राज्य के सबसे काबिल, सक्रिय और कनिष्ठ कर्मचारियों के हितैषी आईजी में से एक आईपीएस श्री जीपी सिंह हुए पदोन्नत
# जवानों और उसके परिवार के लिए राज्य में सीपीसी केंटीन की शुरुआत।
# जवानों के स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए कामर्शियल स्तर के जिम की स्थापना।
#डिजिटल पुलिसिंग के तहत सिटीजन कॉप- मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत, इस संबंध में उल्लेखनीय है कि श्री सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया और फीक्की अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है। वर्तमान में पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग एक लाख से अधिक उपयोगकर्ता के रूप में सक्रिय होकर अपराध मुक्त राज्य की स्थापना में अपना योगदान दे रहे हैं। यह एप्प पूरे देश में पुलिस द्वारा संचालित सिक्योरिटी एप्प में सबसे अव्वल दर्जे में है, इस एप्प के माध्यम से आम नागरिकों के गुम/चोरी हुए लगभग 500 मोबाइल फोन रिकवर कर उसके मूल मालिकों को लौटाया जा चुका है। मोबाइल चोर दसहत में थे, जब वे रायपुर और दुर्ग आइजी रहे तब चोर मोबाइल चोरी करना कम कर दिए थे, वहीं अगर किसी को मिल जाता तो वे लोग संबंधित को वापस करने के लिए प्रयास भी करते थे।
#रायपुर में पुलिस स्कूल की निर्माण कराया, जो इस वर्ष से संचालित हो रही है।
#अराजपत्रित अधिकारियों, other rank और महिलाओं के लिए रायपुर में ट्रांजिट मेश की शुरुआत।
#जवानों के किट पेटी को बंद कर उसके स्थान पर राशि देने का प्रस्ताव, पुलिस मुख्यालय में लंबित है।
# राष्ट्रीय स्तर के बड़े नक्सलियों का आत्मसमर्पण।
#नक्सली मारने पर अनिवार्य पदोन्नति।
#बॉर्डरलेश (सीमा के बंधन से मुक्त) पुलिसिंग।
#आरक्षक व प्रधान आरक्षक को पुलिस की रीढ़ मानते थे।
वहीं एडीजी श्री एसआरपी कल्लूरी सर ने ही सरगुजा रेंज से नक्सलियों का सफाया किया था, बस्तर में नक्सलियों के उपद्रव में रोक लगा दिए थे, लोगों का मानना है वे लंबे समय free hand होते तो बस्तर से नक्सलियों का नामो निशान मिट चुका होता।
राज्य सरकार द्वारा जारी पदोन्नति आदेश -
राज्य सरकार द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के 03 अधिकारियों को आबंटन वर्ष से 25 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले आईजी श्री जीपी सिंह, श्री हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी को दिनांक 1 जनवरी 2019 की स्थिति में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि एडीजी श्री जीपी सिंह राज्य के सबसे काबिल, सक्रिय और आम लोगों, कनिष्ठ कर्मचारियों के कल्याण के लिए जाने जाते हैं। श्री सिंह ही वह अधिकारी है जो रायगढ़ एसपी रहने के दौरान सबसे पहले जवानों और उनके बच्चो के लिए कंप्यूटर सीखने की व्यवस्था सुनिश्चित किए थे, श्री सिंह के महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी कार्यों में से कुछ कार्य इस प्रकार है :-
# जवानों और उनके परिजन के लिए कंप्यूटर सेंटर।# जवानों और उसके परिवार के लिए राज्य में सीपीसी केंटीन की शुरुआत।
# जवानों के स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए कामर्शियल स्तर के जिम की स्थापना।
#डिजिटल पुलिसिंग के तहत सिटीजन कॉप- मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत, इस संबंध में उल्लेखनीय है कि श्री सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया और फीक्की अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है। वर्तमान में पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग एक लाख से अधिक उपयोगकर्ता के रूप में सक्रिय होकर अपराध मुक्त राज्य की स्थापना में अपना योगदान दे रहे हैं। यह एप्प पूरे देश में पुलिस द्वारा संचालित सिक्योरिटी एप्प में सबसे अव्वल दर्जे में है, इस एप्प के माध्यम से आम नागरिकों के गुम/चोरी हुए लगभग 500 मोबाइल फोन रिकवर कर उसके मूल मालिकों को लौटाया जा चुका है। मोबाइल चोर दसहत में थे, जब वे रायपुर और दुर्ग आइजी रहे तब चोर मोबाइल चोरी करना कम कर दिए थे, वहीं अगर किसी को मिल जाता तो वे लोग संबंधित को वापस करने के लिए प्रयास भी करते थे।
#रायपुर में पुलिस स्कूल की निर्माण कराया, जो इस वर्ष से संचालित हो रही है।
#अराजपत्रित अधिकारियों, other rank और महिलाओं के लिए रायपुर में ट्रांजिट मेश की शुरुआत।
#जवानों के किट पेटी को बंद कर उसके स्थान पर राशि देने का प्रस्ताव, पुलिस मुख्यालय में लंबित है।
# राष्ट्रीय स्तर के बड़े नक्सलियों का आत्मसमर्पण।
#नक्सली मारने पर अनिवार्य पदोन्नति।
#बॉर्डरलेश (सीमा के बंधन से मुक्त) पुलिसिंग।
#आरक्षक व प्रधान आरक्षक को पुलिस की रीढ़ मानते थे।
वहीं एडीजी श्री एसआरपी कल्लूरी सर ने ही सरगुजा रेंज से नक्सलियों का सफाया किया था, बस्तर में नक्सलियों के उपद्रव में रोक लगा दिए थे, लोगों का मानना है वे लंबे समय free hand होते तो बस्तर से नक्सलियों का नामो निशान मिट चुका होता।
राज्य सरकार द्वारा जारी पदोन्नति आदेश -