प्रदेश में निष्पक्ष, निर्भिक एवं शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराने व चुनाव तैयारियों का जायजा लेने कबीरधाम जिले के दौरे पर निकले पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज श्री जी. पी. सिंह तथा कमिश्नर दुर्ग, श्री दिलीप वासनीकर आज दिनांक 16.10.18 को कबीरधाम जिले के प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होनें कबीरधाम जिले में चुनाव तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली गई। जिसमें जिला कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक सहित निर्वाचन कार्य में संलग्न सभी स्टेक होल्डर विभागों के अधिकारी/कर्मचारी शामिल हुए।
मीटिंग में संबंधित जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा चुनाव हेतु अब तक की गई तैयारियों एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के उपरांत रेंज पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग श्री जी. पी. सिंह ने समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि :-
आदर्श आचार संहिता का पालन:- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव-2018 के मतदान तिथियों की घोषणा के उपरांत पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। अतः पुलिस/प्रशासनिक अधिकारीगण सुनिश्चित करें कि जिले में पूरी तरह से आचार संहिता का पालन हो। किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी द्वारा आचार संहिता के तहत निर्धारित मापदण्ड का यदि पालन नही किया जाता है तो उनके विरूद्ध तत्काल वैधानिक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
Incident Free Polling %& Incident Free Polling हमारा प्रथम लक्ष्य है। चुनाव के दौरान सभी स्टेक होल्डर विभागों के मध्य बेहतर समन्वय हो ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति निर्मित ही न होने पाए। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी छोटी-सी-छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लेकर तत्काल यथोचित वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करें। पुलिस की व्हिजिबिलिटी बढाई जावे तथा कार्यप्रणाली में कसावट लाई जावे। चुनाव के दौरान सुरक्षा संबंधी मामूली से मामूली चूक अथवा असावधानी को गंभीरता से लिया जाता है, अतएव संवेदनशील क्षेत्रों में इन्सीडेंट-फ्री पोलिंग हेतु मतदान केन्द्र, मतदान दल एवं मतदान सामग्री की समुचित सुरक्षा योजना पूर्व से सुनिश्चित कर लें।
महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं उम्मीदवारों की सुरक्षा:- चुनाव के दौरान जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में आमसभा, जुलूस एवं प्रचार प्रसार के दौरान अतिविशिष्ट/विशिष्ट व्यक्तियों, स्टाॅर प्रचारकों एवं उम्मीदवारों को सुरक्षा खतरों के आधार पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जावे। उम्मीदवारों एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत चूनौतिपूर्ण होगा, अतः जिला निर्वाचन अधिकारी/पुलिस अधीक्षक सभी दलों एवं निर्दलीय उम्मीदवारों से उनके भ्रमण, कार्यक्रम, रैलियों एवं चुनाव प्रचार की जानकारी पर्याप्त समय पूर्व प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। इस हेतु संबंधितों की बैठक लेकर उन्हें अवगत करावें कि उनकी सुरक्षा के लिये ही यह व्यवस्था बनाई गई है, अतएव सहयोग करते हुए अपने कार्यक्रमों की पूर्व से जानकारी दें, ताकि तदनुरूप आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
मोबाईल चेक-पोस्ट:- मोबाईल चेक-पोस्ट लगाकर बाहर से आने वाले वाहनों की प्रभावी चेकिंग सुनिश्चित की जावे तथा रजिस्टर में संबंधितों की जानकारी जैसे उसका नाम, पता, मोबाईल नंबर, वाहन नंबर, वाहन का प्रकार एवं गंतव्य स्थल आदि का विवरण दर्ज किया जाकर आवश्यकतानुसार तसदीकी कराई जावे।
आकस्मिक कार्ययोजना:- चुनाव के दौरान बनने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आंकलन कर कार्ययोजना तैयार कर लें। इसके लिये पर्याप्त संख्या में रिजर्व बल, क्यूआरटी आदि पृथक से तैयार स्थिति में रखी जावे, ताकि सूचना पर न्यूनतम समय में कार्यवाही की जा सके। पुलिस अधीक्षक कबीरधाम को नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्रों को सुरक्षा की दृष्टि से किस प्रकार सेनेटाइज किया जाए एवं ऐसे मतदान केन्द्र जहाॅं संचार के साधन/मोबाईल कनेक्टीविटी की सुविधा नही है, उन क्षेत्रों में वैकल्पिक कम्यूनिकेशन की कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देष दिये गये। संवेदनशील एवं विशेषकर नक्सल क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलिंग, आरओपी एवं एरिया डाॅमिनेशन कराया जावे।
फ्लैग मार्च:- फ्लैग मार्च निकालकर जनमानस में सुरक्षा एवं पुलिस के प्रति पाॅजिटिव माहौल सुनिश्चित करें, ताकि आम मतदाता भयमुक्त सकारात्मक माहौल से प्रेरित होकर अधिक से अघिक मतदान में भाग लेकर अपने प्रजातांत्रिक अधिकारों का उपयोग कर सके और मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो।
केन्द्रीय बलों के लिए लाॅजिस्टिक व्यवस्था एवं प्रशिक्षण :- चुनाव के दौरान बाहर से आने वाले केन्द्रीय बलों की लाॅजिस्टिक व्यवस्था, जैसे आवास, बिजली, परिवहन, टाॅयलेट, पेय/निस्तार हेतु जल व्यवस्था, चिकित्सा एवं वेलफेयर से संबंधित अन्य समुचित व्यवस्थायें पूर्व से सुनिश्चित कर लें। ताकि, केन्द्रीय बलों के आवास एवं मूव्हमेंट में कठिनाई न हो। केन्द्रीय बलों के प्रशिक्षण व एरिया फेमिलाइजेशन आदि कार्य हेतु जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर क्षेत्र की भौगोलिक-सामाजिक स्थिति एवं संवेदनशीलता के संबंध में ज्यादा से ज्यादा ब्रीफिंग दी जावे, ताकि वे यहां की परिस्थितियों से वाकिफ होकर बिना किसी कठिनाई के दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
मतदान केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था:- सभी मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर उसकी उपयुक्तता की समीक्षा कर, सुरक्षा व्यवस्था की प्लानिंग कर लें। मतदान दलों की सुरक्षा व्यवस्था, मुव्हमेंट एवं अन्य व्यवस्थाओं की पूर्व से कार्ययोजना बना लें तथा चुनाव कार्य में लगे समस्त बलों को सुरक्षा संबंधी खतरों के संबंध में ब्रीफिंग एवं डी-ब्रीफिंग की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जावे।
प्रतिबंधात्मक कार्यवाही:- अपराधों में नियंत्रण के लिए प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत् प्रभावी कार्यवाही एक कारगर उपाय होता है, अतः प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत् अधिक-से-अधिक कार्यवाही कराई जावे। शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्तियों, तीन सवारी, ओवर स्पीड, बिना हेलमेट और बिना नंबर प्लेट, के साथ ही नाबालिक वाहन चालकों पर कडी कार्यवाही कराई जावे।
अवैध शराब पर रोकथाम व बार्डर सीलिंग:- चुनाव के दौरान शराब के अवैध परिवहन एवं डंपिंग होने की पूर्ण संभावना है। अतएव सीमावर्ती क्षेत्रों में सत्त निगरानी रखी जावे तथा चिन्हांकित स्थानों पर प्रभावी नाकेबंदी की जावे, ताकि शराब अथवा अन्य मादक द्रव्यों का अवैध परिवहन न हो सके। वहीं असमाजिक तत्वों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग एवं वैधानिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जावे। जिसके तहत होटल, ढाबों, लाॅज, धर्मशालाओं, टैक्सी/बस स्टैण्ड की नियमित चेकिंग कराई जावे। संचालकों को भी हिदायत दी जावे कि यदि किसी भी प्रकार के संदिग्ध व्यक्ति/वस्तुओं की जानकारी उनके संज्ञान में आती है, तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी जावे।
श्री सिंह ने अंत में कहा कि विधानसभा चुनाव 2018 हेतु पुलिस प्रशासन को आम नागरिकों के लिये सुरक्षा का ऐसा वातावरण निर्मित करना होगा, जिससे आम मतदाता निर्भिक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
श्री दिलीप वासनीकर, आयुक्त दुर्ग संभाग द्वारा भी स्टेक होल्डर विभागों के अधिकारियों को चुनाव के दौरान आपसी तालमेल से काम करने की हिदायत दी गई एवं निर्देशित किया गया कि:-
- चुनाव की तिथि घोषित होते ही आदर्श आचार संहिता का पालन करना और कराना पुलिस एवं जिला प्रशासन की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। अतः सुनिश्चित किया जावे कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति न बने तथा इस तरह की छोटी सी छोटी घटना पर त्वरित विधिसंगत कार्यवाही हो। मतदान में गडबडी वाले संभावित क्षेत्रों को पूर्व से चिन्हांकित कर, वहां पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जावे।
- चुनावी सभाओं, रैलियों एवं कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जावे।
- आमसभा/रैली/रोड शो/जुलूस व लाॅउड स्पीकर के उपयोग की अनुमति देने के पूर्व सुनिश्चित कर लें कि दो राजनैतिक दलों/उम्मीदवारों के कार्यक्रम समय में पर्याप्त अंतर हो। एक समय में एक ही स्थल/चौक से दो अथवा दो से अधिक रैलियां/कार्यक्रम न हो।