"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


शुक्रवार, अप्रैल 09, 2021

बस्तर के मेरे प्यारे नक्सली भाईयों प्लीज क्रूरता, हत्या और मृत्यु का रास्ता छोड़कर...... आत्मसमर्पण करके आम नागरिक बनो, देश के शीर्ष अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मंत्री और जज बनो: श्री एच.पी. जोशी

बस्तर के मेरे प्यारे नक्सली भाईयों प्लीज क्रूरता, हत्या और मृत्यु का रास्ता छोड़कर...... आत्मसमर्पण करके आम नागरिक बनो, देश के शीर्ष अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मंत्री और जज बनो: श्री एच.पी. जोशी

दोस्तों आपको बता दूं कि ‘‘लोकतंत्र में हथियार उठाना कायरता की मिशाल है।’’ आपके शीर्ष लीडर अपने नाम बदलकर अरबपति का जीवन जी रहे हैं और उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं जबकि आप जैसे आम जनता को ये लागे गुमराह करके आपके शोषण करते हैं..... आपको सरकार में होना चाहिए और ये आपको ही सरकार के खिलाफ नक्सली बना रहे हैं।

वास्तव में हथियार उठाना कायरता और बुझदिली की निशानी हैं इसलिए आपसे निवेदन है कि आप आत्मसमर्पण करें और लोकतंत्र में भागीदार बनकर सिस्टम सुधार के जनक बनें। नक्सलवाद को बढ़ावा देने वालों का सदैव आरोप रहता है कि सरकारी तंत्र उन्हें उपेक्षित रखता हैं उन्हें समुचित संवैधानिक अधिकार नहीं देता तो यह झूठ है क्योंकि संविधान में सरकार का दायित्व निर्धारित कर दिया गया है कि सरकार देश के सभी नागरिकों को उनके अधिकारों को प्रदान करे, इसके लिए बाकायदा न्यायालय और मानव अधिकार आयोग भी है जो नागरिकों के सभी अधिकार को समान रूप से संरक्षित करते हैं, यदि आपको भी कोई समस्या है तो आम जनता की भांति न्यायालय की शरण में चलो।

खूनी आतंक के पर्याय बन चुके नक्सलियों के शीर्ष नेताओं को पता है कि इन हिंसा और उपद्रव से उन्हें आर्थिक लाभ मिलता रहेगा इसलिए नीचे के छोटे मोटे नक्सली अर्थात हथियारबंद नक्सलियों को देश के वीर जवानों के खिलाफ छल कपट से लड़ने के लिए उकसाते हैं।

आपके बड़े लीडर के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, गोपनीय और अनगिनत नामों से नक्सली बनकर न केवल आम जनता को बल्कि आपको भी लूटने वाले ये लोग अरबपति बनकर बड़े ठाठ की जिंदगी जी रहे हैं आपका ब्रेनवॉश करके ये आपका शोषण कर रहे हैं और आपको आपके ही हाथों मानव अधिकारों से वंचित रहने को मजबूर कर रहे हैं। आपको बता देना चाहता हूं कि आप आत्म समर्पण करके सबसे अच्छे, सुविधायुक्त और ठाठ के जीवन जी सकते हैं जिसपर आपका पूरा अधिकार है, संभव है आपको मेरे बातों पर विश्वास न हों इसलिए आपसे विनती है अपने आसपास के आत्म समर्पित नक्सलियों और आपके जीवन की तुलना करके देख लीजिए। कभी आपके साथ घोर जंगल, पहाडी में भटकने वाला इंसान सुख से अपने परिवार के साथ अपना जीवन व्यतित कर रहे हैं।

मेरे बस्तर के मूल निवासी भाईयों आप लोगों को समझना होगा कि किस तरह से ये लोग आपके शोषण करने में लगे हैं और कैसे बड़े चालाकी से आपको आपके परिवार, समाज और देश के खिलाफ कर चूके हैं। आपको समझना होगा, आपको जागरूक होना होगा, जितना जल्दी हो सके आपको अपने शीर्ष लीडर के चालाकी और मानसिकता की समीक्षा करके आत्मसमर्पण करना होगा और लोकतंत्र में भागीदार बनकर, चुनाव लड़कर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद और मंत्री बनकर अपने लोगों को विकास की नई दिशा दिखाना होगा उन्हें शिक्षा और उच्च शिक्षा के माध्यम से स्वयं और अपने बच्चों को आईएएस, आईपीएस जैसे शीर्ष अधिकारी बनाना होगा।

आपको पता होनी चाहिए कि नक्सली बनकर आप बेहतर जीवन की कल्पना भी नहीं कर पा रहे हैं जबकि आमतौर पर हर नागरिक को बेहतर जीवन के लिए सारे आवश्यक अवसर उपलब्ध हैं। सरकारी तंत्र हर प्रकार के सुविधाओं जैसे निःशुल्क आवास, निःशुल्क राशन, निःशुल्क चिकित्सा, निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क स्कील, निःशुल्क सुरक्षा और निःशुल्क कानूनी संरक्षण उपलब्ध कराता है जबकि आप नक्सली बनकर अपने इन अधिकार से वंचित दशहत, डर और भययुक्त जीवन को अपना साथी समझ बैठे हैं। आप सिस्टम में वापस आईये फिर आपको यदि लगेगा कि आपके साथ आपके लोगों के साथ अन्याय हो रहा है तो अभिव्यक्ति की आजादी का लाभ उठाईये, सरकार से लोकतांत्रिक तरीके से मांग करिए।

आपको गुरू घासीदास बाबा के बारे में जानना होगा जिन्होने कहा है कि सभी मनुष्य एक समान हैं। आपको इस बात को भी जानना होगा कि हर मनुष्य भाई बहन के समान हैं। मैं आपसे फिर से अपील करता हूं कि आओ, लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हुए अपने हक और अधिकार को हासिल करो, मरना या मारना इसका कोई विकल्प ही नहीं है। आप जिन सशस्त्र बल, पुलिस और सहायक सशस्त्र बल के जवानों से लड़ रहे हो, जिन्हें शहादत के लिए मजबूर कर रहे हो वे सब आपके बचपन के साथी या भाई ही हैं। आपके सामने ऐसे दर्जनों अवसर भी आये हैं जब आपके बंदूक के निशाने पर आपके ही भाई बहन होते हैं, आपके नक्सली लीडर आपके परिवार के सदस्यों के ऊपर मुखबिर होने का झूठा आरोप लगाकर आपसे ही मरवा देते हैं और आप उनके झांसे में आकर आपके अपने परिवार और रिश्तेदारों की भी कत्ल कर जाते हैं। आपको एक बार अपने आंखों के चश्मे उतारकर अपने और आम जनता के जीवन शैली की समीक्षा करनी होगी, तब समझ में आएगा कि उन्होनें आपको कितने गहरे पानी रखे हैं। थोड़ा अपने घर परिवार को झांक कर तो देखो और बताओ आपके पास कितने मोबाइल फोन है, कितने लेपटॉप है, कितने टेलीविजन है, कितने सोफा, कितना पलंग, कितने दीवान, कितने आलमारी और कितने लॉकर है?

नक्सली भाइयों मेरा आपसे कुछ प्रश्न है :-
1- क्या कभी आपने बिना भय के जीवन जीया है?
2- क्या कभी बिना हथियार के खुद को सुरक्षित पाते हो?
3- क्या आप नक्सली बनने के बाद सुख, चैन के साथ परिवार के साथ जीवन का आनंद ले पाते हो?
4- क्या आपके नक्सली लीडर आपको वैवाहिक जीवन, परिवार और अच्छे आवास की व्यवस्था उपलब्ध करा सकते हैं?
5- क्या आपने कभी अच्छे और मनचाहे कपड़े कभी पहना है?
6- क्या कभी मनचाहे पर्यटकों में घूमने का अवसर पाया है?
7- क्या कभी शहरों में जाकर मॉल, शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर, सर्कस, मेला, उद्यान और चौक चौपाटी में जीवन का आनंद लिया है?
8- क्या कभी आप अपने परिवार और समाज के साथ कहीं पिकनिक या टूर में गया है?
9- क्या नक्सली बनने के बाद आपको किसी पारिवारिक सदस्यों, समाज या सरकार ने कभी सम्मानित किया है?
10- क्या आपको नहीं लगता कि आप भी मंत्री बनें, संसद या विधायक बनें?
11- क्या कभी आपने अपने परिवार के साथ एसी, कूलर लगे घर जिसमें सोफा हो, बड़ा सा महाराजा सेट वाला पलंग और लाइव टेलीकास्ट हो रहे टेलीविजन के सामने अपने परिवार के साथ मिलकर चाय नाश्ता और भोजन किया है?
12- क्या कभी आपने परिवार के साथ कुछ फ़िल्म, कुछ सीरियल, रोमांटिक गानें और मजेदार चुटकुले सुना है?
13- क्या आपको आपके लीडर जैसे सुविधाएं मिलती है; क्या आपके बच्चे आपके लीडर के बच्चों के बराबर उनके साथ उनके स्कूल कॉलेज में पढ़ते हैं?
14- क्या आपको और आपके बच्चों को विभिन्न भाषाओं को पढ़ना लिखना आता है? पढ़ना लिखना नहीं आता इसीलिए तो आपके लीडर आपको बेवकूफ बनाकर मजा कर रहे हैं।

मुझे विश्वास है इन चंद प्रश्नों के लिए आपका हर जवाब 'नहीं' में होगा, मैं जानता हूँ आपसे सैकड़ों ही नहीं हजारों प्रश्न भी करूँगा तो भी आपके सारे जवाब 'नहीं' में ही रहेगा। इसलिए यदि आपको जीवन का असली आनंद लेना हो तो आओ हिंसा को त्याग कर हमारे साथ जीवन का आंनद लीजिए... सुखद जीवन के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ दो, प्रेम और सद्भावना को अपने जीवन में स्थान दो। आपके ईश्वर ने आपके आराध्य ने और आपके माता पिता ने आपको सुख सुविधाओं से युक्त सुखद जीवन जीने के लिए जन्म दिया है इसलिए जीने का आनंद लो। आइए क्रूरता, हत्या और मृत्यु का रास्ता छोड़कर, नक्सली लीडरों के चमचागिरी को त्यागकर अच्छे जीवन का विकल्प चुने...... आत्मसमर्पण करके आम नागरिक बनें, अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मंत्री और जज बनें।

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