बेटी मेरी - MERI BETI
कवि : हुलेश्वर प्रसाद जोशी
गीता बाइबिल और कुरान से
है बेटी मेरी महान।
तू क्या जाने ‘मूर्ख सखा’
जिसे बस बेटा लगे सुजान।।
नहीं करती है भेद
न करती है विच्छेद।
बस करती है
‘खुशियों से’
सारे जग का अभिषेक।
न सिखाती घृणा युद्ध
न करती है ये छुब्ध।
ऐसी मेरी बेटी है
जानो जैसे है ये बुद्ध।
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# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?
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