भारत के लाज अँव मैं
मोला सँग लगाले।
तहूँ ल अपन सँग ले जाहूँ
मोर सँग तँय जोरिया ले।
मन मंदिर म तोला बसाएँव
तहूँ मोला बसाले।
दाई-ददा के लाज राखे बर
मोर सँग तँय हरियाले।
भारत के लाज अँव मैं,
मोला सँग लगाले।।
भारत के लाज अँव मैं
मोला सँग लगाले।
दूरिहा खडे हँव पराय जात
अस
अपन जात अपनाले।
दुनों के रंग
खून हे लाली
लाली लाल रचाले।
करिया गोरिया के भेद काबर
?
मानुस जात चिनहा ले।
भारत के लाज अँव मैं, मोला सँग लगाले।।
भारत के लाज अँव मैं
मोला सँग लगाले।
तेली, सतनामी अउ राउत
बामहन ठाकुर कहाले।
मैं चाही गोंड़ अऊ मुरिया होअँव
भाई भाई कहाले।
हिन्दू चाहि मुश्लिम इसाई
मनखे मनखे चिनहाले।
भारत के लाज अँव मैं,
मोला सँग लगाले।।
भारत के लाज अँव मैं
मोला सँग लगाले।
कुदरी, टँगिया हाथ हे मोर
हसिया घलो धराले।
चरोटा भात के खवइया सँगी
चना मुर्रा खवादे।
रोजी मँजूरी नई करँव अब
जोशी सँग सुमता बइठादे।
भारत के लाज अँव मैं, मोला सँग लगाले।।
भारत के लाज अँव मैं
मोला सँग लगाले।
चना ओनहारी के उपजइया मँय
भले अँकरी म खवाले।
पेट भरइया
आवव ‘मैं किसान’
भूखा पेट सोवाले।
भारत के लाज अँव मैं,
मोला सँग लगाले।।
भारत के लाज अँव मैं,
मोला सँग लगाले।।
# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?
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