गुरू नानकदेव ने हमें भाईचारा, एकता और मानवता का पाठ पढ़ाया - एचपी जोशी
मै पूरे मानव समाज को गुरू नानकदेव जयंति अर्थात प्रकाश पर्व की शुभकामना देता हूं।
उल्लेखनीय है कि गुरू नानकदेव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन अर्थात आज ही के दिन 550 वर्ष पहले हुई थी, उनके जयंति को हम प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं। उन्होनें हमें भाईचारा, एकता और मानवता के सिद्धांत पर चलने का रास्ता दिखाया। हम गुरू नानकदेव के चीरऋणी हैं जिन्होने हमें धर्म निरपेक्षता के लिए प्रेरित किया, इसीलिए सभी धर्म के अनुयायी उनके शिष्य बने और उनका अनुसरण कर अमरता को प्राप्त हुए। गुरू नानकदेव मानते थे कि अहंकार मनुष्य का सबसे बडा दुश्मन है अतः उन्होनें सेवाभाव को अपने आचरण में शामिल करने के लिए प्रेरित किया, उन्होनें मानव समाज में व्याप्त उंच-नीच, जाति-पाति, छुआछूत और भेदभाव को मिटाने के लिए लंगर की शुरूआत किया, जिसमें सभी जाति-धर्म के लोग एक ही पंक्ति में भाईचारा के साथ प्रसाद पाते हैं और सेवा करते हैं।
गुरू नानकदेव ने मानव समाज को बताया कि भंवसागर में एक ही ईश्वर है जो हमारा पिता है अर्थात हम एक ही ईश्वर के संतान हैं। उन्होनें ईमानदार रहकर संयमित जीवन जीनें, परोपकार करने और स्त्री का आदर करने का संदेश दिया।
हमें गुरू नानकदेव से प्रेरित होकर जीवन जीनें की आवश्यकता है, सच्चे अर्थो में मानव होने के लिए गुरू नानकदेव जी के मार्ग में चलना अत्यंत आवश्यक है।
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