सिटीजन काॅप एप्लीकेशन की एक और उपलब्धि आईजी दुर्ग 28 लोगों को लौटाए उनके गुम मोबाईल फोन
सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से मोबाइल फोन के गुम/चोरी होने की रिपोर्ट के आधार पर आईजी दुर्ग द्वारा गठित सिटीजन काॅप सेल द्वारा 28 नग मोबाईल फोन बरामद किया गया। जिसे श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग द्वारा अपने कार्यालय में आज दिनांक 02/07/2018 को संबंधित मोबाईल फोन के वास्तविक मालिक को उनके मोबाईल फोन सौपे गए।
ज्ञातव्य हो कि दुर्ग संभाग में दिनांक 29.03.2018 को सिटीजन काॅप एप्लीकेशन लागू होने के बाद से अब तक 68 नग मोबाईल फोन रिकवर कर आमजन मोबाईल धारकों को लौटाया जा चुका है। बता दें कि रिकवर किये गये मोबाईल फोन केवल दुर्ग या आसपास के शहरों से ही नहीं बल्कि दिल्ली, महाराष्ट्र, आसाम, उत्तरप्रदेश, उडीसा एवं आंध्रप्रदेश सहित देश के विभिन्न शहरों से बरामद किया गया है।
मोबाईल फोन प्राप्त करने वाले मोबाईल मालिकों ने सिटीजन काॅप एवं छत्तीसगढ़ पुलिस का आभार प्रकट किया है। लोगों ने कहा कि सिटीजन काॅप एप्प आम नागरिकों के लिये बहुत उपयोगी है इस एप्प के हमारी छोटी-बडी समस्याओं का निरंतर समाधान हो रही है।
रिपोर्ट लाॅस्ट आर्टिकल के माध्यम से सभी प्रकार के वस्तुओ एवं दस्तावेज के गुम/चोरी होने की सूचना देकर ई-मेल के माध्यम से पावती प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए आपको किसी पुलिस थाना जाने की आवश्यकता नही होगी। संभव है कि सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकेशन में मोबाईल गुम/चोरी होने की शिकायत करने पर आपका गुम/चोरी मोबाईल फोन वापस मिल जाए। मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से चोरीध्खोये हुए वस्तुओ एवं दस्तावेज की शिकायत करने के लिए सबसे पहले एप्पल स्टोर अथवा प्ले स्टोर के सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करे, उसके बाद Report
Lost Article फीचर में जाकर अपना कम्प्लेन रजिस्टर करें।
क्या एक आम आदमी बिना थाना जाये और बिना अपनी पहचान जाहिर किये किसी अपराध की सुचना पुलिस को दे सकता है ?
क्या एक आम आदमी बिना थाना जाये और बिना अपनी पहचान जाहिर किये किसी अपराध की सुचना पुलिस को दे सकता है ?
इस एप्प के माध्यम से लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर अपने आस-पास होने वाली किसी भी प्रकार की असमाजिक गतिविधियों की सूचना पुलिस को दे सकतें है, वही सूचना देने वाले की पहचान भी गोपनीय रखी जाती है। सिटीजन काॅप पर आई शिकायतों पर आईजी कार्यालय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की नजर रहती है, जिस कारण शिकायतों पर की जाने वाली कार्यवाही का स्तर भी बेहतर रहता है।