आखिर क्यों ? - AAKHIR KYON ?
कवि : हुलेश्वर प्रसाद जोशी
आखिर क्यों
फिर से
हसीन रातों को
रात बना दूँ ?
और
पेट पड़े भोजन को
बदहज़मी करा दूँ ?
जिस खुशबू का
इंतिजार था
कब से स्वागत के लिये
फिर क्यों
मैं हवा में जहर मिल दूँ ?
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# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?
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