बार्डरलेस पुलिसिंग करने, असमाजिक तत्वों एवं अवैध धंधों पर नकेल कसने दुर्ग रेंज के पुलिस अधीक्षको को आईजी दुर्ग का निर्देश
श्री जी. पी. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज द्वारा आज दिनांक 10.7.2018 को थाना भिलाई भटठी परिसर में निर्मित नवीन क्राईम भवन का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस अधीक्षक, दुर्ग को निर्देशित किया गया कि नवीन क्राईम भवन में सभी अत्याधुनिक उपकरण जैसे कम्प्युटर, लेपटाप, फैक्स, संचार उपकरण एवं फर्नीचर आदि उपलब्ध करायें, ताकि आधुनिक संसाधनों के उपयोग से आरोपियों की पतासाजी की जा सके। लोकार्पण उपरांत रेंज पुलिस महानिरीक्षक सहित उपस्थित अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा थाना परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया। इसके उपरांत रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा रेंज कार्यालय, दुर्ग में रेंज के पुलिस अधीक्षकों की क्राइम मीटिंग ली गई। मीटिंग में सभी जिलों के आपराधिक स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान श्री सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि:-
- वर्ष 2017 एवं उससे पूर्व अवधि के लंबित अपराधों एवं मर्ग का निकाल 30 दिवस के भीतर करायें। गुम इंसानों विशेषकर नाबालिग बच्चों की पतासाजी में गति लायें।
- एफएसएल में लंबित प्रकरणों की सूची एफएसएल अधिकारी को उपलब्ध कराकर, लंबित प्रकरणों में प्राथमिकता से रिपोर्ट प्राप्त किया जावे।
- थाना प्रभारीगण थाने में अधिक से अधिक समय तक उपस्थित रहें। प्रातः समय पर थाना आयें और प्रार्थियों को सुनें। उनकी रिपोर्टों पर सार्थक कार्यवाही करावें।
- थानों की सीमा क्षेत्र के आधार पर प्रार्थियों की रिपोर्ट लिखने से इंकार न किया जाए। बार्डरलेस पुलिसिंग की जावे अर्थात जीरो पर अपराध कायम कर प्रारंभिक जांच उपरांत डायरी संबंधित थाने को भेजी जावे।
- जनता के मध्य पुलिस की व्हिजिबिलिटी में सुधार लायें। सघन एवं प्रभावी गश्त/पेट्रोलिंग कराई जावे। स्वयं थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ प्रतिदिन शाम को पैदल अपने क्षेत्र के भ्रमण पर निकलें, अडडेबाजी एवं मजमेबाजी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें। पैदल गश्त के दौरान लोगों से जानकारी लें कि क्षेत्र में किसी बदमाश विशेष अथवा गुट विशेष द्वारा जनता को परेशान तो नहीं किया जाता ।
- समंस/वारंटो, विशेषकर स्थाई वारंटों की तामीली में सुधार लायें। वारंटों का वर्गीकरण किया जाकर गंभीर प्रकरणों के वारंटों की तामीली प्राथमिकता से करायी जावे।
- अवैध शराब विक्रय, गांजा-ड्रग्स तस्करी, कबाडी, जुंआ-सटटा एवं संगठित देह व्यापार के विरूद्ध सघन अभियान चलायें, गुण्डों के विरूद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्य करें, अर्थात सूचीबद्ध गुण्डों के विरूद्ध अदम चेक रिपोर्ट होने पर कम से कम प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अवश्य हो। धारा 110 जाफौ, जिला बदर एवं रासुका के तहत बदमाशों के विरूद्ध सख्त एवं प्रभावी कार्यवाही करें।
- शराब दुकानों के आसपास संचालित अवैध अहाते, अवैध हुक्का बार एवं रेव पार्टी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे। अवैध हुक्का बार एवं रेव पार्टी में नाबालिग बच्चों को भी शामिल कर नशीले पदार्थो का सेवन कराया जाता है तथा शराब दुकानों में भी शराब खरीदने के लिये नाबालिग बच्चों का उपयोग किया जाता है। नशीले पदार्थ के विक्रेताओं द्वारा गांजा एवं ड्रग्स आदि नाबालिगों को आसानी से उपलब्ध कराने की सूचना है। अतएव ऐसे तत्वों को हतोत्साहित करने हेतु इनकी पतासाजी कर सख्त वैधानिक कार्यवाही की जावे।
- शराब दुकानों में ओव्हर बिलिंग, अत्यधिक भीड की स्थिति में मोबाईल/घडी/पर्स आदि के चोरी होने एवं मारपीट/विवाद आमतौर पर देखने में आ रहा है अतएव पिक आवर में बल लगाया जावे तथा पीसीआर/थाना पेट्रोलिंग वाहन से भी समय-समय पर पेट्रोलिंग कराई जावे। आबकारी विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी शराब विक्रय केन्द्रों में सीसीटीवी की व्यवस्था कराई जावे।
- सभी थाना क्षेत्रों में प्रभावी एवं स्थायी नाकाबंदी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बार-बार रिहर्सल कराकर रिस्पांस टाईम में सुधार लायें। नाकाबंदी स्थल के समीप सडकों पर जिक-जेक बनवाया जाए एवं पर्याप्त संख्या में स्टापर की व्यवस्था रखें।
- जाली नोट एवं एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में नियम एवं प्रक्रिया का अक्षरशः पालन किया जावे, ताकि न्यायालय में दोषियों को सजा मिल सके। जाली नोटों के अपराधों की कायमी एवं साक्ष्य संकलन में होने वाली कठिनाई के संबंध में बैंक अधिकारियों एवं रिजर्व बैंक से पत्राचार कर यथोचित सहयोग प्राप्त करें।
- आगामी विधानसभा चुनाव के तारतम्य में अभी से तैयारियां प्रारंभ करें। नक्सल दृष्टि से मतदान केन्द्रों की संवेदनशीलता एवं उपयुक्तता की समीक्षा कर तदनुसार वर्गीकरण करते हुए चुनाव कार्य के लिये आवश्यक बल एवं संसाधन का आंकलन कर मुख्यालय को मांगपत्र भेजें। चुनाव के दौरान होने वाली शिकायतों के मददेनजर पृथक से चुनाव शिकायत सेल बनाकर, शिकायतों का निराकरण कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- अधिकारियों/कर्मचारियों की दक्षता बढाने के लिये जिला स्तर पर तथा रेंज स्तर पर विभिन्न विषयों पर सीमित अवधि के प्रशिक्षण आयोजित करायें।
- जवानों एवं परिवार के सदस्यों से सतत संपर्क की व्यवस्था रखें, पुलिस आवासीय परिसरों में मुलभूत सुविधायें उपलब्ध करायें। खेलकूद एवं जिम की सुविधायें विकसित करावें। पुलिस जवानों के लिये 4थी बटालियन माना में स्थापित केंटिन की तरह सभी जिलों में पुलिस केेंटिन खोलने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजकर स्वीकृति प्राप्त करें।
- जिलों में हो रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति की लगातार समीक्षा करें, सुनिश्चित करें कि सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा में निर्धारित मानकों के अनुरूप पूर्ण हों
- बजट का समानुपातिक उपयोग करें, अतिरिक्त बजट की आवश्यकता हो तो पर्याप्त समय पूर्व मांग पत्र भेजें। जिस बजट का उपयोग संभव न हो उसे समय पर समर्पित करें, ताकि अन्य जिलों को आवश्यकतानुसार बजट आबंटित हो सके।
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