"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, फ़रवरी 22, 2023

हाँ, मैं टैक्सपेयर हूँ - HAN MAIN TEXPAYER HUN

    

हाँ, मैं टैक्सपेयर हूँ - HAN MAIN TEXPAYER HUN 
कवि : हुलेश्वर प्रसाद जोशी 

मैं टैक्सपेयर हूँ।

भारत का मैं आम नागरिक हूँ।

मैं मनुष्य हूँ और मानवता का समर्थक।

 

चाहे क्यों न

मेरे बच्चे

प्राइवेट स्कूल-कॉलेज में पढ़ते हों

या चाहे क्यों न

मेरा पूरा परिवार

निजी अस्पताल में इलाज करवाता हो।

 

फिर भी

मैं चाहता हूँ, कि

स्वास्थ्य और शिक्षा

पूर्णतः निःशुल्क हो।

 

क्योंकि

मैं मानव हूँ।

मानव-मानव एक समान

और

जम्मो जीव हे भाई बरोबर

के सिद्धान्त का समर्थक हूँ।

 

हाँ!

हाँ, मैं चाहता हूँ कि;

“सब समान हों”

मानव-मानव में कोई भेद न हो।

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

जो आज निर्धन हैं  

गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं

उनके बच्चे भी

अच्छे विद्यालय में पढ़ सकें।

मेरे बच्चों के समान उन्नति कर सकें।

 

हाँ

मैं चाहता हूँ कि;

गरीबों को भी

उनकी मेहनत का पूरा-पूरा श्रेय मिले

उन्हें भी

मेहनत करने

और

उन्नति करने का अवसर मिले।

 

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

जो गरीब हैं

वो भी

आनन्द के साथ

जीवन जी सकें ।

परिवार के साथ समय बिता सकें।

अच्छे और सेवन स्टार होटल में खाना खा सकें।

होटल ताज में रात बिता सकें

और

टूर में विदेश भी जा सकें।

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

गरीबों के बच्चे भी

यूपीएससी

और

देश के प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग

फ़्री में कर सकें।  

आईएएस, आईपीएस अधिकारी बन सकें।

वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसर बन सकें।

 

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

उन्हें भी सम्मान मिले।  

वो देश के सर्वोच्च पदों में नियुक्त

और

निर्वाचित हो सकें।

इसके लिए उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें न रोके।

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

गरीब के बच्चे भी

मेरे बच्चों से आगे आएँ।

उन्हें भी

अपनी योग्यता साबित करने के लिए

समान अवसर मिल सके ।

 

हाँ!

मैं चाहता हूँ कि;

गरीब के बच्चे भी

ए.सी. बस से स्कूल कॉलेज जा सकें।

ए.सी. कमरे में

अध्ययन कर सकें।

आईआईटी और आईआईएम में पढ़ सकें।

 

हाँ!

हाँ, मैं पूर्णतः समानता का समर्थक हूँ।

क्योंकि मैं जानता हूँ कि;

मेरिट अवसर का प्रतिफल है।  

सुविधाओं का प्रतिबिम्ब है।  

इसलिए

मैं चाहता हूँ, कि 

मेरिट और ज़ीरो के सिद्धांत में

बदलाव हो।


----------------------------


काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?

--------------------------------------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो


Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख