मेरे दिल में - MERE DIL MEN
कवि : हुलेश्वर प्रसाद जोशी
कोई हसीन ख्वाब लेकर आ मेरे दिल में
बिना बुलाए बस जा, मेरे दिल में।
मैं करीब ही तो हूँ कहीं
तेरे दिल में
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा
मेरे दिल में।।
मुझे किसी मंजिल की जरूरत नहीं
तेरे जाने के बाद, मेरे दिल में।
एक भोली सुरत बनकर आ जाओ
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में।।
कोई आँखों से पुकारती है
समाँ कर मेरे दिल में
कोई छिपकर चोरी से देखती
है मेरे दिल में।
प्लीज तुम भी आ जाओ न
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा
मेरे दिल में।।
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# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?
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