HARELI हरेली विशेषांक : जानें छत्तीसगढ़ की परम्परा अनुसार क्या -क्या होता है हरेली में
# हरेली पर्व को श्रावण अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
# हरेली को हरियाली के नाम से भी जाना जाता है।
# हरेली सुख, समृद्धि और खुशहाली का उत्सव है।
# हरेली में किसानों द्वारा नागर, रापा, गैती, कुदरी, टंगिया और हसिया इत्यादि कृषि उपकरण की साफ सफाई की पूजा की जाती है।
# हरेली के दिन पशुधन की पूजा की जाती है तथा लोई खिलाया जाता है।इसके बाद पशुधन की सम्मान में उन्हें दईहान से एक दिन के लिये उरला छोड़ दिया जाता है ताकि पशुधन खेतों की फसल को चर सके जिससे धान की फसल में नये पिका आ सके।
# हरेली के दिन दरवाजा में औषधीय पौधे एवं नीम की डालियां लगायी जाती है।
# हरेली के दिन गांव के मुखिया एवं बैगा द्वारा गांव बनाने का विधान है।
# हरेली के दिन बालक बालिकाओं एवं युवाओं द्वारा गेंडी खपवाकर चढ़ा जाता है।
# हरेली के दिन ग्रामीण जन जीवन में अनेकों प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है।
# हरेली के दिन गृहणियों द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे चीला, बरा, फरा, ठेठरी, खुरमी और अरसा इत्यादि पकवान बनाया है।
हरेली पूजा
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अच्छी लेख, बधाई
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