Law of Gravity गुरुत्वाकर्षण का नियम के बारे में बेसिक जानकारी
Basic information about Law of Gravity
गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Gravity) न्यूटनीय भौतिकी का एक महत्वपूर्ण नियम है। इस नियम के अनुसार, दो वस्तुएं (या भौतिक पदार्थ) एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं और इस आकर्षण की ताकत दो वस्तुओं के मास और इनके बीच की दूरी के वर्ग के उम्मीदवार होती है।
गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, हर दो वस्तुओं के बीच में एक आकर्षणीय बल होता है, जो वस्तुओं के मास और दूरी के सम्मिश्रण के समानुपातिक होता है। इस नियम के अनुसार, दो वस्तुएं जितनी भी दूर एक दूसरे से हों, आपस में इतने ही मास के सम्मिश्रण के समानुपातिक आकर्षण का सामना करती हैं। यह नियम हमारे दिनचर्या में भी प्रभावी होता है, जैसे कि धरती की ओर हमें नीचे खींचता है, इसी तरह से धरती को सूर्य खींचता है जो हमारे चारों ओर ग्रहों को चक्रवाती गति में धावित करता है।
गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Gravity) भौतिकी विज्ञान (Physics) का एक महत्वपूर्ण नियम है। इस नियम को इसके खोजकर्ता, न्यूटन, के नाम पर भी न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton's Law of Gravity) कहते हैं। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का नियम 1687 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "ग्रेविटेशन" (Principia Mathematica) में प्रकट किया था। इसके अनुसार, दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण की ताकत प्रत्येक वस्तु के मास (भार) के उम्मीदवार पर प्रत्येक वस्तु के बीच की दूरी के वर्ग का प्रतिशत (G) होता है। गुरुत्वाकर्षण का नियम भौतिकिय विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी होता है, जैसे खगोलशास्त्र, इंजीनियरिंग, और अंतरिक्ष विज्ञान में। यह नियम इंजीनियरिंग और भूगर्भिकीय गतिविद्या में भी महत्वपूर्ण है, जहां वस्तुओं के बीच के दबाव, संतुलन, और गति के संबंध में इसका प्रयोग किया जाता है।
गुरुत्वाकर्षण ने सौरमंडल के ग्रहों के बीच उनके चक्रवाती गति का कारण स्पष्ट किया है और यह भौतिकी विज्ञान में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में भी देखा जा सकता है।
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