दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गरीबों के सतत सामुदायिक संस्थानों की स्थापना करना तथा इसके माध्यम से ग्रामीण गरीबी समाप्त करना तथा आजीविका के विविध स्रोतों को प्रोत्साहन देना है। केन्द्र द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम को राज्यों के सहयोग से लागू किया गया है। इस मिशन को 2011 में लॉंच किया गया था। पिछले तीन वर्षों में इस मिशन का तेजी से विस्तार हुआ है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 820 अतिरिक्त प्रखंडों को इस योजना से जोड़ा गया है। यह मिशन 29 राज्यों और 5 केन्द्र शासित प्रदेशों के 586 जिलों के अंतर्गत 4,459 प्रखंडों में लागू किया गया है।
सामुदायिक संस्थान का निर्माण
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान पूरे देश में 6.96 लाख स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 82 लाख परिवारों को जोड़ा गया। 40 लाख स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से 4.75 करोड़ महिलाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया। इन सामुदायिक संस्थानों को 4,444 करोड़ रुपये की धनराशि परिव्यय हेतु आवंटित की गई।
वित्तीय समावेश
वित्तीय समावेश रणनीति के तहत मिशन, एसएचजी को बैंक ऋण उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), वित्त सेवा विभाग (डीएफएस) तथा भारतीय बैंक महासंघ (आईबीए) के साथ मिलकर कार्य करता है। एसएचजी को दिया जाने वाला ऋण जो वित्त वर्ष 2013-14 में 22,238 करोड़ रुपये था, बढ़कर फरवरी, 2018 में 64,589 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले पांच वर्षों के दौरान स्वयं-सहायता समूहों-एसएचजी को कुल मिलाकर 1.55 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया है। मिशन प्रारंभ होने के पूर्व बैंकों का फंसा कर्ज (एनपीए) 23 प्रतिशत था, जो चालू वर्ष में घटकर 2.4 प्रतिशत हो गया।
सुदूर क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं
वित्तीय सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक उपलब्ध कराने में भी मिशन को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। स्वयं-सहायता समूहों के 1518 सदस्यों को बैंक एजेंट के रूप में कार्य करने का मौका दिया गया है। ये एजेंट वित्तीय सेवा जैसे धनराशि जमा करना या निकालना, पेंशन, छात्रवृत्ति का भुगतान करना, मनरेगा पारिश्रमिक का भुगतान करना आदि उपलब्ध कराते है। फरवरी, 2018 तक 1.78 लाख स्वयं-सहायता समूहों के सदस्यों ने इन बैंक एजेंटों के माध्यम से 8.9 लाख लेनदेन के कार्य किये, जिनका मूल्य 187.92 करोड़ रुपये है।
ब्याज भुगतान में आर्थिक सहायता
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज भुगतान में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है। इससे ऋण का ब्याज भुगतान सात प्रतिशत प्रति वर्ष हो जाता है। इसके अलावा 250 जिलों में समय पर ऋण भुगतान की स्थिति में ब्याज में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त कमी की जाती है। इससे प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत वार्षिक हो जाती है। ब्याज भुगतान में आर्थिक सहायता के तौर पर कुल 2,324 करोड़ रुपये की धनराशि का परिव्यय किया गया है।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना और मूल्यवर्द्धन श्रृंखला
कृषि-पर्यावरण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मिशन ने महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना लागू किया है, जो महिला किसानों की आमदनी को बढ़ाएगा और कृषि लागत तथा जोखिम में कमी लाएगा। इस योजना के तहत 33 लाख महिला किसानों को सहायता उपलब्ध कराई गई हैं (मार्च-2018)। मूल्यवर्द्धन गतिविधियों के अंतर्गत कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन, वन उत्पाद (गैर-काष्ठ) आदि को शामिल किया गया हैं। छोटे और सीमांत किसानों द्वारा उगाये जाने वाली फसल जैसे मक्का, आम, फूल की खेती, डेयरी आदि को मूल्यवर्द्धन गतिविधियों में शामिल किया गया है। फरवरी-2018 तक 1.05 लाख स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को इन गतिविधियों से जोड़ा गया है।
सामुदायिक आजीविका
मिशन का महत्वपूर्ण लक्ष्य है-समुदाय आधारित कार्यान्वयन। इसके लिए 1.72 लाख सामुदायिक सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे सामुदायिक संस्थानों को सहायता प्रदान कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेनदेन का हिसाब रखने, क्षमता निर्माण करने, वित्तीय सेवा उपलब्ध कराने जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया हैं। इसमें 22 हजार सामुदायिक आजीविका संसाधन व्यक्ति (सीएलपीआर) जैसे कृषि सखी, पशु सखी शामिल हैं, जो चौबीसों घंटे सेवा उपलब्ध कराते है।
स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम तथा आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना
गैर कृषि आजीविका रणनीति के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) तथा आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीईवाई) लागू कर रही है। एसवीईपी का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उद्यम स्थापित करने के लिए ग्रामीण उद्यमियों की सहायता करना है। इस योजना के तहत 17 राज्यों में लगभग 16,600 उद्यमों को सहायता प्रदान की गई है। इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीईवाई) को अगस्त 2017 में लॉंच किया गया था। इसका उद्देश्य सुदूर गांवों को ग्रामीण परिवहन व्यवस्था से जोड़ना है। मार्च 2018 तक 17 राज्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है और 288 वाहन संचालन में हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उपयोजना है - दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयूजीकेवाई)। इस उपयोजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें अधिक वेतन वाले रोजगार दिलाना है।