श्री मोहित गर्ग, पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नारायणपुर पुलिस के कुछ चूनिंदा उपलब्धियां
श्री मोहित गर्ग 27 फरवरी 2019 को नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर में पदभार ग्रहण किये उसके बाद से श्री गर्ग के नेतृत्व में जिला पुलिस बल का प्रबंधन, नक्सल हिंसा कमी और आम नागरिकों और पुलिस के बीच बेहतर संबंध स्थापित हुए हैं। श्री गर्ग अत्यंत सहृदयी पुलिस अधिकारी हैं जो अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में संवैधानिक और कानूनी दायरे के अंतर्गत रहते हुए मावनीय आधार पर कार्य करने के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि आदेश जारी करने मात्र से या कठोरतापूर्ण रवैया अपनाने मात्र से नही वरन् व्यवहारिक दृश्टिकोण से कार्य करने से ही बेहतर परिणाम प्राप्त की जा सकती है। श्री गर्ग द्वारा हाल ही में लम्बे दिनों से एक ही स्थान पर तैनात रहने वाले 222 पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना आदेश जारी किया गया, इस स्थानांतरण आदेश की सबसे खास बात यह कि श्री गर्ग द्वारा महिला पुलिस अधिकारियों को उनके सहमति के आधार पर पदस्थापना दी गई है। संभवतः पूरे दूनिया के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ हो कि महिला पुलिस अधिकारियों को उनके मनचाहे स्थान और कार्य पर पदस्थापना दी गई हो। आरक्षक और प्रधान आरक्षक स्तर के इन महिला पुलिस अधिकारी में अधिकतर पुलिस अधिकारी गर्भवती, नवजात शिशूओं और छोटे-छोटे बच्चों की मां, शहीद की पत्नी अथवा विधवा हैं। इन महिला पुलिस अधिकारियों को श्री गर्ग के निर्देशन में कार्यालयीन कार्य में निपूर्ण करने के लिए विभागीय रूप से निःशूल्क कम्प्यूटर प्रषिक्षण दिया जा रहा है तथा कार्यालयीन कार्य भी सीखाया जा रहा है।
मजबूत पुलिस - विश्वसनीय पुलिस - नारायणपुर पुलिस
श्री गर्ग के नेतृत्व में जिला नारायणपुर 03 पुलिस थाना/कैम्प (सोनपुर-थाना, कोहकामेटा-थाना, कडेमेटा-कैम्प) का उद्घाटन कराया गया है जो नक्सल मुक्त जिला के लिए कार्य करने में अपना योगदान दे रहे हैं। साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति के विरूद्ध होने वाले अपराधों में नियंत्रण-रोकथाम और प्रभावी कार्यवाही हेतु अजाक थाना भी खोले गये हैं जबकि महिलाओं को घरेलू हिंसा और प्रताडना से बचाने और इस संबंध में महिलाओं को समूचित मार्गदर्शन देने के लिए विषेश महिला परामर्श केन्द्र भी खाले गये हैं। माड मैराथन और खेलो इंडिया के तहत् खेलों का आयोजन, मलखम्ब-खेल हेतु प्रशिक्षण का संचालन, स्टूडेंट पुलिस कैडेट, ‘‘सुना गोठ’’ अबुझमाड के संगवारी (हल्बी, गोण्डी और छत्तीसगढ़ी बोली में) एल्बम और ‘‘एक्सप्लोरिंग अबुझमाड’’ - द लार्जेस्ट अनसर्वेड एरिया आफ इंडिया नामक डाक्यूमेंट्री का विमोचन भी इनके कुछ उल्लेखनीय कार्य है।
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