मै शिवभक्त हूं और आसपास शिवमन्दिर नहीं, क्या करूं?? क्या विकल्प है????
श्रावण सोमवार
शिव सर्वशक्तिमान भगवान हैं इसलिए कुछ ज्ञानियों ने इनका आराधना, पूजा अथवा आभारप्रकट करना अत्यंत आवश्यक बताया है। ऐसे में हर स्थान पर शिवमन्दिर में शिवलिंग की उपलब्धता भी आवश्यक हो जाता है, मगर ऐसा संभव न हो तो उसका विकल्प भी उपलब्ध है। माता श्यामा देवी शिवभक्तों के लिए निम्नानुसार विकल्प बताती हैं :-
# शिवभक्त शिवजी का आभार प्रकट करने के लिए स्वयं मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करके उसका आभार प्रकट करें, अभिषेक वर्षा के जल से ही होगी, परन्तु पुष्प अथवा/और फल जरूर चढ़ाएं । (मिट्टी स्वच्छ भूमि अर्थात खेतों अथवा मेड के कच्चे मिट्टी से बनाया जावे, जिसमें शिवलिंग बनाने के लिए पृथक से पानी डालने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।) ऐसा वर्ष में केवल एक बार करना ही साधक के लिए पर्याप्त है।
# पिता ही साक्षात् परब्रह्म परमात्मा है, ब्रम्हा, विष्णु और महेश है। इसलिए इनका पैर पखारा जावे तो त्रिदेवों की पूजा स्वतः हो जाती है। पहले साफ जल से पिता का पैर धोएं, उसके बाद बर्तन में पैर रखकर बारी बारी से दूध और जल अथवा केवल जल या दूध से पैर पखरें और उसका पान करें।
# यदि उपरोक्त दोनों ही विकल्प उपलब्ध न हो तो, भक्त को यह जानना भी आवश्यक है कि समस्त ब्रम्हांड केवल 5 ज्ञात तत्वों के योग से निर्मित है उन्हीं तत्वों में स्वेम श्री शिव भी स्थापित हैं अर्थात प्रकृति का संपूर्ण स्वरूप को शिव मान कर उनका आभार प्रकट किया जावे।