"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


मंगलवार, जुलाई 03, 2018

टायफाइड, लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT

टायफाइड, लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव 



बेसिक परिचय : आंत्र ज्वर (अंग्रेज़ी:टाइफायड) जीवन के लिए एक खतरनाक रोग है जो कि सलमोनेल्ला टायफी जीवाणु से होता है। सलमोनेल्ला टायफी केवल मानव मात्र में ही पाया जाता है। आंत्र ज्वर (टाइफायड) से पीड़ित व्यक्ति की रक्त धारा और धमनी मार्ग में जीवाणु प्रवाहित होती हैं। 

कारण : आंत्र ज्वर (अंग्रेज़ी:टाइफायड) के प्रणेता जीवाणु का नाम साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) है। 
यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से मलिन हुए जल या खाद्य-पदार्थ के खाने/पीने से होता है। जिसमें साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु मौजूद हो। यदि टाइफाइड का रोगी बाथरूम का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को कीटाणुनाशक साबुन से नहीं धोता और उन्हीं हाथों से खाने-पीने की व अन्य वस्तुओं को स्पर्श करता है, यदि इस स्थिति में कोई दूसरा स्वस्थ व्यक्ति उन्हीं वस्तुओं को छूकर साबुन से हाथ धोए बगैर कोई खाद्य पदार्थ ग्रहण करता है तो वह भी टाइफाइड के बैक्टीरिया से सक्रमित हो सकता है।
लक्षणः टाइफाइड से ग्रस्त रोगियों को अक्सर 103 या 104 डिग्री फॉरेनहाइट या फिर (39-40 डिग्री सेल्सियस) तक बुखार चढ़ सकता है। इस स्थिति के अतिरिक्त रोग के कुछ प्रारंभिक लक्षण ये हैं:- 
1. सिरदर्द व बदन दर्द 
2. भूख में कमी 
3. सुस्ती, कमजोरी और थकान 
4. दस्त होना 
5. सीने के निचले भाग और पेट के ऊपरी भाग पर गुलाबी या लाल रंग के धब्बे (रैशेस) दिखना। 
टाइफाइड का समुचित इलाज नहीं कराने पर व्यक्ति बेहोश हो सकता है और अपनी आँखें आधी बंद कर बिना हिले-डुले पड़ा रह सकता है। बीमारी के दूसरे या तीसरे सप्ताह के दौरान रोगी में धीरे-धीरे सुधार आना शुरू होता है।

रोगोपचार : आंत्र  ज्वर (टाइफायड) पैदा करने वाले साल्मोनेला बैकटीरिया को एंटीबॉयोटिक दवाओं से खत्म किया जाता है। हालांकि कुछ मामलों में लंबे समय तक एंटीबॉयटिक दवाओं के इस्तेमाल से टाइफाइड के जीवाणु एंटीबॉयोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी (रेजिस्टेंट) हो जाते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए योग्य डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही चिकित्सा कराएं।

टाइफाइड की स्थिति में रोगी के शरीर में पानी की कमी न होने पाए, इसके लिए पीडि़त व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी और पोषक तरल पदार्थ लेना चाहिए।


आभार : hi.wikipedia.org 



महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो


Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख