"मेरे दिल में"
यह कविता मेरे द्वारा सीआईएटीएस स्कूल, 5वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कंगोली, जगदलपुर में तैनाती के दौरान सोमवार, अप्रेल 18/2011 को लिखा गया था, जो मेरी अपनी काल्पनिक प्रेमिका को संबोधित है।
कोई हसीन ख्वाब लेकर आ मेरे दिल में
बिना बुलाए बस जा, मेरे दिल में
मैं करीब ही तो हूं कहीं तेरे दिल में.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
मुझे किसी मंजिल की जरूरत नहीं
तेरे जाने के बाद, मेरे दिल में
एक भोली सुरत बनकर आ जाओ.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
कोई आंखों से पुकारती है समां कर मेरे दिल में
कोई छिपकर चोरी से देखती है मेरे दिल में
प्लीज तुम भी आ जाओ न .....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
बिना बुलाए बस जा, मेरे दिल में
मैं करीब ही तो हूं कहीं तेरे दिल में.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
मुझे किसी मंजिल की जरूरत नहीं
तेरे जाने के बाद, मेरे दिल में
एक भोली सुरत बनकर आ जाओ.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
कोई आंखों से पुकारती है समां कर मेरे दिल में
कोई छिपकर चोरी से देखती है मेरे दिल में
प्लीज तुम भी आ जाओ न .....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में
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