"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


मंगलवार, दिसंबर 28, 2021

बस्तर फाइटर के 1000 अभ्यर्थियों को एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल और कलेक्टर श्री धर्मेश साहू ने बांटी किताबें, एसपी ने भविष्य में निरंतर आगे बढ़ने के लिए दी अपनी शुभकामनाएं

बस्तर फाइटर के 1000 अभ्यर्थियों को एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल और कलेक्टर श्री धर्मेश साहू ने बांटी किताबें, 
एसपी ने भविष्य में निरंतर आगे बढ़ने के लिए दी अपनी शुभकामनाएं 

आज दिनाँक 28/12/2021 को एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, कलेक्टर श्री धर्मेश साहू, वनमंडलाधिकारी श्री शशिगानंदन क. एवं एएसपी श्री नीरज चंद्राकर के हाथों नारायणपुर पुलिस द्वारा बस्तर फाइटर के लिए संचालित निःशुल्क फिजिकल अभ्यास सह कोचिंग में शामिल अभ्यर्थियों तथा नारायणपुर जिले के बस्तर फाइटर के अन्य अभ्यर्थियों को लगभग 1000 एजुकेशनल किट (बस्तर फाइटर के लिए मानक क़िताब और नारायणपुर पुलिस द्वारा तैयार "हिंदी-गोंडी संक्षिप्त शब्दकोश") प्रदान किया गया।

डीआरजी, ग्रेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बस्तर फाइटर के अभ्यर्थियों को भविष्य में निरंतरआगे बढ़ने के लिए अपनी  शुभकामनाएं देते हुए एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल ने कहा कि आप सभी खासकर जो अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्र से हैं अच्छी तैयारी और कड़ी मेहनत के दम पर नौकरी पा सकते हैं ताकि आप अपने क्षेत्र की सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।

कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्री धर्मेश साहू ने कहा कि नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित ट्रेनिंग, मार्गदर्शन और एजुकेशनल किट न सिर्फ बस्तर फाइटर भर्ती वरन सेनाओं और राज्य व देश के दर्जनों पुलिस और सशस्त्र बलों में नियुक्त के लिए कारगर साबित होगा। डीएफओ श्री शशिगानंदन क. ने अपना अनुभव शेयर करते हुए सफलता प्राप्ति तक अपनी तैयारी जारी रखने की सलाह दी।इस दौरान डीएसपी श्री अनुज कुमार, डीएसपी श्री रितेश श्रीवास्तव, डीएसपी सुश्री उन्नति ठाकुर, डीएसपी सुश्री मोनिका मराबी, आरआई श्री दीपक साव और एसआई श्री गणेश यादव उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, IPS के मार्गदर्शन में संचालित निःशुल्क अभ्यास-सह-कोचिंग का संचालन किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चन्द्राकर और रक्षित निरीक्षक श्री दीपक साव के अनुरोध पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा उप निरीक्षक संवर्ग भर्ती और आरक्षक बस्तर फाईटर के लिये निःशूल्क फिजिकल तैयारी और लिखित परीक्षा हेतु कोचिंग संचालन की अनुमति दी गई थी। अनुमति उपरांत दिनांक 01.10.2021 से आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हुआ जिसमें आरक्षक (बस्तर फाईटर) हेतु वर्गवार निम्नानुसार आवेदन पत्र प्राप्त हुए:
# अनुसूचित जनजाति - कुल 1149 (पुरूष- 645 और महिला- 504)
# अनुसूचित जाति - कुल 73 (पुरूष- 40 और महिला- 33)
# अन्य पिछड़ा वर्ग - कुल .200 (पुरूष- 132 और महिला- 68 )
# अनारक्षित वर्ग - कुल 44 (पुरूष-14 और महिला- 30)
कुल योग - 1466 (पुरूष-831 और महिला- 635) तथा उप निरीक्षक संवर्ग हेतु कुल 131 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। जिनकी दिनाँक 03.10.2021 से फिजिकल अभ्यास सह कोचिंग संचालित की जा रही थी। उप निरीक्षक संवर्ग हेतु संचालित लिखित परीक्षा की तैयारी जारी रहेगी।

शनिवार, दिसंबर 25, 2021

नारायणपुर पुलिस के सहयोग से शुरू हुई साप्ताहिक बाजार, 05 जिलों के संगम कडियामेटा (कडेमेटा) में अब हर शनिवार लगेंगे बाजार

नारायणपुर पुलिस के सहयोग से शुरू हुई साप्ताहिक बाजार, 05 जिलों के संगम कडियामेटा (कडेमेटा) में अब हर शनिवार लगेंगे बाजार

आईपीएस श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के मार्गदर्शन में जवानों ने श्रमदान करके किया साप्ताहिक बाजार स्थल की साफ सफ़ाई और बनाया बाजार लगने लायक

नारायणपुर के सुदुर अंचल में जिला के अंतिम पुलिस कैम्प कडियामेटा (कड़ेमेटा) में आज दिनांक 25.12.2021 को पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर के निर्देशानुसार पुलिस द्वारा साप्ताहिक बाजार का शुभारंभ हुआ है। उल्लेखनीय है कि यह स्थान दंतेवाडा, बीजापुर, कोण्डागांव, जगदलपुर और नारायणपुर जिला की संगम (केन्द्रबिंदु) पर स्थित है। स्थानीय लोगों की मांगो पर अमल करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के पहल पर कडियामेटा (कडेमेटा) में प्रत्येक शनिवार साप्ताहिक बाजार लगेगें। इस बाजार से बेचा, ईरपानार, आदेर, किलम, टेटम सहित अबुझमाड़ (नारायणपुर) और दंतेवाडा, बीजापुर, कोण्डागांव व जगदलपुर जिला के दो दर्जनों से अधिक गांव के हजारों लोग लाभान्वित होंगे, जिन्हें इसके पहले लगभग 30 किलोमीटर तक दूर बाजार करने जाने को मजबूर थे।

नक्सलियों की दशहत और विरोध की वजह से नहीं खुल पा रही थी बाजार:-
उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र अबुझमाड़ के सुदूर अंचल के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है जो जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां पूर्व में भी ग्रामीणों ने बाजार लगाने की कार्ययोजना बनायी थी, नक्सलियों द्वारा विरोध करने के कारण ग्रामीण बाजार लगाने में असफल हो गये थे। पिछले साल वर्ष - 2020 में ही यहां पुलिस की कैम्प खुली है जिससे यहां के लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना का विकास हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप ग्रामीणों ने अभी हाल ही में साप्ताहिक बाजार लगाने के लिये पुलिस-प्रशासन को संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था।

पुलिस खूद बनायेगी विक्रेताओं के लिये बैठक व्यवस्था:-
पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के निर्देशानुसार जवानों द्वारा स्थानीय विक्रेताओं को बताया गया है कि शीघ्र ही साप्ताहिक बाजार स्थल को ठीक कराया जायेगा तथा विक्रेताओं के लिये व्यवस्थित तरीके से प्रोडक्ट बेचने के लिये बैठक व्यवस्था बनाकर उन्हे सुपूर्द किया जाएगा। साथ ही बााजार करने आने वालों के लिये पुलिस द्वारा पीने के लिये पानी की भी व्यवस्था की जायेगी। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिस जवानों द्वारा ही श्रमदान के माध्यम से साफ सफाई कर बाजार स्थल को तैयार किया गया है।

लोगों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे:-
कडियामेटा (कड़ेमेटा) में साप्ताहिक बाजार खुलने से न सिर्फ वहां के लोगों को लम्बी दूरी जाने की मजबूरी से राहत मिलेंगी, उन्हें अपने पास के बाजार में ही उनके जरूरत की सामग्री मिलेंगी वरन् उन्हें रोजगार के भी अवसर मिलेंगे।

नारायणपुर पुलिस की उपलब्धि: नक्सलियों के मंसुबे पर फेरा पानी, अलग-अलग 02 स्थानों पर आईईडी बरामद कर किया डिफ्यूज

नारायणपुर पुलिस की उपलब्धि: नक्सलियों के मंसुबे पर फेरा पानी, अलग-अलग 02 स्थानों पर आईईडी बरामद कर किया डिफ्यूज

पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के निर्देशानुसार चल रहे रोड़ डिमायनिंग के दौरान आज दिनांक 25.12.2021 को नारायणपुर पुलिस की बीडीएस टीम ने थाना धनोरा क्षेत्रांतर्गत अलग-अलग 02 स्थानों पर आईईडी रिकवर सक्रियता दिखाते हुए उसे तत्काल डिफ्यूज किया है, बीडीएस टीम ने नक्सलियों द्वारा प्लांटेड रीमोट आईईडी टिफिन बम को डिफ्यूज कर फोर्स को बड़ी क्षति से बचा लिया है जिसके फलस्वरूप श्री जायसवाल ने बीडीएस टीम को उनके उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए नगद ईनाम की घोषणा की है साथ ही रोड़ डिमायनिंग की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश भी दिये हैं ताकि आईईडी रिकवर कर फोर्स को बड़े खतरे से बचाया जा सके।

नक्सली विकास कार्यों की प्रगति को प्रभावित करने की नियत से लगा रहे आईईडी:-
जिला नारायणपुर के सर्वांगीण विकास की लक्ष्य को पूरा करने के लिये पुलिस, सशस्त्र बल और केन्द्रीय बलों को जवान 24x365 सुरक्षा में तैनात होकर डटे हुए हैं। चूंकि नक्सली नहीं चाहते कि अबुझमाड सहित पूरे बस्तर का विकास हो। क्योंकि क्षेत्र की उन्नति के साथ ही उनका जनाधार भी कम हो रहा है जिसके कारण नक्सली बौखलाहट में आईईडी प्लांट करते हैं और फोर्स को क्षति पहुंचाने की नियत से हिट-एण्ड-रन के माध्यम से फोर्स को हानि पुहंचाते हैं। इसी के तहत् नक्सली विकास कार्यों की प्रगति को प्रभावित करने तथा फोर्स को हानि पहुँचाने की नियत आईईडी प्लांट कर रहे हैं।

डीआरजी की कडी सुरक्षा के बीच बीडीएस टीम का डिमायनिंग अभियान जोरो पर:-
पुलिस अधीक्षक श्री जायसवाल के निर्देशानुसार विगत कुछ महिनों से जिला के नक्लल प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर सर्चिंग अभियान चले रहे हैं। नक्सल गस्त और सर्चिंग के दौरान उनके साथ बीडीएस टीम भी साथ होती है। इसी के तहत् कार्यवाही के दौरान बीडीएस टीम को यह सफलता मिली है।

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गुरुवार, दिसंबर 23, 2021

आज़ादी पूर्व से आज तक अबुझमाड़ के जो लोग पैदल चलने को मजबूर थे अब सड़क बनने से मोटर सायकल और कार की करेंगे सवारी

आज़ादी पूर्व से आज तक अबुझमाड़ के जो लोग पैदल चलने को मजबूर थे अब सड़क बनने से मोटर सायकल और कार की करेंगे सवारी

नारायणपुर के अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर का दौरा लगातार, अबुझमाड़ के पहुंच विहीन क्षेत्रों को जोड़ने की कवायद तेज, अबुझमाड़ में बिछ रही सड़कों का जाल

आज दिनांक 23.12.2021 को पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल और कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू कोडोली से झारावाही होते हुए आकाबेडा की ओर जाने वाली सड़क निर्माण कार्य का संयुक्त रूप से निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होने थाना कुरूषनार क्षेत्रांतर्गत ग्राम हातलानार, जिवलापदर और झारावाही के लोगों से मिलकर चर्चा की, उनके समस्याओं को जाना और उन्हें यथाशीघ्र दूर करने कार्ययोजना पर मुहर लगाई। एसपी कलेक्टर के प्रवास के दौरान ग्रामीणों कोे नास्ता और बच्चों को नास्ता के साथ चाॅकलेट और मिठाईयां भी बांटे गये। स्थानीय लोग ये देखकर अचंभित और भावविभोर हो गये जब एसपी और कलेक्टर ने स्वंय मिठाईयां और चाॅकलेट बांटना शुरू कर दिया।

एसपी ने ग्रामीणों से कहा आप सबको पुलिस से सुरक्षा पाने का अधिकार है:-
पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल ने इस दौरान ग्रामीणों से कहा कि पुलिस और सशस्त्र बल के जवान, थाना और कैम्प आप सबकी सुरक्षा के लिये तैनात किये गये हैं ये आपके रक्षक और आपके उन्नति के लिये सहायक साथी हैं। जैसे कि आप सबको पता है हमारा यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, ये नक्सली आपके उन्नति और विकास में बाधक हैं ये चाहते हैं कि सरकार आपके लिये राशन दूकान, बिजली, पानी, आंगनबाडी, स्कूल, काॅलेज, अस्पताल, सड़क और मोबाईल टाॅवर जैसे मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध न करा सके ताकि वे भोले भाले अबुझमाड़िया लोगों को गुमराह कर सकें। याद रखियेगा, ये सारे मुलभूत आवश्यकताएं आपकी संवैधानिक अधिकार है, जो लोग आपके सुविधाओं के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं वे आपके दुश्मन हैं। पुलिस न सिर्फ आपकी सुरक्षा करती है बल्कि आपके उन्नति में भी सहायक हैं, इसीलिये इन्हें आपके लिये तैनात किये गये हैं। आप सबको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिये कि आपको पुलिस और सशस्त्र बल के अधिकारियों और जवानों से सुरक्षा पाने का अधिकार है। मै आप सबको विश्वास दिलाता हूं कि आपके हर जरूरत में पुलिस आपके साथ खडी होगी।

अबुझमाड़ के पहुंच विहीन क्षेत्रों को जोड़ने की कवायद शुरू, बिछ रही सड़कों का जाल:
विगत कुछ महिनों से अबुझमाड़ को जोड़ने युद्धस्तर पर सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है इसके लिये जिले के एसपी और कलेक्टर सड़क और पुल-पुलिया निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा सड़क निर्माण से आम लोगों को किसी भी प्रकार से समस्याओं का सामना न करना पड़े इसकी निगरानी करने स्वयं पहुंच रहे हैं। एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल और कलेक्टर श्री धर्मेश साहू अबुझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्रों की प्रवास के दौरान लोगों विश्वास में लेने के लिये निरंतर प्रयासरत् हैं ताकि विकास और उन्नति के लिये अबुझमाड़ के लोगों को गति प्रदान कर उनकी समावेशी विकास सुनिश्चित की जा सके।

कोडोली से झारावाही होते हुए आकाबेडा की ओर जाने वाली निर्माणाधीन सड़क के लिये पर्याप्त सुरक्षा प्रदान किया जा रहा है ताकि निर्माण एजेंसी और सड़क निर्माण में लगे लोग निर्भिक होकर तीव्र गति से इसे पूरा कर सकें। इस रोड़ के बनने के बाद शीघ्र ही आकाबेडा और कस्तुरमेटा की ओर जाने के लिये बाईपास रोड़ का भी निर्माण होगा।

अबुझमाड़ के गांवों में भी खुलेगीं, आंगनबाडी, स्कूल और अस्पताल:-
जिला कलेक्टर श्री धर्मेश साहू ने लोगों से कहा कि सड़क निर्माण का कार्य पूरा होने के साथ ही आप सहित अबुझमाड़ के हर गांव में आवश्यक सुविधाएं जैसे राशन दूकान, पानी, आंगनबाडी, स्कूल, अस्पताल, विद्युत आपूर्ति और मोबाईल टाॅवर इत्यादि जन सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी। आपको बता दें कि आप सभी इन सुविधाओं के हकदार भी हैं। आपके गांव और आसपास के क्षेत्रों में ऐसे मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध होने से आप और आपकी आने वाली पीढ़ी मौजूदा डिजिटल लाईफ जी सकेंगे। देश-दूनिया के साथ जुडकर उनके समानांतर सुविधाएं और आजादी को प्राप्त कर सकेंगे। सरकार चाहती है कि बडे़ शहरों की भांति आपके गांव में भी सारी सुविधायें उपलब्ध हो और आप सभी प्रकार के सुविधाओं के साथ जीवन का आनंद ले सकें।

कांवड से अस्पताल जाने को मजबूरी अब खत्म हो जाएगी:-
स्थानीय लोगों ने एसपी और कलेक्टर का आभार प्रकट करते हुए कहा कि साहेब हमारे अधिकतर लोग सड़क संसाधन के अभाव में कांवड से अस्पताल की सफर करते-करते ही अपनी दम तोड़ जाते थे अब हमें भी जीने के लिये उपचार की अच्छी अवसर मिल सकेगी। कलेक्टर श्री साहू ने लोगों को बताया कि अब आप मोबाईल/फोन से 108 में फोन लगाकर एम्बुलेंस अपने घर बुला सकते हैं वह बिमार लोगों को आपके घर से अस्पताल तक बिना किराया के ले जायेगा। श्री साहू ने यह भी कहा कि गर्भवती महिलाओं की जचकी अस्पताल में ही करायें अस्पताल में जचकी कराने से आपको रूपये भी मिलते हैं और सुरक्षित प्रसव भी होता है। लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि साहेब सड़क बन जायेगी तो हममें से कुछ लोग मोटर सायकल भी खरीद लेंगे। कार और मोटर के माध्यम से आसानी से पहुंच सकेंगे अस्पताल।

सड़क बनने से लोगों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे:-
सड़क-मार्ग के अभाव में अबुझमाड़ क्षेत्र की जिला मुख्यालय और शहरों से कनेक्टिविटी नहीं थी जिसके कारण अधिकतर वनोपज जैसे फल, बास्ता, पुटू, बोड़ा, आम, केला, सीताफल और सब्जी इत्यादि बेकार हो जाते थे अब सड़क बन जाने से उसे लोग शहरों में लाकर बेच सकेंगे इसके साथ ही लोग काम के शहर आ-जा सकेंगे।

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बुधवार, दिसंबर 22, 2021

नारायणपुर पुलिस की पहल: जिला के सभी सिनियर विद्यालयों और महाविद्यालयों में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का होगा आयोजन, आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बेलगांव (नारायणपुर) में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का हुआ आयोजन

नारायणपुर पुलिस की पहल: जिला के सभी सिनियर विद्यालयों और महाविद्यालयों में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का होगा आयोजन, आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बेलगांव (नारायणपुर) में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का हुआ आयोजन

आज दिनांक 24.12.2021 को पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चन्द्राकर के विशेष मार्गदर्शन में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बेलगांव में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का आयोजन हुआ। आरआई श्री दीपक साव, यातायात प्रभारी, नारायणपुर के नेतृत्व में संचालित इस कार्यक्रम में यातायात जागरूकता पर केन्द्रित विषयों पर स्कूल के छात्र/छात्राओं को अवेयर किया गया, इसके तहत् ट्रैफिक साईन और यातायात नियमों की जानकारी दी गई। श्री साव द्वारा छात्र-छात्राओं को रोचक तरीके से यातायात जागरूकता संबंधी जानकारी दी। फलस्वरूप छात्र-छात्राओं ने भी कार्यक्रम में बढ चढ़कर हिस्सा लिया तथा अनोखे-अनोखे अंदाज में पूछल्ले प्रश्न पूछे साथ ही यातायात नियमों की पालन के संबंध में अपना अभिमत भी शेयर किया।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बेलगावं में आयोजित ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ के दौरान शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बेलगांव के प्राचार्य श्री महेन्द्र कुमार कश्यप, स्कूल के शिक्षकगण, यातायात पुलिस के अधिकारियों सहित लगभग 410 छात्र/छात्राओं ने हिस्सा लिया। श्री साव ने बताया कि विगत कुछ महिनों से नारायणपुर जिला मुख्यालय के चौक-चौराहे, सिनियर स्कूल और काॅलेजों में निरंतर यातायात जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं अब श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशानुसार जिला के सभी सिनियर विद्यालयों और महाविद्यालयों में ‘‘यातायात जागरूकता कार्यक्रम’’ का आयोजन किया जाएगा।

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मंगलवार, दिसंबर 21, 2021

एसपी श्री गिरिजा शंकर जायसवाल (आईपीएस) ने सड़क निर्माण कार्य का किया आकस्मिक निरीक्षण


आज दिनांक 21.12.2021 को पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, आईपीएस ने थाना कुरूषनार क्षेत्रांतर्गत ग्राम हातलानार, जिवलापदर और झारावाही में चल रहे सड़क निर्माण कार्य का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि यह सड़क जिला मुख्यालय नारायणपुर से कुरूषनार होते हुए आकाबेड़ा तक बन रही है जो अबुझमाड़ का क्षेत्र है। श्री जायसवाल ने अपने विजिट के दौरान सड़क निर्माण कार्य की बारीकियों के साथ निरीक्षण किया गया, इस दौरान उन्होनें सड़क निर्माण में लगे फर्म को निर्देशित किया कि गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण का कार्य यथाशीघ्र पूरा करें। सड़क निर्माण के लिये उन्हें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराया जा रहा, यदि सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता होगी तो और कड़ी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्हें निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय नागरिकों को किसी भी प्रकार से कोई समस्या का सामना करना न पड़े।

सड़क निर्माण का जायजा लेने के बाद श्री जायसवाल हातलानार, जिवलापदर और झारावाही के ग्रामीणों से मिलने पहुंचे जहां उन्होने उनकी कुशलक्षेम और सड़क निर्माण से संबंधित जानकारी व उनकी राय चाही। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये सड़क उनके लिये मात्र यातायात का एक साधन ही नहीं है वरन् उनके लिये वरदान है जीवन रेखा है। उन्होनें बताया कि सड़क नहीं होने के कारण उपचार के अभाव में अधिकतर लोगों को अपनी जान गंवानी पडती थी अब जल्दी ही सड़क जाएगी तो बिमारी के कारण हमारे लोगों को अपना जान गंवाना नहीं पड़ेगा। सड़क के अभाव में हमारे बच्चे और हम सब शिक्षा, रोजगार और आजीविका से भी वंचित थे यह सड़क हमारे लिये अत्यंत सुखद और अच्छा अवसर लाएगा।

श्री जायसवाल ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखा गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन और सरकार का आभार प्रकट किया। उनका मानना है कि सड़क निर्माण होने से अबुझमाड़ के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र भी विश्व समूदाय के साथ सीधे तौर पर मुख्यधारा में जूड जाएगा तथा उन्हें उन्नति के अवसर प्रदान करेंगे। श्री जायसवाल ने बताया कि स्थानीय लोग सड़क निर्माण कार्य में स्वस्फूर्त बढ़चढ़कर अपना योगदान दे रहे हैं क्योंकि सड़क निर्माण से स्थानीय लोगों रोजगार मिल रहा है, उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है जो आगे वनोपज विक्रय के माध्यम से आर्थिक आय का जरिया बनेगा। पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के प्रवास के दौरान उनके साथ निरीक्षक श्री आकाश मसीह एवं उप निरीक्षक श्री सुनील सिंह उपस्थित रहे।

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सोमवार, दिसंबर 20, 2021

आईजी बस्तर श्री सुन्दरराज पी. जिले के नव पदोन्नत सहायक उप निरीक्षकों और प्रधान आरक्षकों के उत्साहवर्धन के लिये नारायणपुर के प्रवास पर, आईजी ने कल्याणकारी पुलिसिंग की नीव रखते हुए जवानों को ‘‘ए.एस.के. कांसेप्ट’’ पर आधारित कार्य करने की सीख दी

आईजी बस्तर श्री सुन्दरराज पी. जिले के नव पदोन्नत सहायक उप निरीक्षकों और प्रधान आरक्षकों के उत्साहवर्धन के लिये नारायणपुर के प्रवास पर, आईजी ने कल्याणकारी पुलिसिंग की नीव रखते हुए जवानों को ‘‘ए.एस.के. कांसेप्ट’’ पर आधारित कार्य करने की सीख दी

आज दिनांक 20.12.2021 को बस्तर आईजी श्री सुन्दरराज पी. नारायणपुर जिला के नव पदोन्नत 35 सहायक उप निरीक्षकों और 149 प्रधान आरक्षकोें के उत्साहवर्धन के उद्देश्य से नारायणपुर जिले के प्रवास पर रहे। इस दौरान नव पदोन्नत सहायक उप निरीक्षकों और प्रधान आरक्षकों की स्किल डेवलपमेंट के लिये कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आईजी श्री सुन्दरराज पी. ने नव पदोन्नत जवानों को अपनी शुभकामनाएं दी तथा कल्याणकारी पुलिसिंग की नीव रखते हुए उन्हें ‘‘ए.एस.के. कांसेप्ट’’ पर आधारित कार्य करने की सलाह दी। उन्होने जवानों को ए.एस.के. कांसेप्ट की जानकारी देते हुए कहा कि आम जनता के प्रति आपकी ’एटीट्यूड’ (रवैया/व्यवहार) सभ्य, सालीन और मित्रवत् हो इसके साथ यह भी आवश्यक है कि आपकी ’स्किल’ (कार्यकुशलता/दक्षता) और आपकी ‘नाॅलेज’ (ज्ञान/जानकारी) अच्छी हो तथा आप ज्ञानार्जन के लिये तत्पर रहें, ये तीन तत्व ‘‘एटीट्यूड, स्किल और नाॅलेज’’ कल्याणकारी पुलिसिंग के लिये आवश्यक तत्व हैं।

डीआरजी नारायणपुर के जवानो से मिलकर उनके मांगों को किया पूरा:
जवानों की स्किल डेवलपमेंट के लिये आयोजित कार्यशाला के उपरांत पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर श्री सुन्दरराज पी. ने डीआरजी, नारायणपुर के जवानों से मिलकर उनका भी उत्सावर्धन किया। उन्होने हाल ही में पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल के नेतृत्व मे डीआरजी जवानों द्वारा 10 लाख के ईनामी नक्सली साकेत नुरेटी उर्फ भास्कर नुरेटी को मारने में सफलता के लिये बधाई दी तथा अपेक्षा जताई कि नारायणपुर डीआरजी के जवान निरंतर रिजल्ट ओरियेंटेड ऑपरेशन्स करेगी। श्री सुन्दरराज पी. ने जवानों के मनोबल की अभिवृद्धि के लिये उनसे उनकी कुशलक्षेम और आवश्यकताओं की जानकारी चाही गई, जवानों के अधिकाधिक आवश्यक मांगों को आईजी बस्तर और पुलिस अधीक्षक द्वारा त्वरित निराकरण भी किया गया तथा शेष मांगों को यथाशीघ्र पुरा करने का आश्वासन भी दिया गया। डीआरजी जवानों ने आईजी से मिल अपनी मांगों के त्वरित निराकरण से प्रभावित होकर उन्हें आश्वस्त किया कि वे उनके विश्वास पर ख़रा उतरने का प्रयास करेंगे और आगे लगातार नक्सल उन्मूलन में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।

बस्तर आईजी श्री सुन्दरराज पी. के प्रवास के दौरान उनके साथ डीआईजी कांकेर श्री बालाजी सोमावार भी जिला नारायणपुर के प्रवास पर रहे। नव पदोन्नत जवानों की स्किल डेवलपमेंट के लिये आयोजित कार्यशाला तथा डीआरजी जवानों की मीटिंग के दौरान उनके साथ पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चन्द्राकर, उप पुलिस अधीक्षक श्री अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत खाण्डे, उप पुलिस अधीक्षक श्री रितेश श्रीवास्तव, उप पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद खलखो, उप पुलिस अधीक्षक सुश्री मोनिका मराबी और रक्षित निरीक्षक श्री दीपक साव सहित नव पदोन्नत पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

"अखिल भारतीय ऑनलाइन धार्मिक, आध्यात्मिक और दार्शनिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता - 2022" के बारे मे संक्षिप्त जानकारी और सर्टिफिकेट का सत्यापन

"अखिल भारतीय ऑनलाइन धार्मिक, आध्यात्मिक और दार्शनिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता - 2022" के बारे मे संक्षिप्त जानकारी और सर्टिफिकेट का सत्यापन

"अखिल भारतीय ऑनलाइन धार्मिक, आध्यात्मिक और दार्शनिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता - 2022" मे सम्मिलित प्रतिभागी अपनी रिजल्ट प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें >>>  क्यूआर कोड स्कैन करने पर यह पेज ओपन हुआ है । आप जिस सर्टिफिकेट का सत्यापन करना चाहते हैं उनका नाम यदि इस लिस्ट मे है तो संबंधित सर्टिफिकेट सही है अन्यथा सर्टिफिकेट फर्जी । 

लिस्ट देखने के लिए इस लिंक में क्लिक करें >>>

सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के लिए इस लिंक में क्लिक करें >>>

उल्लेखनीय है की इस परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए देश भर के 325 अभ्यर्थियों ने अपना ऑनलाइन पंजीयन कराया था, चूँकि परीक्षा दिवस को व्यापम की भी परीक्षा थी 156 अभ्यर्थी ने परीक्षा में हिस्सा लिया जिसमे से 60% अथवा अधिक अंक पाने वाले पात्र 45 अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गए हैं।  यह परीक्षा सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ह्युमन राइट्स और ब्लॉग www.thebharat.co.in के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ समाज सेवक, लेखक और विचारक श्री हुलेश्वर जोशी के विशेष मार्गदर्शन में 02 जनवरी 2022 (रविवार) को आयोजित किया गया था।  
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नारायणपुर : जिला पुलिस बल के नव पदोन्नत सहायक उप निरीक्षक और प्रधान आरक्षक ने आयोजित किया मिलन समारोह; जवानो ने पहली बार पुरे पुलिस परिवार के साथ मिलकर भव्य तरीके से अपने पदोन्नति के पल को एन्जॉय किया

नारायणपुर : जिला पुलिस बल के नव पदोन्नत सहायक उप निरीक्षक और प्रधान आरक्षक ने आयोजित किया मिलन समारोह; 
जवानो ने पहली बार पुरे पुलिस परिवार के साथ मिलकर भव्य तरीके से अपने पदोन्नति के पल को एन्जॉय किया

दिनांक 19.12.2021 को जिला पुलिस बल, नारायणपुर में हाल ही में पदोन्नति प्राप्त सहायक उप निरीक्षक और प्रधान आरक्षक ने पहली बार "मिलन समारोह" का आयोजन किया। पदोन्नति प्राप्त जवानों द्वारा आयोजित "मिलन समारोह" में जिले के पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चंद्राकर, उप पुलिस अधीक्षक श्री अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द खलखो, आरआई श्री दीपक साव सहित पुलिस परिवार के लगभग 900 सदस्यों ने शिरकत की।

उल्लेखनीय है कि जवानो की बड़े पैमाने में पदोन्नति पाने का यह पहला अवसर रहा है इसीलिए पुलिस जवानों का समारोह भी अत्यंत भव्य रहा। राज्य में यह अपने किस्म का पहला बड़ा पार्टी रहा जिसमे किसी कनिष्ठ कर्मचारियों के पदोन्नति की ख़ुशी को जाहिर किया जा सका। पदोन्नति प्राप्त 35 सहायक उप निरीक्षक और 149 प्रधान आरक्षक और उनके परिवार सहित नारायणपुर पुलिस परिवार की महिलायें और बच्चों ने पहली बार डीजे में नृत्य और कोरियोके सांग्स में गाने का आनद उठाया।

पुलिस जवानो द्वारा आयोजित कार्यक्रम "मिलन समारोह" के दौरान बच्चों और महिलाओं की खुशियों को देखकर पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल भाविभोर हो गए और बच्चों की खुशियों में चार चाँद लगाने उन्हें पुष्प गुच्छ दिए।

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स्वर्गीय श्री अरूण चन्द्राकर की स्मृति में आयोजित राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का हुआ समापन, ओपन कैटेगरी डबल्स में उगास विश्वास - सत्या मंडावी (दुर्ग, छग) और वेटनर्स कैटेगरी डबल्स में गणेश साहू - अशोक साहू (मलकानगिरी, ओडिशा) ने मारी बाजी


दिनांक 19.12.2021 की देर रात्रि स्वर्गीय श्री अरूण चन्द्राकर की स्मृति में आफिसर्स क्लब, बैडमिंटन कोर्ट, नारायणपुर में आयोजित "राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता" का समापन हुआ। दिनांक 17.12.2021 से चल रहे बैडमिंटन प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य राज्यों के ख्यातिप्राप्त खिलाड़ियों ने ओपन कैटेगरी डबल्स में 44 टीम (88 खिलाड़ी) तथा वेटनर्स कैटेगरी डबल्स में 16 टीम (32 खिलाड़ी) ने प्रतियोगिता में भाग लिया।

प्रतियोगिता के प्रथम और द्वितीय दिवस ओपन कैटेगरी डबल्स में प्री-क्वार्टर के तहत् 44 मैच और क्वार्टर-फाईलन के 04 मैच हुए तथा वेटनर्स कैटेगरी डबल्स में प्री-क्वार्टर के तहत् 08 मैच और क्वार्टर-फाईलन के 04 मैच हुए हैं तथा दिनांक 19.12.2021 (देर रात्रि) ओपन कैटेगरी डबल्स और वेटनर्स कैटेगरी डबल्स में 02-02 सेमी फाईनल और 01-01 फाईनल कुल 06 मैच खेले गये। प्रतियोगिता की फाईनल मैच के अंतर्गत ओपन कैटेगरी डबल्स में उगास विश्वास - सत्या मंडावी (दुर्ग, छग) ने दलेश्वर बंजारे - संदीप करंगा (नारायणपुर, छग) को 21-17 और 21-16 अंकों से सीधे सेटो में हराकर पहले स्थान पर कब्ज़ा किया वहीं वेटनर्स कैटेगरी डबल्स में गणेश साहू - अशोक साहू (मलकानगिरी, ओडिशा) ने नवीन जैन - आशीष जैन (कोंडागांव, छग) को 21-15 और 22-20 अंकों से सीधे सेटो में हराकर पहले स्थान प्राप्त की।

मुख्य अतिथि श्री धर्मेश कुमार साहू (कलेक्टर, नारायणपुर) एवम विशिष्ट अतिथि श्री गिरिजा शंकर जायसवाल (पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर) व विशिष्ट अतिथि श्री पोषण लाल चंद्राकर (सीईओ, जिला पंचायत) द्वारा दोनों कैटेगरी के विजेता टीम को ₹8888/- (शब्दों में- आठ हजार आठ से अठासी रुपये मात्र) के चेक और कप तथा उप विजेता टीम को ₹4444/- (शब्दों में- चार हजार चार सौ चवालिस रुपये मात्र) के चेक और कप प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री धर्मेश साहू (कलेक्टर), विशिष्ट अतिथि श्री गिरिजा शंकर जायसवाल (पुलिस अधीक्षक) एवं विशिष्ट अतिथि श्री पोषण लाल चन्द्राकर (सीईओ, जिपं), श्री नीरज चंद्राकर (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) और आरआई श्री दीपक साव सहित नारायणपुर जिले के गणमान्य नागरिक और प्रदेश भर के सैकड़ों बैडमिंटन खिलाड़ी उपस्थित रहे।

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शनिवार, दिसंबर 18, 2021

गुरू घासीदास जयंती विशेषांक: गुरु घासीदास बाबा जी के 07 सिद्धांत, प्रचलित 42 अमृतवाणी (उपदेश) और 27 मुक्ता (हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में) संक्षिप्त व्याख्या सहित

गुरू घासीदास जयंती विशेषांक: गुरु घासीदास बाबा जी के 07 सिद्धांत, प्रचलित 42 अमृतवाणी (उपदेश) और 27 मुक्ता (हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में) संक्षिप्त व्याख्या सहित 

श्रीमती कली बाई जोशी की किताब गिया के रित (Gyan ke Amrit) से साभार 


"धार्मिक होये के (सतनामियत दिखाए के) लाख उदिम कर लेवव फेर कहूँ तुमन गुरु घासीदास बाबा के बताए रसदा म नई चलहू त फेर तुहर सतनामी होय के कोनों फायदा नई हे। अइसनहा चरित्तर ह दिखावा अऊ ढोंग ले बढ़के काहीं नोहे।" - स्वर्गीय श्री मालिकराम जोशी 

“शिक्षा ग्रहण पहले और भोजन ग्रहण नहले।”
माता श्यामा देवी जोशी 


मानव-मानव के बीच प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, समानता और न्याय की भावना विकसित करने वाले संत गुरु घासीदास बाबा का जन्म 18 दिसंबर 1756 को तत्कालीन रायपुर जिला (वर्तमान में बलौदाबाज़ार जिला) के ग्राम गिरौदपुरी में हुआ था, उन्ही के याद में आज 18 दिसंबर को समूचे भारत वर्ष सहित कुछ अन्य देशों में भी गुरु घासीदास बाबा की जयंती मनाया जा रहा है। संभव है आप उनके जीवनी के बारे में मुझसे बेहतर जानते हों, सायद न भी जानते हों। इसलिए आज उनके जीवनी के बारे में लिखना प्रासंगिक नहीं समझता, क्योंकि मेरा मानना है कि कोई इंसान चाहे गुरु घासीदास बाबा को न जाने मगर उनके संदेशों को समूचे मानव समाज को जानना आवश्यक है। अतः हम आपको इस लेख के माध्यम से गुरु घासीदास बाबा जी के सप्त सिद्धांत, अमृतवाणियों और मुक्ताओं का संक्षेप में उल्लेख कर रहे हैं।  


गुरु घासीदास के सिद्धांत

 

1

सतनाम ऊपर अडिग विश्वास रखव।

सतनाम पर अडिग विश्वास रखो।

 

2

मूर्ति पूजा झन करव।

मूर्ति पूजा मत करो।

 

3

जाति-पाती के प्रपंच म झन परव।

जाति-पाती के प्रपंच में मत पडो।

 

4

जीव हत्या मत करव।

जीव हत्या मत करो।

 

5

नशा का सेवन झन करव।

नशीले पदार्थों का सेवन मत करो।

 

6

दुसर स्त्री ल घलो माता-बहन मानव।

गैर स्त्री को भी माता-बहन मानो।


7

चोरी अऊ जुआ ले दूर रहव।

चोरी मत करो और जुआ-सट्टेबाजी से दुर रहें।


 


गुरु घासीदास बाबा के अमृतवाणी

 1

सत ह मनखे के गहना आय।

गुरु घासीदास ने कहा है कि “सत्य ही मानव का आभूषण है।

2

जन्म ले मनखे-मनखे सब एक बरोबर होथे, फेर करम के अधार म मनखे-मनखे गुड अऊ गोबर होथे।

“मनखे-मनखे एक बरोबर।“

गुरु घासीदास ने कहा है कि सभी मनुष्य एक समान होते हैं।

जन्म के आधार पर सभी मनुष्य एक समान होते हैं; सभी मनुष्य एक समान शक्ति के साथ और एक ही प्राकृतिक सिद्धांत के आधार पर जन्म लेते हैं। कर्म के आधार पर मनुष्य की विशेषताएं भिन्न हो सकती है।

·        कोई मनुष्य किसी विशेष कुल, धर्म या जाति में जन्म ले लेने से महान या नीच नहीं हो सकता, ऐसी विचारधारा या मान्यता रखना अमानवीय और अवैधानिक मानसिकता मात्र है।

3

सतनाम ल जानव, समझव अऊ परखव तब मानव एखर पहिली सतनाम ल घलो झन मानहौ। 

गुरु घासीदास ने कहा है कि सतनाम क्या है इसे पहले जान लें, समझ लें और इसकी कसौटियों को परख लें, तभी मानें। अन्यथा सतनाम को भी मत मानो, क्योंकि सतनाम को जाने बेगैर आपके सतनामी बनने या सटनामी होने का कोई औचित्य नहीं होगा।

4

·        सतनाम ह घट घट में समाय हे अऊ सतनाम ले ही सृष्टि के रचना होए हावय। कखरों बाप ह सृष्टि के निरमान नई करे हावे।

गुरु घासीदास ने कहा है कि सतनाम अर्थात पाँच तत्वों की योग से ही ब्रम्हांड की रचना हुई है और यही ज्ञात पाँच तत्व सत्य है जिससे आकाशगंगा संचालित होती है। आकाशगंगा को किसी के बाप ने नहीं बनाया है, यह स्वतः निर्मित है।

5

जान के मरइ ह तो मारब आएच आय, फेर कोनो ल सपना म मरई ह घलो मारब आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि किसी मनुष्य, पशु पक्षी या किसी भी जीव जन्तु को जानबूझकर मारना तो हत्या है ही वरन किसी जीव को सपने में अथवा सांकेतिक रूप से मारना भी हत्या है।

·        होलिका दहन और रावण का पुतला दहन भी हत्या की मानसिकता से प्रेरित है इसीलिए मूल सतनामी धर्म संस्कृति में होलिकादहन और रावण दहन वर्जित है। 

6

·        चोरी अउ लालच झन करव।

·        चोरी करई अऊ मँगनी माँगे के आदत ह तुँहला निकम्मा अऊ गरियार बना देहि।

·        मोर ह सब्बो संत के आय, अउ तोर हीरा ह मोर बर कीरा आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि चोरी और लालच न करें क्योंकि चोरी करने की आदत और माँगकर (भीख माँगने) की प्रवित्ती इंसान को निकम्मा और नकारा बना देती है। गुरु घसीदास बाबा ने यह भी कहा है कि मेरी प्रापर्टी दूसरे संतों (मनुष्य) के लिए सहज उपलब्ध है, अपने हिस्से को मैं बाँट सकता हूँ मगर दूसरे की प्रापर्टी मेरे लिए व्यर्थ और अनुपयोगी है।

7

·        पहुना ल साहेब समान जानिहव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि मेहमान को साहेब मतलब सगे-संबंधी मानो, सर्वोच्च मानो।

8

तरिया बनावव, दरिया बनावव, कुआँ बनावव; फेर मंदिर बनई मोर मन नई आवय; मोर संत मन ककरो मंदिर झन बनाहू।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि तालाब, नदिया और कुआँ बनाओ। मगर किसी का मंदिर (धार्मिक स्थल) कदापि मत बनाना।

·        लेकिन बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि खुद को गुरु घासीदास बाबा का बड़ा अनुयायी बताने वाले लोग ही उनके मूल भावना के विपरीत गुरु घासीदास बाबा का ही मंदिर और मूर्ति बनवा रहे हैं।

9

बारा महीना के खर्चा सकेल लेहु तबेच भले भक्ति करहु; नई ते ऐखर कोनो जरूरत नई हे।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि किसी व्यक्ति अथवा कथित अदृश्य या आराध्य लोगों की भक्ति करना आवश्यक नहीं है, भक्ति करना ही है तो पहले कम से कम वर्ष भर की आवश्यकता के लिए राशन और धन एकत्र कर लीजिए। यदि आपके पास परिवार की जरूरत के लिए धन नहीं है तो भक्ति करना व्यर्थ है।

10

·        झगरा के जर नइ होवय, ओखी के खोखी होथे।

·        रिस अउ भरम ल तियागथे, तेकरे बनथे।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि झगड़ा का कोई औचित्यपूर्ण आधार नहीं होता है, अधिकतर झगड़ा निराधार कारणों से ही होता है जिसका प्रतिफल अत्यंत बुरा या दु:खद होता है। गुरु घासीदास बाबा का यह भी कहना है कि जो इंसान गुस्सा और भ्रम को त्याग देता है वही सुख से जीवन जी सकता है अन्यथा विभिन्न बाधाओं से भरे जीवन जीना उनकी अपनी मजबूरी हो जाती है।

 11

·        सतनाम ह जीवन के आधार आय।

·        सत ल कमजोर झन मानहु।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि सतनाम अर्थात पाँच तत्वों की योग से ब्रम्हांड की रचना हुई है और यही पाँच तत्व सत्य है जिससे आकाशगंगा संचालित होती है इसलिए सतनाम ही जीवन का मूल आधार है। अतः सत्य को कमजोर न समझें।

12

भीख माँगना मरन समान हे, न भीख माँगव अऊ न तो भीख दव, जाँगर टोर के कमाए ल सिखव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि भिक्षा माँगना मृत्यु के समान है इसलिए किसी भी स्थिति में न तो भिक्षा माँगे और न भिक्षा दें। खुद की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपने मेहनत से धन अर्जित करें। हालाँकि गुरु घासीदास बाबा ने दीन –दु:खियों के सहायता करने की सलाह दी है।

 13

मरे मनखे ल पीतर मनई मोला बईहाय कस लागथे। पितर पूजा झन करिहौ, जियत दाई ददा के सेवा अऊ सनमान करव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि मृत व्यक्ति को पितर मानकर उन्हें भोजन खिलाने का प्रयास करना मुझे पागलपन प्रतीत होता है। यदि आप मुझे अपना मार्गदर्शक समझते हैं तो पितर की पूजा मत करना बल्कि अपने जिंदा माता-पिता और बड़े बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करना।

14

·        जीव ल मार के झन खाहु।

·        माँस तो माँस ओखर सहिनाव ल घालो झन छुहौ।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि किसी भी जीव का हत्या करके उसे अपने भोजन में शामिल मत करना। गुरु घासीदास बाबा ने यहाँ तक कहा है कि माँस तो माँस, माँस जैसे दिखने वाली भोज्य पदार्थों और माँस के समानांतर नाम वाली चीजों को भी न खायें; ऐसा करने से आप धोखे से भी माँस का सेवन करने से बचेंगे।

·        अधिक मसालेदार सब्जी न खायें बल्कि सात्विक भोजन ही ग्रहण करें क्योंकि अधिक मसालेदार भोज्य पदार्थ आपके आचार व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

15

चुगली अऊ निंदा ह घर अऊ समाज ल बिगाडथे।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि चुगली और निंदा मत करो; क्योंकि यह परिवार और समाज को बिगाड़ता है।

·        गुरु घासीदास के अनुसार समाज का तात्पर्य सतनामी समाज या सतनामी जाति से नहीं बल्कि समूचे मानव समाज से है।

16 

अवैया ल रोकव झन अऊ जवईया ल टोकन मत; काबर के धरम अऊ निजी मानस ह बिल्कुल निजी आजादी के जिनिस आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि जो मनुष्य सतनामी बनना चाहता है उसे रोकना मत और जो सतनामियत को छोड़कर हिन्दू, क्रिश्चयन, बौद्ध या मुसलमान बनने जा रहा है उसे टोकना मत; क्योंकि धार्मिक आध्यात्मिक मान्यता इंसान की प्राकृतिक आजादी है।

17

·        अपन आप ल हीनहा अउ कमजोर झन मानहु, तहु मन काकरो ले कमती नई अव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि खुद को किसी से निम्न अथवा कमजोर मत समझना; क्योंकि सभी मनुष्य एक समान शक्ति के साथ जन्म लेते हैं।

18

मोर संत मन मोला काकरो ल बड़े कइहीं त मोला बरछी म हुदेसे कस लागही।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि कोई भी अनुयायी यदि गुरु घासीदास बाबा को किसी अन्य संत से महान कहेंगे तो उन्हे बरछी से छेदने जैसे पीड़ा होगी।

·        दुर्भाग्य ये है कि अधिकतर अनुयायी अपने-अपने गुरुओं / संतों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संत और गुरु प्रमाणित करने में लगे हैं।

·        बरछी : एक प्रकार के नुकीले लोहे की हथियार होती है।

 

19

नियाव ह सबो बर बरोबर होथे।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि जिस प्रकार से प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत सबके लिए समान रूप से कार्य करती है; ठीक उसी प्रकार से मानव निर्मित न्याय व्यवस्था में भी सभी मनुष्यों और जीवों को न्याय पाने का समान अधिकार होनी चाहिए।

·        यदि किसी न्याय प्रणाली में कुल, जाति, धर्म, लिंग, जन्मस्थान,अथवा जीवन के आधार पर न्याय का तरीका बदल जाता है अर्थात छूट या सजा का प्रावधान अलग-अलग होता है। इसका तात्पर्य यह कि ऐसा न्याय प्राकृतिक न्याय के खिलाफ और अमानवीय सिद्धांत मात्र है।

  

20 

इही जनम ल सुधारना साँचा ये; लोक-परलोक अऊ पुनर्जन्म के गोठ झूठ आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि लोक-परलोक (स्वर्ग-नरक) और पुनर्जन्म की अवधारणा बिल्कुल झूठ है। अतः आप जिस जीवन में हैं उसी जीवन को बेहतर जीने और बेहतर करने का प्रयास करिए।

·        गुरु घासीदास बाबा के अनुसार कोई सतलोक या अमरलोक नहीं होता है।

·        गुरु घासीदास बाबा ने पुनर्जन्म के बातों का समर्थन नहीं किया है।

·        हालाँकि गुरु घासीदास ने नाम की अमरता की बात जरूर कही है। मगर दुर्भाग्य कुछ गीतकार और पंथी गायकों ने खुद का अमरलोक बना दिया है। जो कि  गुरु घासीदास के मूल विचारधारा के विपरीत है।

·        संभव है दूसरे किसी ग्रह में जहाँ जीवन है कुछ जीव हुबबू मनुष्य की तरह दिखते हों, मगर वो आपके रचनाकार या ईश्वर नहीं हैं।

·        स्वर्ग नर्क या सतलोक –अधम लोक की परिकल्पना घोर बकवास है, ऐसा कोई स्थान, तारे या ग्रह नहीं है। 

21

·        जतेक हव सब मोर संत आव, ककरो बर काँटा झन बोहौ।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि जितने भी लोग हैं, इंसान और जीव हैं दुनिया में, वे सभी मेरे संत हैं इसलिए किसी के रास्ते में काँटे मत बोना।

 

22

ये धरती ह तोर ये, येकर सिंगार कर।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि ये पृथ्वी आपकी (पृथ्वी में रहने वाले सभी जीव की) अपनी निजी है। इसलिए आप सबको इसे शृंगारित करनी चाहिए।

·        अर्थात पर्यावरण की स्वच्छता, जल की उपलब्धता और वायु की शुद्धता के लिए कार्य करें; कृषि कार्य करें, पर्यावरण को प्रदूषित न करें।

·        कुछ गीतकारों के द्वारा गुरु घासीदास बाबा के द्वारा 12 गाड़ी लकड़ी जलाने की बात कही गई है जो कि सरासर झूठा अफवाह है। कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा उनके ऊपर जानलेवा हमला होने की बात कही बताई जाती है।

 

23

दीन दुःखी के सेवा सबले बड़े धरम आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि दीन-दुखियों और जरुरतमन्द लोगों की सेवा और सहयोग ही वास्तविक धर्म है।

·        वर्तमान कथित प्रचलित धर्म धर्म का कुरूपित स्वरूप है जो इंसान को इंसान से लड़ाता है, हिंसा कराता है।

·        धार्मिक होने का मतलब कर्मकांड करना, अपने आराध्य की भक्ति मे लीन रहना मात्र कदापि नहीं है।

·        कुछ इंसान इस भ्रम में जीते हैं कि केवल उनका धर्म गौरवशाली और सर्वश्रेष्ठ है, जबकि यह मूर्खता से बढ़कर कुछ विशेष नहीं है।

 

24

पान, परसाद, नरियर, सुपारी ल चढ़ाना ढोंग आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि किसी मूर्ति अथवा काल्पनिक पात्र के नाम पर खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों और स्वर्ण आभूषण या धन को बर्बाद करना पाखंड है।

·        लेकिन दुर्भाग्य हम भी गुरु घासीदास बाबा के नाम पर उनके आसन, जैतखाम और मूर्ति में खाद्य पदार्थों को चढ़ा रहे हैं।

·        गुरु घासीदास बाबा ने जैतखाम को सतनामियों की इंडेंटिटी के रूप में गड़ाया था, परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि हम जैतखाम को गुरु घसीदास की मूर्ति समझ बैठे हैं और इसकी पूजा करने लगे हैं जबकि गुरु घासीदास बाबा ने पूजा का विरोध किया है।

25

मंदिर, मस्जिद अऊ गुरुद्वारा झन जाहव, अपन घट के ही देव ल मनावव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा सहित किसी भी धार्मिक स्थल में न जायें, वरन अपने घट के देवता को मनाओ।

·         यहाँ पर घट का तात्पर्य घर और शरीर से है, जिससे हम बने हैं और जिससे हमारा जीवन संचालित होती है। अर्थात शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखें तथा शरीर के लिए, हमारे जीवन के लिए आवश्यक प्राकृतिक संपदा को ही देवता मानें।

26

खेती बर पानी अऊ संत के बानी ल जतन के राखिहव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि कृषि कार्य के लिए पानी और संतों के ज्ञान को सहेज कर रखें।

क्योंकि

·        पानी के बिना अभी तक कृषि संभव नहीं है, और कृषि के बिना भोजन तथा भोजन-पानी के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है।

·         संतों की ज्ञान और अनुभव से हमें अमूल्य मार्गदर्शन मिलती है जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। 

27

·        मया के बँधना ह असली बँधना आय।

·        मन के आवभगत ह असली आवभगत आय।

गुरु घासीदास बाबा ने सुखमय और सफल वैवाहिक जीवन के लिए प्रेम का बंधन ही वास्तविक बंधन है। गुरु घासीदास बाबा के अनुसार अंतरात्मा से की गई सत्कार ही असली सत्कार है।

28

बइला-भईसा ल सूरज चढ़े के बाद नागर म झन फाँदहू अऊ गाय-भैंस ल कभु नागर म झन जोतहु।

गुरु घासीदास बाबा ने पशु क्रूरता को रोकने के लिए किसानों को सुझाव दिया कि बैल –भैस को दोपहर के बाद हल न फँदें, पशुओं को भी इंसानों की तरह आराम करने का अधिकार है। उन्होंने दूध देने वाली मादा पशुओं जैसे गाय और भैस को हल जोतने के कार्य में नहीं लेने का सुझाव दिया है।

 29

पानी पीहु छान के अउ गुरू बनाहू जान के।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि पानी को सदैव छान कर पीयें; साथ ही यदि आप किसी मनुष्य को गुरु बना रहे हैं तो उनके गुण अवगुण और ज्ञान मार्ग की सम्पूर्ण जानकारी लेकर ही गुरु बनायें।

·        क्योंकि अधिकतर लोग षड्यन्त्रपूर्वक चाटुकारों के माध्यम से झूठे प्रशंसा और अफवाह के दम पर खुद को गुरु बताने मे सफल हो जाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें वास्तविक मानव धर्म का ज्ञान ही नहीं है वो अधर्म, हिंसा और अन्याय को ही धर्म का नाम दे बैठे हैं। आपकी मार्गदर्शन करने के बजाय आपको लड़ाने और आपको अमानुष बनाने के लिए तैयार बैठे हैं।

30 

जइसे खाहु अन्न वैसे बनही मन, जइसे पीहू पानी वइसे बोलहु बानी।

गुरु घासीदास बाबा ने माँसाहार और शराब सेवन से बचने का सलाह देते हुए कहा है कि आप जैसे भोजन ग्रहण करेंगे वैसे ही उस भोजन के अनुरूप आपका तन और मन रहेगा, तथा आप जैसे पानी पियेंगे उसके अनुरूप आपकी बोली होगी।

·        यदि आप हिंसा करके जीवों के शरीर को भोजन के रूप में ग्रहण करेंगे तो आप सदैव हिंसा और हत्या के लिए उतावले रहेंगे, उसी प्रकार यदि आप यदि शराब सेवन करेंगे तो आप अपनी दूषित मनोदशा के अनुरूप ही लोगों से बातें करेंगे।

 

31

·        सतनाम ल अपन आचरण में उतारव; अंधविश्वास, रूढ़िवाद अऊ परंपरावाद ल झन मानव।

·        मोर कहना ल घलो झन मानव, अपन दिमाक लगावव।

गुरु घासीदास ने कहा है कि सतनाम अर्थात सत्य को अपने आचरण में सम्मिलित करें तथा अंधविश्वास, रूढ़िवादी परंपराओं को मत मानो।

32

मेहनत के रोटी ह सुख के आधार आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि मेहनत से अर्जित धन और भोज्य पदार्थ सुख का आधार है।

·        भिक्षा, खैरात, चोरी और डकैती से धन और भोजन अर्जित करना अनुचित कृत्य है।

 33

·        ज्ञान पंथ कृपान कै धारा।

·        गियान दुधारी तलवार ले जादा धारदार होथे, फेर येला धारण करईया ल कोनो घाटा घलो नई होवय।

·        जेन मनखे ज्ञानी होथे ओला अपन रक्षा बर हथियार रखे ल नई परय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि ज्ञानी मनुष्य के लिए उनका ज्ञान कृपाण के समान है। ज्ञानी मनुष्य को अपने दुश्मन से लड़ने के लिए हथियार की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि आप कृपाण या तलवार रखेंगे तो हो सकता है उस कृपाण या तलवार से आपको अथवा आपके परिवार को हानि हो सकती है, मगर ज्ञान से आपको कोई हानि नहीं होगी।

 

4

दाई ह दाई आय, मुरही गाय के दुध झन पीहौ।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि माँ तो माँ होती है चाहे वह आपकी हो या किसी दूसरे की, अतः माँ की सेवा और सम्मान करें। जिस गाय या भैंस का बछड़ा-बछिया, अथवा पड़वा-पड़िया मर गया हो, उसका दूध मत पीना।

35

पशुबलि अंधविश्वास ये एला कभू झन करहु।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि पशु की बलि देना अंधविश्वास है।

·        मारना तो हत्या ही है चाहे आप उस हत्या को बलि का नाम दें, वध कहें या आत्मरक्षा कहें।

·        हत्या हत्या ही है चाहे धर्म के नाम पर हो या व्यक्तिगत स्वार्थ या अन्य कारण से किया गया हो।

·        पशुबलि मत दो, इससे कोई ईश्वर या भगवान खुश होकर आपके मनोकामना को पूरा नहीं करता।

·        धर्म के नाम पर हत्या उचित कैसे हो सकता है? धार्मिक लोगों की मान्यता रहती है कि ईश्वर सबके जन्म के कारण हैं, अर्थात समस्त जीवों के माता-पिता हैं तो फिर बताओ क्या कोई माँ-बाप अपने संतान को खाना या मारना चाहेगा? 

36

धन ल उड़ाहव झन, बने काम म लगाहव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि धन का अपव्यय न करें, अच्छे कार्यों में लगायें।

·        अर्थात नशे का सेवन, शराब सेवन, सट्टा, जुआ और कोई शर्त में न लगाएं बल्कि कृषि भूमि क्रय करें, आभूषण खरीदें, घर बनायें, शिक्षा-स्वास्थ्य और पारिवारिक-सामाजिक जरूरत के काम में लगायें ।

37

एक धुबा मारेच तुहु तोर बराबर आय।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि आपने जिस भ्रूण अथवा नवजात शिशु की हत्या की है वह भी आपके समान है।

·        भ्रूण भी एक मानव है और उसे भी आपकी तरह गरिमामय जीवन जीने का भरपूर अधिकार है।

·        गुरु घासीदास बाबा के समकाल में भ्रूण और कन्या शिशुओं की हत्या होती थी जिसे रोकने के लिए उन्होंने ये बात कही थी। 

38

कोनो मनखे कुल, जात अऊ धरम ले महान अऊ पुजनीय नई होवय।

गुरु घासीदास बाबा ने समाज मे व्याप्त ऊँच –नीच के मानसिकता का खंडन करते हुए कहा है कि कोई भी इंसान या जीव किसी खास कुल, जाति अथवा धर्म में जन्म लेने मात्र से महान या पूज़्यनीय नहीं होता है।

·        कोई व्यक्ति आपके गुरु के कुल में जन्म लिया है इसका तात्पर्य यह नहीं कि वह आपके बच्चों का गुरु होगा। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि “पानी पीहु छान के अउ गुरू बनाहू जान के।“

·        महानता कर्म आधारित हो सकती है परंतु वंश आधारित कदापि नहीं हो सकता। क्योंकि आपकी पैतृक धन, संपदा भौतिक होने केकारण आपको हस्तांतरण हो जाती है मगर ज्ञान और अनुभव हस्तांतरण योग्य वस्तु नहीं है। 

39

बासी भोजन अऊ दुरगुन ले दुरिहा रईहव।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि बासी भोजन और दुर्गुण से दुर रहें।

·        बासी भोजन आपके शारीरिक स्वास्थ्य को तथा दुर्गुण आपके मानसिक और सामाजिक छवि को बर्बाद करती है। 

40   

·        मोला-तोला अऊ बेर-कुबेर झन देखव; जउन हे तउने ल बाँट बिराज के खा लव । 

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि आपके पास जो भी भोजन,धन-संपदा और कार्य है उसे परिवार के सभी सदस्य आपस में बाँट लें; किसी भी छोटे-बड़े काम को मुझे करना है,आपको करना है, अथवा बाद में करना है ये सोचकर टालना मत। 

41

·        बईरी संग घलो पिरीत रखहु।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि अपने शत्रु से भी प्रेम रखना।

·        क्योंकि वह अभी आपके लिए शत्रु हो सकता है मगर मूलतः वह मेरा संत है; मेरा अपना है। गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि जतेक हव सब मोर संत आव, ककरो बर काँटा झन बोहौ। आप और आपके शत्रु दोनों ही मेरे लिए एक समान हैं इसलिए दुश्मन के लिए भी प्रेम और सद्भावना रखना।

42

दान के लेवईया अऊ दान के देवईया दुनो पापी होथे।

गुरु घासीदास बाबा ने कहा है कि दान लेने वाला और दान देने वाला दोनों ही पापी हैं।

·        क्योंकि दान लेने वाला षड्यन्त्रपूर्वक बिना मेहनत किये आपके संतान और बुजुर्ग माता-पिता के हिस्से को छीन रहा है और आप खुद अपने संतान और बुजुर्ग माता-पिता के हिस्से को छीनकर खैरात में उसे दे रहे हैं।

 

गुरु घासीदास बाबा के मुक्ता

 

1

सँसो-फिकर झन करव, समसिया ले लड़े बर आगु बढ़व।

चिंता न करें; समस्या का डटकर सामना करें।


 

2

नशा मत करव, नशा ह नाश के उदिम आय।

नशा न करें; क्योंकि नशा नाश का कारण है।


 3

कोनों मनखे ल बदनाम मत करिहौ।

किसी भी मनुष्य को बदनाम न करें।

 

4

मूर्ति पूजा मत करव, मूर्ति पूजा करना मुरुखता आय।

मूर्ति पूजा न करें क्योंकि मूर्ति पूजा मूर्खता है।


5        

मरे मनखे (पितर) के पूजा मत करव।

मृत मनुष्य (पितर) का पूजा न करें।

·        मृत व्यक्ति जो खुद के लिए कुछ नहीं कर सकता है वह आपके लिए क्या करेगा?

  

 6

जेन सिरा गे हाँवय तेखर पूजा पचिसठा मत करहौ।

मृत मनुष्य का पूजा न करें।

 

7

हुम–हवन अबिरथा बुता आय।

पूजा-हवन न करें, यह व्यर्थ कार्य है।

 

8

कहूँ जाए के पहिली मन म शंका झन करहु ।

कहीं भी जाने के पहले से मन में शंका न करें।

 

9

कोनों दिन, बेरा अऊ दिशा ह अपसगुन नई होवै।

कोई दिन, समय और दिशा अशुभ नहीं होता है।

 

10

असली देवता दाई-ददा, पेड़-परबत अऊ नदिया-तरिया हर आय।

वास्तविक देवता माता-पिता, पेड़-पहाड़ और नदी-तालाब है।

 

11

राहु, केतु, गृहदोष, शनि भद्रा ल मत मानव, कुंडली दोष के बात ह झूठा षड्यन्त्र आय।

राहु, केतु, गृहदोष, शनि भद्रा को मत मानो, कुंडली दोष की बात असत्य और एक षड्यन्त्र है।

 

 

12

शंख मत फुँकव; शंख फुके ले ईश्वर या देवता नई जागे, अबिरथा शोर मत करव।

शंख मत फुको, शंख फुँकने से कोई ईश्वर या देवता नहीं जागता है, व्यर्थ शोर मत करो।

 

13

सुतई, कछुआ के हाड़ा ल बर्तन समझके कोई काम म मत लावव।

मृत जीव (सीप और कछुआ) के हड्डी को बर्तन के रूप मे उपयोग में मत लाओ।

 

14

छुआ-छूत मत मानव; कोनों मनखे अछूत नई होवय।

छुआछूत मत मानो, कोई मनुष्य अछूत नहीं होता है।

 

15

देवी-देवता ल मत मानव, ईंखर दलाल मन तुँहला लूट लेहिं।

देवी-देवता को मत मानो, अन्यथा इनके दलाल आपको लूट खायेंगे।

 

16

दुसर के नारी-पुरुष ले दुरिहा रहव।

गैर स्त्री-गैर पुरुष से दुर रहें, अर्थात शारीरिक संबंध की अपेक्षा न रखें।

 

17

भाग के भरोसा झन करव; अपन किसमत खुदेच लिखव।

भाग्य के भरोसे मत रहो, अपनी किस्मत खुद लिखो।

 

18

अपन बचन म अडिग रहव, बचन ले मत मुकरव।

अपने वचन (वादा) मे अडिग रहो, वादाखिलाफी मत करो।

 

19

दुसर के धन म लालच झन करव।

दूसरे के धन, संपदा में लालच न करें।

20

मान बड़ाई म मत परव।

किसी के झूठे तारीफ और बहकावे में मत आओ।

 

21

घर-परिवार के भेद कोनों ल झन बताहौ; तूँहरे ठिठोली बन जाही।

अपने घर-परिवार की गोपनीयता भंग न करें, अन्यथा आपकी हँसी होगी।

 

22

कखरो अहित मत करव।

किसी भी जीव का अहित न करें।

 

 

23

लबारी अऊ असत बानी झन बोलाहौ।

झूठ और असत्य बात न बोलें।

 

24

बइरी के मीठ बोली म मत फँसहु।

दुश्मन चाहे कितना ही मीठा क्यों न बोले, उसके बहकावे में न फँसें।

 

25

परोसी के उन्नति म जलव मत, मेहनत करके अपन उन्नति करव।

पड़ोसी के उन्नति से दुर्भावना न करें, बल्कि खुद मेहनत करके उन्नति की ओर आगे बढ़ें।

 

26

बुरे मनखे के संग झन जाहौ।

बुरे मनुष्य से दोस्ती न करें, उनके हमराही न बनें।

 

27

जेखर दुवारी म सनमान नई मिलय ऊँहा कभु झन जाहु।

जिसके आँगन में सम्मान न हो, या जहाँ आपको अपमानित किया जाता हो वहाँ कभी भी न जायें। 




श्रीमती कली बाई जोशी की किताब गिया के रित (Gyan ke Amrit) से साभार 

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