मैं स्वयं वृक्षारोपण नही कर सकता, परन्तु आर्थिक रूप से योगदान दे सकता हू, क्या करूं ???
यह प्रश्न है एक शासकीय सेवक, शहरी जागरूक युवक का, जो जानता है कि वृक्षारोपण उनके लिए, उनके आने वाले पीढी के लिए अत्यंत आवश्यक है। परन्तु समयाभाव और वृक्षारोपण के लिए भूमि का अभाव उन्हें हर बरसात अत्यंत दूखी कर देता है। यह कहानी उस आदमी का है जो अपने व्यस्तत्म जीवन में कार्य और व्यवसाय के दौडभाग में किसी एक स्थान पर स्थिर नही रह पाता। यह कहानी उन सैनिकों और पुलिसकर्मियों की है, जिनका अपना कोई विशेष ठिकाना नही होता। यह कहानी है उस युवति की जो अपने सहेलियों सहित पीजी (पेइंग गेस्ट) के रूप में एक परिवार के साथ रहती है और यूपीएससी की तैयारी करती है।
- जिसके स्वयं के पास जमीन न हो, वे शहर से दूर निकलकर, गांवों की ओर कदम बढ़ाएं, वंहा जाकर फलदार पौधे वितरित करें।
- शासन द्वारा किये जा रहे पथरोपण अथवा उद्यान में देखें कोई पौधा खराब तो नही हो गया, देखें उसका स्थान खाली हो गया तो वहां जाकर फलदार वृक्ष लगायें और सेल्फी को अपने सोशल मीडिया समूहों में शेयर करें।
- अपने छतों में शब्जी उत्पादन की जा सकती है और छोटे से बालकनी में भी पौधे लगाये जा सकते हैं।
तो भी कोई बात नही, आप ईशा फाउण्डेशन जैसे किसी भी संस्था को रूपये दान करके, वृक्षारोपण करा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि ईशा फाउण्डेशन वर्ष 2004 से अब तक लगभग 2 मिलियन दानदाताओं के सहयोग से 35 मिलियन वृक्ष लगा चूका है। यदि आप दान करने के इच्छूक हैं तो यहां क्लिक करें और अपनी राशि चूनें I
Smt. Vidhi Joshi
Atal Nagar
Raipur, Chhattisgarh
Raipur, Chhattisgarh
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