"हम सब भारतीय एक सामान"
हम सब भारतीय एक सामान हमारे मन में कोई पाप नहीं।
हमको जी भर के जीना है, अपना किसी से बात नहीं।।
हम मानवता को जानते हैं, और किसी के खास नहीं।
हम सब भारतीय एक सामान मन में कोई बात नहीं।।
हिन्दू मुस्लिम दोनों ही भाई सिक्ख इसाई भी नहीं पराई।
आओ मेरे साथ आओ, आओ हो जाओ मेरे साथ में भाई।।
हमने भी तो कसम है खाई, भारत को आओ महान बनाई।
करें एक साथ काम हम, हुलेश्वर जोशी भी नहीं पराई।।
हम सब भारतीय एक सामान, हमारे मन में कोई पाप नहीं।
आओ होली के रंग में रंगें, दिवाली बिन मन उजियारा नहीं।।
हरियाली अउ गेड़ी तिहार, तीजा बिन राखी का मोल नहीं।
हम सब भारतीय एक सामान मन में कोई बात नहीं।।
हम सब भारतीय ........................
हम सब भारतीय एक सामान हमारे मन में कोई पाप नहीं।
हमको जी भर के जीना है, अपना किसी से बात नहीं।।
हम मानवता को जानते हैं, और किसी के खास नहीं।
हम सब भारतीय एक सामान मन में कोई बात नहीं।।
हिन्दू मुस्लिम दोनों ही भाई सिक्ख इसाई भी नहीं पराई।
आओ मेरे साथ आओ, आओ हो जाओ मेरे साथ में भाई।।
हमने भी तो कसम है खाई, भारत को आओ महान बनाई।
करें एक साथ काम हम, हुलेश्वर जोशी भी नहीं पराई।।
हम सब भारतीय एक सामान, हमारे मन में कोई पाप नहीं।
आओ होली के रंग में रंगें, दिवाली बिन मन उजियारा नहीं।।
हरियाली अउ गेड़ी तिहार, तीजा बिन राखी का मोल नहीं।
हम सब भारतीय एक सामान मन में कोई बात नहीं।।
हम सब भारतीय ........................
यह कविता श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी द्वारा दिनांक 07-12-2012 को 4थी बटालियन माना कैम्प रायपुर में लिखा गया थाl इस कविता के माध्यम से हर भारतीय नागरिक को एक समान होने का संदेश दिया गया है, कविता में हिन्दी छत्तीसगढ़ी परम्परा का भी उल्लेख किया गया है।
Image of Poet Shri Huleshwar Prasad Joshi
Bahut sundar Joshi ji
जवाब देंहटाएं