"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, फ़रवरी 22, 2023

भगवान ह सोवत हे - BHAGWAN HA SOWAT HE

                                      

भगवान ह सोवत हे - BHAGWAN HA SOWAT HE
 

मुंधियार असन लागे जिनगानी

बिन अंतस के महारानी।

बनगे अप्पट धरसा

होगे सुरुज के उगना ह कहानी।

देख सुकुवा उए के सपना

मन मगन हो जाथे।

मोर कलूठा

करिया अंतस म

होली के रंग हे मितानी।।

 

घमण्डी देख

काया के सुघराई।

बाँचे

कोयली अऊ बन चिरई।

का होगे तोला रे निरमोही।

तन चांटे   

जइसे

घीव ल बिलई।।


झाँक

तोर अंतस के भीतरी ल 

जँक लगत हे।

करिया कठोर

छुए म

घाँव जमत हे।

काबर ?

तन के घमंड म

मरे जावत हस।

तोर अंतस के भगवान ह सोवत हे ।।



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# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?

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