"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, सितंबर 15, 2021

बहनों और बेटियों के नाम संदेश; बालिकाएँ ख़ासकर अविवाहित लड़कियाँ इन तेरह सुझाव को जरूर पढ़ें ...

बहनों और बेटियों के नाम संदेश; बालिकाएँ और लड़कियाँ इसे जरूर पढ़ें ...

मैं इसके  (लेख के )माध्यम से केवल १३ सुझाव दे रहा हूँ क्योंकि ये तेरह सुझाव आपके (तेरे / तेरा) जीवन को बेहतरीन बनाने के लिए कारगर साबित होने वाले हैं। 

बालिकाएँ, ख़ासकर अविवाहित लड़कियाँ जिसमें मेरी बहनें और बेटियाँ भी शामिल हैं, उनसे अनुरोध है कि वे:  

1- अपनी सारी मर्यादाओं, धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक नियमों को ख़ुद के अनुसार स्वयं ही तय करें; दूसरे के तय किये गए की नकल करना बुद्धिमानी नहीं है।

2- आपकी जीवन दुनियाभर के सभी जीवन में सबसे अधिक अनमोल और महत्वपूर्ण है तथा आपकी आज़ादी आपके जीवन के लिए आवश्यक और अनिवार्य तत्व है।

3- कभी भी किसी भी शर्त में ग़ुलामी स्वीकार न करें; बिना सोचे समझे दूसरे की बातों में आना, चुगली का शिकार होना भी मानसिक ग़ुलामी ही है।

4- यदि आप विवाह करने वाले हैं तो उसके पहले आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर लें। अपने से कम उम्र, ओहदे और शिक्षा वाले लड़के को ही जीवनसाथी बनाएँ ताकि आपके साथ प्रताड़ना की संभावना कम हो और जीवन में सारे अनिवार्य आज़ादी मिलता रहे।

5- पुरुष प्रधान सामाजिक मानसिकता को त्यागें। पति परमेश्वर, भगवान या श्रेष्ठ नहीं होता ये जान लें। पति मित्र है, जीवन की यात्रा में वह सहयोगी से बढ़कर कुछ नहीं है।

6- विवाहोपरांत यदि आपकी पति आपकी पिटाई करे तो आप भी आत्मरक्षा के सारे कदम उठा सकती हैं। इस स्थिति में पति को पीटना धर्म के अनुकूल है।

7- किसी भी स्थिति में प्रताड़ना को हावी न होने दें; प्रताड़ित होकर आत्मघाती कदम उठाना मूर्खता से बढ़कर कुछ नहीं है।

8- विवाहोपरांत पति पक्ष पर झूठे आरोप लगाना घोर अधार्मिक कदम है। यदि वास्तव में दहेज़ अथवा अन्य प्रताड़ना से आप गुज़र रहे हों तो जितना सही है उतने ही बिंदुओं पर कार्यवाही के लिए कंप्लेन करें.. बढ़ा चढ़ाकर अथवा अन्य पारिवारिक सदस्यों को बेवजह न फँसायें।

9- अपनी इच्छाओं का दमन करना और दबावपूर्ण जीवन जीने को मजबूर होना आत्महत्या के समान है।

10- "स्त्री सेक्स करने, बच्चे पैदा करने और सेवा करने की मशीन नहीं है।" इसे भलीभांति जान लें।

11- पूरे ब्रम्हाण्ड में नर और मादा का बराबर का योगदान है इसलिए कोई उच्च या कोई नीच नहीं है।

12- नियमित रूप से किताबें पढ़ें, यथासंभव पढाई जारी रखें और शोध करें। समय समय पर यूट्यूब के माध्यम से नए स्किल्स सीखें और मोटिवेशन स्पीकर्स को भी सुनें। 

13- अपने कार्यकलाप और जीवनशैली की समीक्षा करते रहें, देशकाल और समय के अनुसार बेस्ट जीवनशैली अपनाएँ।  

हुलेश्वर जोशी
नारायणपुर, छत्तीसगढ़

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