री, श्री अनिल तिवारी, श्री तुका राम साहू, श्री भानु प्रकाश मारकंडे, श्री श्यामचरण मुंडा, श्री अवधेश तिवारी, श्री गजेंद्र सिंह कुशवाहा, श्री शिव सोनवानी, श्री नरेन्द्र कुशवाहा, श्री रोशन दुबे, श्री कमल किशोर द्विवेदी, श्री दिनेश चंद्राकर, श्री सत्यप्रकाश भारद्वाज, श्री मनोज शर्मा, श्री महेंद्र हंश, श्री अनिल यादव, श्री सुनील सहगल, श्री रामस्वरूप सोनवानी, श्री परमेश्वर निषाद, श्री जितेन्द्र कुमार पटेल, श्री लोमन सिंह रावते, श्री राकेश ताम्रकार, श्री जय वासनिक, श्री जगदेव नेताम, श्री कन्हैया वैष्णव, श्री खिलेश्वर बेसरा, श्री भीम सिंह कुमेटी, सहित सभी वरिष्ठ एवम सहयोगी पुलिस अधिकारीगण का आभार प्रकट करता हूँ। आदरणीय पाठकों, उपरोक्तानुसार दर्शाए नाम के अलावा भी बहुत से लोगों ने मेरी सेवा के दौरान अपना अहम किरदार निभाया है उन सबको भी बहुत बहुत धन्यवाद।
आदरणीय/आदरणीया
मैंने अपनी 19 साल की सेवा के दौरान 5वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कांगोली जगदलपुर, व्हीआईपी सुरक्षा वाहिनी माना रायपुर और जिला पुलिस बल नारायणपुर में पदस्थ होकर थाना जांगला (जिला बीजापुर), थाना कोरर (जिला कांकेर), CIATS जगदलपुर, 4th BN CAF माना रायपुर, पुलिस मुख्यालय (व्हीआईपी सुरक्षा सेल, चुनाव सेल, तकनीकी सेवाएं शाखा, सिटीजन कॉप सेल), आईजी रेंज रायपुर, आईजी रेंज दुर्ग, Directorate EOW Raipur और राज्य पुलिस अकादमी चंद्रखूरी में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त किया है। इस दौरान संबंधित कार्यालयों के स्टाफ से भी मुझे बेहतर मार्गदर्शन और सहयोग के साथ साथ पद की गरिमा से बढ़कर मुझे सम्मान प्राप्त हुआ है, इसके लिए सभी स्टॉफ को बहुत बहुत धन्यवाद.....
पुलिस बल में सेवा के दौरान पुलिस विभाग के अच्छे कार्यों को जन मानस तक पहुंचने में छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा देश के अनेकोनेक बुद्धिजीवी पत्रकारों, मीडिया साथियों का भी निरंतर सहयोग प्राप्त हुआ है, अतः आप सभी पत्रकार और मीडिया साथियों का विशेष आभार प्रकट करता हूं।
मेरी इस उत्कृष्ट सेवा में मेरे दादा, दादी, मां, बाबूजी, बड़े भैया, भाई, छोटी बहन, पत्नी और नन्हें बच्चों के अलावा बहुत से पारिवारिक सदस्यों और मित्रों का बलिदान और मार्गदर्शन भी शामिल है आप सबको सादर प्रणाम...... अपेक्षा है आप सबका सहयोग निरंतर प्राप्त होता रहेगा।
भवदीय
(हुलेश्वर प्रसाद जोशी)
प्रधान आरक्षक
जिला पुलिस बल, नारायणपुर
Mob : 94060-03006
सोमवार, अगस्त 26, 2024
विशेषांक : कृष्ण जन्माष्टमी और गुरु बालकदास जयंती पर तुलनात्मक आलेख
- भगवान श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास का जन्म हिंदी कैलेंडर के अनुसार एक ही मास- भाद्रपद, पक्ष - अंधियारी (कृष्ण), दिवस - अष्टमी को हुआ था। इसलिए भगवान कृष्ण के जन्म को कृष्ण जन्माष्ठमी के रूप में मनाया जाता है तो गुरु बालकदास के जन्म को उनके जयंती के रुप में मनाया जाता है।
- श्रीकृष्ण माता देवकी और वासुदेव के आठवें संतान हैं, इनके लालन पालन माता यशोदा और नंद बाबा करते हैं। गुरु बालकदास माता सफुरा और गुरु घासीदास के द्वितीय संतान हैं।
- भगवान श्रीकृष्ण जी द्वापर में यादव कुल में जन्म लेकर राजा के संतान न होने के बावजूद राजा बने और सनातन धर्म को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया वहीं गुरु बालकदास भी किसी राजा के संतान न होकर गुरु घासीदास के पुत्र के रूप में जन्म लेकर राजा की उपाधि हासिल किए और सतनाम धर्म के स्थापना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
- श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास अपने क्षमता के बल पर राजा तो बनते हैं मगर राज्य नहीं कर पाते हैं बल्कि धर्म की स्थापना के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करते रहते हैं।
- श्रीकृष्ण की एक प्रेमिका राधा और 8 पत्नियां रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा थी, जबकि गुरु बालकदास की दो पत्नी नीरा और राधा थी।
- श्रीकृष्ण के 80 पुत्र होने के प्रमाण मिलते हैं जिसमें रूखमणी के संतान प्रद्युम्न (ज्येष्ठ पुत्र) और केवल एक बेटी चतुमति हैं; जबकि गुरु बालकदास के केवल एक ही पुत्र साहेबदास हुए, साहेबदास की माता राधामाता हैं जबकि दो बेटियां गंगा और गलारा नीरामाता के गर्भ से जन्म लेती हैं।
- श्रीकृष्ण का हत्या गांधारी के श्राप के कारण एक शिकारी के तीर से होता है तो वहीं गुरु बालकदास की हत्या उनके जातिवादी सामंतों द्वारा एम्बुश लगाकर किया जाता है।
- जब श्रीकृष्ण जी द्वापर में जन्म लिए तब ऊँचनीच की भावना से समाज बिखरा पड़ा था, उन्होंने स्वयं वर्णव्यवस्था के खिलाफ रहकर प्राकृतिक न्याय के आधार पर काम करते हुए सनातन धर्म के लोगों को दुष्टों और पापियों से मुक्त किया तो वहीं गुरु बालकदास ने समाज में व्याप्त सैकड़ों बुराइयों के खिलाफ काम करते हुए अविभाजित मध्यप्रदेश (छत्तीसगढ़ सहित) में सैकड़ो जातियों और अनेकों धर्म के लोगों को अमानवीय अत्याचार के खिलाफ संगठित कर सतनामी और सतनाम धर्म के अनुयायी बनाये तथा बिना किसी भेदभाव के मानवता की पुर्नस्थापना के लिए सबको समान अधिकार देने तथा महिलाओं के साथ होने वाले अमानवीय अत्याचार जिसमें मुख्यतः डोला उठाने की अमानवीय कृत्य पर रोक लगाया और सतनाम धर्म में अखाड़ा प्रथा का शुरुआत किया।
- श्रीकृष्ण जी ने स्वयं तथा पांडवों के साथ मिलकर भारतवर्ष को दुराचारियों से मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़ा और सनातन धर्म को सुरक्षित किया तो वहीं गुरु बालकदास ने स्वयं तथा सतनामी लठैतों के साथ मिलकर समाज में व्याप्त हिंसक लोगों के खिलाफ आम लोगों के मानव अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ा और भारतवर्ष विशेषकर मध्यप्रदेश के लोगों को समान सामाजिक जीवन प्रदान किया।
- श्रीकृष्ण अपने पूर्व के ज्ञानी महात्माओं, देवी देवताओं के दर्शन की समीक्षा करके नवीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रतिपादन किया तो वहीं गुरु बालकदास देश में व्याप्त बुराइयों की संभावनाओं के खिलाफ सशक्त समाज के लिए वैचारिक क्रांति का दर्शन प्रस्तुत किया।
- श्रीकृष्ण ने प्रेम, आध्यात्म और दर्शन के माध्यम से अथवा सुदर्शन चक्र के प्रयोग के माध्यम से न्याय को स्थापित करने का काम किया तो गुरु बालकदास ने गुरु घासीदास बाबा के "मनखे मनखे एक समान" के सिद्धान्त को स्थापित करने के लिए रावटी, शांति सद्भावना सभा और शक्ति के माध्यम से दुराचारियों को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। अर्थात दोनो ही पहले शांति का संदेश लेकर आते हैं और दुष्टों को भी एकमत होने का अनुरोध करते हैं और जब दुष्ट शांति संदेश को मानने से इनकार करके न्याय स्थापित करने में अवरोध पैदा करते हैं तो दुष्ट के नरसंहार के लिए शक्ति का प्रयोग करते हैं ताकि हर मनुष्य को समान जीवन और सम्मान का अधिकार मिल सके।
- श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास दोनों ही जबतक अत्यंत आवश्यक न हो अर्थात थोड़ा भी शांति और सुलह की संभावना हो तब तक हिंसा के मार्ग का विरोध करते हैं।
- श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास दोनों ही शाकाहार की बात करते हैं और गाय को माता मानते हैं।
- श्रीकृष्ण आत्मा को अजरअमर और शोकमुक्त बताते हैं तथा उनका मानना था कि पुनर्जन्म और मोक्ष और मोक्ष उपरांत पुनः मनवांछित जन्म मिलता है वे इसके लिए भगवान ब्रम्हा को उत्तरदायी समझते हैं तो वहीं गुरु बालकदास जीवन काल में ऐसे कर्म करने का सलाह देते हैं जिससे सतलोक (पृथ्वी) में जीवन के दौरान ही आपका परलोक अर्थात अमरलोक (मृत्य उपरांत नाम की अमरता) निर्धारित हो सके।
- श्रीकृष्ण पांच तत्वों की उपलब्धता को साबित करते हुए सृष्टि के संचालन के लिए इन पांचों तत्व को जिम्मेदार बताते हैं तो ठीक कृष्ण के समानांतर ही गुरु बालकदास भी पांच तत्व (सतनाम) को ही सृष्टि की रचना और संचालन के कर्ताधर्ता मानते हैं।
- श्रीकृष्ण के अनुयायी उनके जन्मोत्सव मनाने के लिए उनका व्रत उपवास रखते हैं और दहीहांडी खेल का आयोजन करते हैं तो वहीं गुरु बालकदास के अनुयायी जैतखाम और निशाना में पालो चढाते हैं, पंथी नृत्य करते हैं और मंगल चौका आरती गाते हैं।
मंगलवार, अगस्त 13, 2024
अबूझमाड़ खेल उत्सव के अंतर्गत जिला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता-2024 का कलेक्टर-एसपी ने किया शुभारंभ : जिले के हुनरमंद खिलाड़ियों के लिए अच्छा मंच प्रदान करने पुलिस विभाग का आयोजन
सोमवार, जुलाई 22, 2024
Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 25
शुक्रवार, मई 17, 2024
Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 24
मंगलवार, मई 14, 2024
नक्सलमुक्त अबूझमाड़ की दिशा में नारायणपुर पुलिस एक कदम और बढ़ी आगे; अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत मोहंदी में खुली चौथी पुलिस कैम्प
बुधवार, मई 01, 2024
नारायणपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता : डीआरजी और STF जवानों ने 10 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया; बड़ी संख्या में बरामद किया हथियार, विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग की वस्तुएं
- “माड़ बचाओ अभियान” : आपरेशन काकुर-टेकमेटा
- रक्षा बलों के लिए माड़ अब नही रहा अबूझ|
- नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में “माड़ बचाओ अभियान” है।
- “माड़ बचाओ अभियान” के तहत काकुर-टेकमेटा में बड़ी सफलता | छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर के समीप काकुर-टेकमेटा के पास छत्तीसगढ़ Elite फाॅर्स DRG और STF ने चलाया सफल संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान
- कुल 10 नक्सलियों के शव हुए बरामद, बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की भी है सूचना, देखें हार्डकोर नक्सलियों की सूची और फ़ोटो
- मारे गए नक्सलियों में एक SZCM, दो DVCM और दो ACM रैंक के नक्सली मारे गए अधिकांश नक्सली गडचिरोली क्षेत्र में सक्रिय उत्तर गडचिरोली डिवीज़न और माड़ डिवीज़न के
- एक AK 47, एक INSAS, दो .303, एक .315, एक 12बोर, 3 भरमार और बीजीएल लांचर के अलावा भरी मात्रा में विस्फोटक और कारतूस बरामद
- नारायणपुर के सोनपुर कैंप और कांकेर के छोटेबैठिया से कूल 240 DRG और 590 STF जवान लगभग 40 KM ज्यादा दुरी तक गश्त करते पहुंचे काकुर परफेक्ट ऑपरेशन की मिसाल बनी ये ऑपरेशन। 60 से 70 KM चले, पूरे माड़ में सर्च और गश्त किया, शीर्ष नेताओं तक पहुंचे और बिना किसी शिकन या खरोच के अभियान को अंजाम दिया। पुलिस के सभी जवान सुरक्षित
- "माड़ नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र" और "सभी जगह के नक्सली अंततः माड़ में एकत्रित होंगे" जैसी धारणाओं पर नारायणपुर पुलिस और छत्तीसगढ़ के elite एंटी नक्सल फोर्सेस डीआरजी और एसटीएफ का तगड़ा प्रहार।
- छत्तीसगढ़ में सभी प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ने की योजना बना रहे थे . नारायणपुर पुलिस और elite force डीआरजी और एसटीएफ ने नक्सलियों के विस्तारीकरण के इस मनसूबे पर पानी फेर दिया।
- Narayanpur Police
- Maad Bachao Abhiyan: Operation Kakur-Tekemeta
- Press Brief: Security Forces Penetrate Naxal Stronghold in Maad Region, Narayanpur
- In a significant breakthrough, the Narayanpur Police and Chhattisgarh's elite anti-Naxal forces, including the District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), have shattered the long-held myth of Maad being an impregnable sanctuary for Naxalites. Following a meticulously planned operation, security forces not only dispelled notions of Maad being a safe haven for Maoists but also dealt a severe blow to the top leadership of Naxalites.
- Contrary to the belief that Naxalites could operate with impunity in Maad, security forces undertook an exhaustive search spanning the entire region, covering a staggering distance of 60 KM. This relentless pursuit led them to the very heart of Naxal activity, where they apprehended key leaders, sending shockwaves through the Maoist ranks.
- In a significant victory against Naxalites, the Narayanpur Police successfully conducted a meticulously planned operation on April 28th, 2024, from Narayanpur.
- Deploying a combined force of 900 soldiers, including District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), the operation covered a distance of 40 KM in the pursuit of Maad Division Naxal targets.
- The culmination of the operation on April 30th, 2024, witnessed an intense exchange of fire lasting from 3:50 am to 8:00 pm. As a result, 10 Naxalites, including leaders from Maharashtra, Telangana and Bastar, were neutralized. It's worth noting that the majority of the Naxalites Cadre from the Gadchiroli Division, with links to the press team of Gadchiroli.
- Remarkably, the operation resulted in zero casualties among our brave police forces, a testament to their skill and professionalism.
- The success of this operation has instilled a sense of fear among the upper tier of Naxal leadership. With the security forces closing in on their strongholds, distrust among Naxal ranks is at an all-time high, as senior members grow suspicious of their juniors and local sympathizers.
- Dubbed as the "Maad Bachao" campaign, the anti-Naxal drive aims to liberate Maad and its inhabitants from the clutches of foreign Naxal ideologies. An earnest appeal is extended to those attracted by the allure of Maoist doctrines to renounce violence, embrace mainstream society, and contribute to the noble cause of safeguarding Maad.
- The operation exemplifies flawless execution, characterized by meticulous planning and unwavering determination. Despite the arduous terrain and formidable challenges, security forces executed the mission with precision, leaving no room for error.
- Moreover, this operation not only dealt a significant blow to Naxal activities in Chhattisgarh but also thwarted their plans for expansion into neighbouring territories, including Maharashtra. The resounding success underscores the commitment of security forces to uphold peace and security in the region.
- As the security apparatus continues its relentless pursuit of Naxal elements, the message is clear: there is no sanctuary for those who seek to disrupt the peace and stability of our communities. Through steadfast resolve and coordinated efforts, we will ensure that the ideals of peace and progress prevail over the forces of violence and extremism.
- During the course of the operation, significant material dumps were discovered at Naxalite hideouts, containing a cache of explosive materials, IEDs, pressure cookers, codex wires, computers, printers, satellite communication devices, JCB excavating machines, daily household goods, Naxal literature, solar plates, and utensils.
- In the nearby areas of Tekemeta and Kakur DRG Narayanpur, Kanker and BSF teams are continuously doing area domination to secure the area.
- This successful operation underscores the effectiveness of technical inputs, strategic planning and coordination among security forces. It's noteworthy that one week of meticulous planning, with the active involvement of senior police leadership, contributed to the operation's success.
- One Ak-47 with one magazine and 26 live rounds
- One 5.56 INSAS Rifle
- Two .303 Rifle
- One .315 Rifle
- One 12 Bore Rifle with 7 live rounds
- Three Bharmar Rifle
- One Barrel Grenade Launcher with 4 live grenade shells
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