"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


शुक्रवार, अप्रैल 14, 2017

CGPSC Advertisement Released for SAHAYAK SANCHALAK, RESHAM - 2017







Government Job - Chhattisgarh State
सरकारी नौकरी - छत्तीसगढ़ राज्य 

पद का नाम - सहायक संचालक रेशम 
Name of the Post - SAHAYAK SANCHALAK, RESHAM

श्रेणी - राजपत्रित - द्वितीय श्रेणी 
Category - Gazetted - Second Class

योग्यता - जीव विज्ञान (प्राणी शास्त्र या वनस्पति विज्ञान) या कृषि शास्त्र या सेरीकल्चर विषय (जीव विज्ञानं / कृषि / सेरीकल्चर में बीएससी) में न्यूनतम द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि  
Eligibility - Bachelor Degree in Biology (Zoology or Botany) or Agriculture Science or Sericulture subject (BSc in Biology / Agriculture / Sericulture) - Second Division 

वेतनमान - १५६००-३९१००+५४००  
Pay Scale - 15600-39100+5400

विभाग का नाम - ग्रामोद्योग विभाग 
Department Name - Village Industries Department

विज्ञापित पदों की संख्या - कुल 08 पद 
Number of advertised posts - 08 posts total

                            सामान्य General -03
                            अनुसूचित जाति Scheduled Castes - 01
                            अनुसूचित जन जाति Scheduled Tribes - 03
                            अन्य पिछड़ा वर्ग Other Backward Classes - 01
                         
आवेदन की तिथि - २४-०४-२०१७ (दोपहर १२०० बजे) से २४-०५-२०१७ (रात्रि ११५९ बजे) तक

Application Date - 06-04-2017 (1200 hrs midday) to 05-05-2017 (1159 hrs night)

परीक्षा की तिथि -  
Exam Date - 

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CGPSC released Advertisement for VAYAVHAAR NYAYADHISH Examination - 2017






Government Job - Chhattisgarh State
सरकारी नौकरी - छत्तीसगढ़ राज्य 

पद का नाम - व्यवहार न्यायाधीश (प्रवेश स्तर)
Name of the Post - VAYAVHAAR NYAYADHISH (Entry Level)

श्रेणी - राजपत्रित - द्वितीय श्रेणी 
Category - Gazetted - Second Class

योग्यता - मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विधि स्नातक 
Eligibility - Bachelor of Law from a recognized university

वेतनमान - २७७००-७७०-३३०९०-९२०-४०४५०-१०८०-४४७७० 
Pay Scale - 27700-770-33090-920-40450-1080-44770

विभाग का नाम - विधि एवं विधायी कार्य विभाग 
Department Name - Law and Legal Affairs Department

विज्ञापित पदों की संख्या - कुल १० पद 
Number of advertised posts - 10 posts total

                            सामान्य General -10
                            अनुसूचित जाति Scheduled Castes - 03
                            अनुसूचित जन जाति Scheduled Tribes - 08
                            अन्य पिछड़ा वर्ग Other Backward Classes - 04
                         
आवेदन की तिथि - २४-०४-२०१७ (दोपहर १२०० बजे) से २४-०५-२०१७ (रात्रि ११५९ बजे) तक
Application Date - 24-04-2017 (1200 hrs midday) to 24-05-2017 (1159 hrs night)

परीक्षा की तिथि - २५-०५-२०१७ रविवार सुबह १००० बजे से दोपहर १२०० बजे तक 
Exam Date - 25-05-2017 Sunday morning from 1000 a.m. to 1200 hrs

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मंगलवार, अप्रैल 11, 2017

सत्य (Truth) और तत्व (Element) से अलग है सत (Sat)




सत्य (Truth) : सत्य जिसे आँखो से देखा जा सके एवं जिसके रंग-रुप-गंध आदि को महसुस एवं उनके बनावट के साथ संरचनाओ को प्रमाणित किया जा सके उसे सत्य कहते हैं कुछ लोग इसी सत्य को सही जानकारी नही होने के कारण "सत" मानते है।

तत्व (Element) : तत्व अर्थात तत हमेशा दो या दो से अधिक अवययों से बना होता है, इसका स्वयं का कोई अस्तित्व नही होता, इसमें हमेशा संघटन एवं विघटन की संभवनायें विद्यमान रहती है, इसी का परिणाम है कि आज वैज्ञानिक जगत अनेको प्रकार के मशीनी उपकरण मानव के सुख-सुविधा हेतु तैयार कर पा रहे हैं।

सत (Sat) : सत वह है जिसके बदौलत सत्य और तत्व का वजूद है अर्थात जिस अदृश्य शक्ति के बदौलत तत्व का निर्माण हुआ है उसे धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में सत कहा जाता है, इसी सत के बारे में गुरू घासीदास बाबाजी ने मानव समाज को अवगत कराया । सत को नही बनाया जा सकता है, नही उसे आँखो से एवं मशीनी उपकरणो से देखा जा सकता है, इसी को निराकार, सत पुरूषपिता सतनाम कहते हैं।

मनुष्य का जहां तर्क-विश्लेषण समाप्त होता है वही से सत का उदय होता है। गुरूजी ने  "सत्य और तत्व अर्थात सत और तत" का भी प्रमाणिकता के साथ जानकारी दिये जो मानव जीवन जीने का शैली है, जिसका स्पष्ट अवलोकन गुरूजी के संदेशो में देखा जा सकता है। 

जइसन खाहू अन्न, ओइसन होही मन।जइसन पीहू पानी, ओइसन बोलिहौ बानी।।

सत्य और तत्व के बारे में बहुतायत लोग जानते हैं जबकि "सत" के बारे मे गिने चुने ही जानते हैं जिसमें परमपूज्य गुरू घासीदास बाबाजी का नाम अग्रणी है।

विष्णु बंजारे सतनामी
संस्थापक एवं संरक्षक
"सतनामी एवं सतनाम धर्म विकाश परिषद"

सोमवार, अप्रैल 10, 2017

how to control crime in chhattisgarh state without police interface - in Hindi (अवैधानिक गतिविधि और अपराध रोकने के सरल उपाय)

how to control crime in chhattisgarh state without police interface - in Hindi (अवैधानिक गतिविधि और अपराध रोकने के सरल उपाय)

आदरणीय पाठकगण आपसे अनुरोध है कि आप जागरूक नागरिक होने के नाते अपने आसपास या कहीं भी जहां आप भ्रमण पर जाएं वहां किसी भी प्रकार से अवैधानिक कृत्य जैसे महुआ दारू बनाना, महुआ दारू बेचना, गांजा उत्पादन, गांजा विक्रय के साथ ही अन्य समस्त प्रकार के नशीले व जहरीले पदार्थों के अवैधानिक तरीके से निर्माण व विक्रय पर रोक लगाने के लिए आप डायल 100 पर अपनी जानकारी पुलिस को दे सकते है। इसीप्रकार आप किसी भी प्रकार के अपराध/हिंसा/दुर्घटना/प्रताडना/जमाखोरी/करप्शन इत्यादि होना देखें तो इस संबंध में पुलिस को सूचित करें। यदि आप डायल 100 में अपनी जानकारी शेयर नही करना चाहते हों तो आपके लिए पुलिस का एक ऐसा एप्लीकेशन है जो ‘‘सिटीजन काॅप’’ आपके/आपके परिवार व जनदीकी रिस्तेदारों की सुरक्षा के लिए उपयोगी भी है और आपको अपराध मुक्त देश निर्माण में सहयोग भी करेगा, में अपनी जानकारी अपडेट कर सकते है।

मै अवैधानिक गतिविधि और अपराध रोकने के सबसे सरल उपाय बताने जा रहा हूं - आप अपने स्मार्ट फोन के प्ले स्टोर अथवा आईओएस स्टोर से छत्तीसगढ़ पुलिस का मोबाईल एप्प - सिटीजन काॅप डाउनलोड करें। इसके लिए आपको यह बताना आवश्यक है कि यह एप्लीकेशन छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर संभाग के 5 जिलों - रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद और धमतरी में श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक श्री जी.पी. सिंह, रायपुर रेज रायपुर द्वारा सिटीजन काॅप फाउण्डेशन/इन्फोक्रेट्स वेव साल्युसन के सहयोग से तैयार कराया जाकर दिनांक 08/09/2015 को छग के माननीय मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह के करकमलो द्वारा लांच कराया गया है। ज्ञातव्य हो कि इन पांच जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग व कोरबा जिले सहित देश के प्रमुख शहरों ग्रेटर नोएडा, झांसी, वाराणसी, भण्डारा, बेंगलुरू, नवी मुंबई सहित मध्यप्रदेश के 20 शहरों में संचालित है इसके अलावा आप विदेश जाते है तब भी यह एप्लीकेशन आपके सुरक्षा प्रदान करता है आप इस एप्लीकेशन को नाईजीरिया,साउथ आफ्रिका, मोमबासा, आबुधाबी, फ्रेमोण्ट, न्युयार्क जैसे कई देशों में इस्तेमाल कर सकते है।

इस एप्लीकेशन से आप आपातकालिन सेवाओ/प्रशासनिक अधिकारियो/पुलिस अधिकारियों व थानों के सम्पर्क नंबर प्राप्त कर उन्हें एसएमएस व फोन कर सकते है इसे आपके फोनबुक में पृथक से सेव करने की जरूरत नही होगी। आप किसी भी वाहन के नंबर से उसके मालिक का सम्पूर्ण विवरण जान सकते है। चरित्र सत्यापन/किरायेदार व डोमेस्टिक हेल्पर की जानकारी पुलिस से शेयर कर सकते है। आॅटो रिक्सा व टेक्सी के किराया की गणना कर सकते है। पुलिस द्वारा अधिसूचित सूचनाओं को अपने मोबाईल में सीधे प्राप्त कर सकते है इसके अतिरिक्त आप अपने लोकेशन जान सकते है व आसपास के प्रमुख स्थलों, एटीएम, बैेक, अस्पताल, पेट्रोल पंप इत्यादि का जानकारी भी पा सकते है। इस मोबाईल के माध्यम से आप अपने आवश्यक दस्तावेजों/परिचय पत्रों/मोबाईल फोन/सीम/लैपटाप इत्यादि गुमने पर उसकी सूचना पुलिस स्टेशन जाए बिना ही देकर अपने ईमेल में पावती प्राप्त कर सकते है। हाल ही में पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेज रायपुर द्वारा गठित सेल द्वारा सिटीजन काॅप में गुम/चोरी मोबाईल की सूचनाओं पर कार्यवाही करते हुए अधिकांश मोबाईल फोन रिकवर कर संबंधितों को लौटाया जा रहा है। इस एप्लीकेशन में पुलिस द्वारा क्रेन से उठाये वाहन की लोकेशन भी प्राप्त की जा सकती है।

अब मै सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकेशन के महत्वपूर्ण 03 अन्य सुविधाओं को बताता हूं - ‘‘रिपोर्ट एन इंसिडेण्ड’’ इस फीचर के माध्यम से आप अपनी पहचान बताये बिना ही किसी भी प्रकार के अपराध/यातायात समस्याओ/मुनिसिपाल समस्याएं/प्रताडना/करप्शन/घरेलु हिंसा व दुर्घटना जैसे जानकारी पुलिस को देकर आवश्यक कार्यवाही करा सकते है वह भी एक क्लिक में प्रुफ के लिए आॅडियो/विडीयो/फोटोज भी भेज सकते हैं। ‘‘एसओएस’’ इस फीचर के माध्यम से आप एक क्लिक में अपने 04 नजदीकी रिस्तेदारों व पुलिस को सूचित कर पुलिस सुरक्षा प्राप्त कर सकते है। ‘‘माई सेफ जोन’’ यह फीचर आपके सेफ जोन से बाहर जाने पर आपके 04 नजदीकी रिस्तेदारों को स्वतः संदेश भेजकर अलर्ट कर देगा कि आप अपने सुरक्षित स्थल से बाहर जा रहे है।


हुलेश्वर जोशी
सिटीजन काॅप शाखा
पुलिस मुख्यालय रायपुर



Tag Lines about Citizen COP - Mobile Application

It is heartening to know that in the process of modernization and implementation of Social Policing Concept, our police department has evolved "CITIZEN COP", which is a revolutionary mobile application that would bring the Common People close to the law enforcement officers in terms of developing a healthy relation of trust and assistance. The application empowers every common man to be a powerful citizen cop and join hands with the police men to control crime. It will help the users in reporting an incidence/petty crimes to the police atthe click of a button. This can be achieved without undergoing any cumbersome process of appearing in person in Police Station. Its feature "Report lost article" is particularly very useful for the citizens.
In order to make it popular people should be made aware about its ease of use and citizen friendly features. wish that this mobile application should be used as an effective tool for citizen friendly and responsive policing

Dr. Raman Singh
CM, Chhattisgarh



CITIZEN COP is a mobile-based public safety application that will allow users to communicate effectively with the Police officers. In today's modern age, such services are the need of every citizen. Citizen COP will not only empower people to become citizen police by reporting crime and traffic violations,  but also report violation by police personnel and make suggestion for empowered policing. I call upon all members of the police force to make use of this application to reach out to the citizens to ensure a safe and secure environment to all the citizens in distress. 
I believe this application system will raise friendship relations between Police & public.

Ram Sewak Paikara
Minister (Home) Chhattisgarh



CITIZEN COP Application has been developed to break the barrier between police and the society to provide them better means of communication to ensure their safety and security. A citizen can now post information on petty crimes and public nuisance along with photos and videos directly to the police department without visiting a police station in person. This application will particularty be very useful to women and children in distress who can seek help from the police just by the click of an SOS button. 
I appeal to all Police officers to implement this application diligently and make it a success by responding quickly to the needs ofthe common peoplein a time bound manner.

BVR Subramanyam
PS (Home) Chhattisgarh



CITIZEN COP Application will be very helpfulin making a bridge between police and public. This mobile application will be very helpful forthe police department to provide better services to its citizens. The common people can easily communicate with the police by various means like videos, audio,  photo etc. Features like "Help Me", "My Safe Zone",  ‘Auto fare calculator’ &  ‘Towed vehicle search'  are particularly very useful tothe common man on the street.
I hope, this application will be very useful to women and children for accessing police help in emergency and distress.  My good wishes to the entire team of police officers for its successful and responsive implementation.

AN Upadhyay
DGP, Chhattisgarh




Chhattisgarh Police is launching CITIZEN COP as a citizen friendly, mobile based public safety application, to empower every citizen to be a powerful cop.  As approaching the police station, to report every petty crime is a lengthy process, this Mobile App would help citizens to report crime, lost articles &  seek emergency help at the time of distress at the click of a button. This user friendly safety application has been developed in response to the concerns and needs of the citizens, to enlist their cooperation and participation in creating a safe, secure and crime free society.
I hope, this Mobile App will prove to be an effective tool for common people,  to communicate with the police officers for establishing a relationship of trust & confidence.

GP Singh
IG, Technical Servises


क्या एक आम आदमी बिना थाना जाये और बिना अपनी पहचान जाहिर किये किसी अपराध की सुचना पुलिस को दे सकता है ?

क्या यह सम्भव है कि बिना पुलिस थाना जाये ही अपने साथ अथवा आसपास हो रहे अपराधों की सुचना पुलिस को पुलिस को दे सकते हैं और वह भी अपनी पहचान पुलिस को जाहिर किये बिना ?

मैं इसका जवाब हाँ में दूंगा क्योंकि अब छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर, दुर्ग व बिलासपुर संभाग के जिले में मोबाइल आधारित मोबाइल एप्लीकेशन संचालित है जिससे ऐसा सम्भव हुआ है। इस मोबाइल एप्लीकेशन को इन्फोक्रेट्स वेब सोलुअशन के माध्यम में तात्कालिक पुलिस महानिरीक्षक  श्री जी पी  सिंह द्वारा तैयार कराया जाकर सर्वप्रथम रायपुर रेंज के ५ जिले रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, और धमतरी जिले में लागु किया गया।  ज्ञातव्य हो की इस एप्लीकेशन को माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा दिनांक ०८-०९-२०१५ को लागु किया गया। 

इस एप्लीकेशन को कोई भी व्यक्ति जो स्मार्टफोन रखता हो गूगल प्ले स्टोर अथवा एप्पल स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है।  इस एप्लीकेशन की मुख्य विशेषता यह है की जब भी आप किसी भी प्रकार के सुचना पुलिस को देंगे, उसमे जब तब आप अपना नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि परिचय नही देना चाहेंगे, पुलिस को भी आपकी पहचान पता नही चलेगा, ऐसे में आपकी पहचान जाहिर होने की चिंता ही समाप्त हो जाती है।  दूसरी बात यह की आपको यह लग रहा हो कि मेरे सुचना या शिकायत में पुलिस ने क्या कार्रवाही किया है ? तो उसकी आपको बिलकुल ही चिनत नहीं करना है क्यों कि एप्प में व्यवस्था है की अपने कंप्लेन पर हुए कार्रवाही पर आप निगरानी कर सकते हैं तथा कार्यवाही में विलम्ब होने पर अपना फीडबैक पुलिस को भेज सकते है। 

इस एप्लीकेशन के ढेरों फीचर हैं जो आपके लिए अत्यंत उपयोगी हैं, इस एप्लीकेशन में पुलिस विभाग के अधिकारी, थाना प्रभारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल नंबर सहित इमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर्स भी दिए गए हैं, जिसका आप आवश्यकत पड़ने पर तत्काल उपयोग कर सकते है। 


इस एप्लीकेशन के प्रमुख फीचर निम्नानुसार हैं .......
1. “Report an Incident” feature के माध्यम से अपनी पहचान बिना बताए अपने क्षेत्र और समाज में हो रहे विभिन्न प्रकार के अपराध (जैसे - चोरी/हत्या/लूट/ डकैती/शोषण/ छेडखानी), यातायात संबंधी अपराध/घटनाओं की सूचनाएं तथा नगर निगम संबंधी समस्याओं को सीधे पुलिस को उपलब्ध कराया जा सकता है। 
2. इस एप्लीकेशन में जनता की सुविधा हेतु Call Police और Call Administration के अंतर्गत थाना प्रभारियों सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है। 
3. “My Safe Zone” feature के माध्यम से गुगल मैप पर सुरक्षा घेरा बनाया जाकर अपने बच्चों तथा नजदीकी रिश्तेदारों की सुरक्षार्थ निगरानी की जा सकती है तथा उनके द्वारा चिन्हांकित घेरा से बाहर जाते ही आपको संदेश प्राप्त होगा। 
4. आकस्मिक परिस्थिति में संकट के समय SoS (Help Me) के माध्यम से एक क्लिक पर अपने 04 नजदीकी रिश्तेदारो व पुलिस को सूचना दी जा सकती है। सूचना प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा आवश्यक सहयोग/सुरक्षा प्रदान की जाती है। 
5. “Travel Safe” feature के माध्यम से आम नागरिक अपने सुरक्षित यात्रा की सुनिश्चितता पूर्व निर्धारित कर सकता है। 
6. “Report Lost Article” feature के माध्यम से किसी भी प्रकार के दस्तावेज और सामग्री खो जाने अथवा चोरी होने की स्थिति में पुलिस थाना जाए बिना ही अपनी सूचना दर्ज कराते हुए ई-मेल के माध्यम से पावती प्राप्त की जा सकती है। 
7. “Vehicle Search” feature के माध्यम से किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिक व वाहन संबंधी पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 8. इस एप्लीकेशन में जिलों के विभिन्न इमरजेंसी नंबर दिये गये है, नागरिकगण जिसका उपयोग कर सकते है। 
 9. “Nearby Places” feature के माध्यम से पुलिस द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं को सीधे अपने मोबाईल पर प्राप्त किया जा सकता है। 
10. “Nearby Places” feature के माध्यम से अपने नजदीकी स्थल जैसे पुलिस थाना, बस स्टैण्ड, बैक, एटीएम, अस्पताल, डाॅक्टर, मुवी-थियेटर, रेस्तरां और पेट्रोल पम्प की जानकारी लोकेशन व दूरी सहित प्राप्त की जा सकती है। 
11. “My Close Group” feature के माध्यम से अपने नजदीकी रिश्तेदारों, परिजन व अन्य लोगों का समूह बनाकर गुगल मैप में उनका लोकेशन प्राप्त किया जा सकती है। 
12. Towing Vehicle Search के माध्यम से नो-पार्किंग में खडे किये वाहनों, लावारिस वाहनों और एक्सिडेंटल वाहनों को पुलिस द्वारा क्रेन से उठाने की स्थिति में वाहन के स्वबंजपवद की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 
13. “Verification/Inform Police” feature के माध्यम से घरेलु नौकर/नौकर, किरायेदार, सिनियर सिटीजन व शहर से बाहर जाने की जानकारी पुलिस थाना जाए बिना ही दिया जा सकता है, साथ ही चरित्र सत्यापन प्राप्त करने में समय की बचत होगी। 
14. “Track My Location” feature के माध्यम से आम नागरिक अपना वर्तमान लोकेशन जान सकता है।
15. “Fare Calculation” feature  के माध्यम से आम नागरिक दो स्थानों के बीच की दूरी व आॅटो रिक्शा के किराया की गणना स्वयं कर सकता है।
16. “Your Reports” feature के माध्यम से सिटीजन काॅप के उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस को दिये सूचना/शिकायत पर की गई पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है साथ ही अपना फीडबैक भेज सकता है।
17. “Reports Lookup” feature के माध्यम से किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा किये गये शिकायत पर पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है।

Do you know what is your fundamental right? - in Hindi (क्या आप जानते हैं कि आपका मौलिक अधिकार क्या है ?)


जी हाँ, वर्तमान परिवेश को देखते हुए आपको अपने मौलिक अधिकारों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है इसलिए यहाँ हम आपको भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों के बारे में कुछ जानकारी देना चाहते हैं। 


भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिए व्‍यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी अधिकार देता है। इन मौलिक अधिकारों की छह व्‍यापक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्‍यायोचित और न्यायालय में वाद योग्य हैं।



संविधान के भाग ३ में सन्निहित अनुच्‍छेद १२ से ३५ तक मौलिक अधिकारों के संबंध में जानकारी दी गयी है, जो इस प्रकार है : - 


साधारण
12 परिभाषा
13 मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्‍पीकरण करने वाली विधियां


समता का अधिकार
14 विधि के समक्ष समानता
15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्‍म स्‍थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
17 अस्‍पृश्‍यता का अंत
18 उपाधियों का अंत


स्‍वतंत्रता का अधिकार
19 वाक-स्‍वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
21 प्राण और दैहिक स्‍वतंत्रता का संरक्षण
22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण


शोषण के विरुद्ध अधिकार

23 मानव और दुर्व्‍यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध


धर्म की स्‍वतंत्रता का अधिकार
25 अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्‍वतंत्रता
26 धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्‍वतंत्रता
27 किसी विशिष्‍ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्‍वतंत्रता
28 कुल शिक्षा संस्‍थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्‍वतंत्रता


संस्‍कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
29 अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
30 शिक्षा संस्‍थाओं की स्‍थापना और प्रशासन करने का अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों का अधिकार
31 [निरसन]


कुछ विधियों की व्‍यावृत्ति
31क संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31ख कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्‍यकरण
31ग कुछ निदेशक तत्‍वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31घ [निरसन]

सांविधानिक उपचारों का अधिकार
32 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
32A [निरसन]
33 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
34 जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्‍धन
35 इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान


उपरोक्त वर्णित धाराओं की विस्तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। 

What is my duty as an Indian - in Hindi (भारतीय होने के नाते मेरा क्या कर्तव्य है ? )



आपको बता दें कि भारतीय संविधान दुनिया की सबसे श्रेष्ठ लिखित संविधान है जिसे सभी नागरिकों को पढ़ना चाहिए जिससे उन्हें ज्ञात हो सके कि भारत सरकार कितना कल्याणकारी है ? आपको बता दें कि भारतीय संविधान के माध्यम से हमारे संविधान निर्माताओं जिसमे विशेषकर डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा समस्त भारतियों को यथोचित बहुत अधिकार सारे अधिकार प्रदान किये हैं, इसलिए भारतीय समाज को स्वच्छ, सुन्दर व महान बनाये रखने के उद्देश्य से हमारे लिए कुछ नागरिक कर्तव्य भी निर्धारित किये गए हैं। 

प्रत्येक भारतीय नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-
(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;
(ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
(घ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
(ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म. भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुंद्ध है;
(च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;
(छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे;
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले;
(ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे।

गिरौदपुरी धाम में सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम का लोकार्पण

सतनामी एवं सतनाम धर्म के आस्था के प्रमुख केन्द्र पूज्य गिरौदपुरी धाम में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीतप्रमोद कुमार जोगी द्वारा घोषित कुतुम मीनार से उंचा जैतखाम को गुरूवंसज धर्मगुरूओं, छत्तीसगढ राज्य के तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, माननीय विस अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, राज्य के समस्त माननीय सांसद, मंत्रीगण, विधायकगण, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर आसीन अधिकारियों सहित देश विदेश में निवासरत सतनामी संतों, माताओं बहनों और देश विदेश से आए दर्शनार्थियों की उपस्थिति में धर्मगुरू विजय गुरू द्वारा दिनांक 18 दिसंबर 2015 को लोकार्पण किया गया ।


लोकार्पण के दौरान राज्य भर के विभिन्न समाजिक संगठनों व समितियों ने अपना योगदान दिया । सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष श्री उत्तम बंजारे सतनामी, कोषाध्यक्ष श्री पिरेश ढीढी सतनामी, प्रदेश महासचिव श्री कुन्दन आडिल सतनामी व कार्यकारिणी सदस्य श्री हुलेश्वर जोशी सतनामी (सपरिवार) सहित परिषद के राज्य भर के लगभग 200 पदाधिकारी व सदस्य शामिल होकर लोकार्पण के साक्षी बने ।

राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण में 4 फिसदी कटौती के कारण राज्य के विभिन्न समाजिक संगठनों द्वारा धर्मद्रोह का प्रदर्शन करते हुए भव्य जैतखाम के लोकार्पण में अनावश्यक विलंब के कारण बने । इस ऐसे विरोध का सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद के मार्गदर्शक एवं संरक्षक श्री विष्णु बंजारे सतनामी के निर्देशानुसार परिषद द्वारा खण्डन किया गया और परिषद के अगुवाई में अनेकों समाजिक संगठनां व परिषद द्वारा लोकार्पण की अनुशंसा की गई । इस दौरान विरोध के संभावनाओं को मध्यनजर रखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी इसके बावजूद भी विरोधियों को रोकने के लिए परिषद द्वारा तैयारी के साथ अधिक संख्या में युवक उपस्थित थे ।

अब तक राज्य सरकार, स्थानीय शासन व प्रदेशवासियों द्वारा भव्य जैतखाम को कुतुब मीनार से उंचा जैतखाम के नाम से संबोधित करते हुए लिखा जाता है इसे भव्य जैतखाम का अपमान घोषित करते हुए परिषद द्वारा दिनांक 02/12/2015 व 23/12/2015 को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भव्य जैतखाम को सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम के नाम से जानने व संबोधित करने व लिखने हेतु शासन व प्रदेश वासियों से आहवान किया गया है ।

लेखक - हुलेश्वर जोशी सतनामी

Satnam Religion ( सतनाम धर्म )

सतनाम धर्म समस्त धर्मों का मूल है इसी से समस्त धर्मों की उत्पत्ति हुई है। धीरे-धीरे जब मनुष्य का विकास होता गया तब मनुष्यों के विचारों में व्यापकता आई, विविधता आई और अपने अपने स्वार्थ पनपते गये जिससे लोग सत्य के मार्ग से भटकते गये और लोग धर्मभ्रष्ट होने लगे तो विभिन्न विद्वानों द्वारा अपने अपने प्रभुत्वसम्पन्न गुणों के माध्यम से भांति भांति के धर्म का सृजन किया गया, इसप्रकार से समग्र विश्व में अनेकोनेक धर्म की स्थापना होती गई।

Written by
Shri Huleshwar Joshi

Chhattisgarh State ( छत्तीसगढ़ राज्य )

हमर प्रदेश (छत्तीसगढ़) के निवासियों को छत्तीसगढ़ के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ प्रदेश के आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी उपलब्ध कराया जा रहा है।  

मुझे विश्वाश है कि यह जानकारी हासिल कर आप छत्तीसगढ़िया होने पर गौरव कर सकेंगे। 

राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश के पुनर्गठन के जरिए छत्तीसगढ़ एक नवम्बर 2000 को नया राज्य बना।

छत्तीसगढ़ राज्य का क्षेत्रफल लगभग एक लाख 35 हजार 361 वर्ग किलोमीटर है।  क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का 10वां और जनसंख्या की दृष्टि से 16 वां बड़ा राज्य है। इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 44 प्रतिशत इलाका वनों से परिपूर्ण है। वन क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ देश का तीसरा बड़ा राज्य है।

छत्तीसगढ़ की सीमाएं देश के सात राज्यों को स्पर्श करती हैं। इनमें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र ,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के सरहदी इलाकों में सीमावर्ती राज्यों की सांस्कृतिक विशेषताओं का भी प्रभाव देखा जा सकता है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या दो करोड़ 55 लाख 40 हजार 196 है। इसमें एक करोड़ 28 लाख 27 हजार 915 पुरूष और एक करोड़ 27 लाख 12 हजार 281 महिलाएं हैं। प्रदेश की ग्रामीण आबादी लगभग एक करोड़ 96 लाख 03 हजार 658 और शहरी आबादी 59 लाख 36 हजार 538 है।

छत्तीसगढ़ में जनसंख्या का घनत्व 189 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जबकि भारत में जनसंख्या का घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक है।

पुरूष और स्त्री जनसंख्या में लैंगिक अनुपात के मामले में छत्तीसगढ़ का स्थान देश में दूसरा है। यहां प्रति एक हजार पुरूषों के बीच स्त्रियों की संख्या 991 है।

हमारा बिलासपुर रेलवे जोन देश का सबसे ज्यादा माल ढोने वाला रेलवे जोन है, जो भारतीय रेलवे को उसके कुल वार्षिक राजस्व का छठवां हिस्सा देता है।

खनिज राजस्व की दृष्टि से देश में दूसरा बड़ा राज्य है।

वन राजस्व की दृष्टि से तीसरा बड़ा राज्य है।

राज्य के कुल क्षेत्रफल का 44 प्रतिशत हिस्सा बहुमूल्य वनों से परिपूर्ण है।

देश के कुल खनिज उत्पादन का 16 प्रतिशत खनिज उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है।

छत्तीसगढ़ में देश का 38.11 प्रतिशत टिन अयस्क, 28.38 प्रतिशत हीरा, 18.55 प्रतिशत लौह अयस्क और 16.13 प्रतिशत कोयला, 12.42 प्रतिशत डोलोमाईट, 4.62 प्रतिशत बाक्साइट उपलब्ध है।

छत्तीसगढ़ में अभी देश का 38 प्रतिशत स्टील उत्पादन हो रहा है। सन 2020 तक हम देश का 50 फीसदी स्टील उत्पादन करने लगेंगे।

छत्तीसगढ़ में अभी देश का 11 प्रतिशत सीमेन्ट उत्पादन हो रहा है, जो आगामी वर्षों में बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगा।

राज्य में अभी देश का करीब 20 प्रतिशत एल्युमिनियम उत्पादन है, वह निकट भविष्य में बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगा।

छत्तीसगढ़ में भारत का कुल 16 प्रतिशत खनिज उत्पादन होता है, अर्थात साल भर में खनिज से बनने वाली हर छठवीं चीज पर छत्तीसगढ़ का योगदान होता है।

छत्तीसगढ़ में देश का लगभग 20 प्रतिशत आयरन ओर है, यानी हर पांचवें टन आयरन ओर पर छत्तीसगढ़ का नाम लिखा है।

देश में कोयले पर आधारित हर छठवां उद्योग छत्तीसगढ़ के कोयले से चल सकता है। छत्तीसगढ़ में देश के कुल कोयले के भण्डार का लगभग 17 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में है।

डोलोमाईट पर आधारित हर पांचवा उद्योग छत्तीसगढ़ पर निर्भर है, क्योंकि हमारे पास देश के कुल डोलोमाईट का लगभग 12 प्रतिशत भण्डार है।

खनिज के राज्य में वेल्यू एडीशन की हमारी नीति के कारण देश का 27 प्रतिशत यानी एक तिहाई लोहा छत्तीसगढ़ में बनता है।

हम देश में स्ट्रक्चरल स्टील के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हर साल पांच मिलियन टन हम देश को देते हैं। आप कह सकते हैं कि आज भारत का हर तीसरा घर, तीसरा पुल, तीसरा स्ट्रक्चर छत्तीसगढ़ के लोहे से बनता है।
हमारी धरती के बाक्साइट की बदौलत आज देश का सबसे बड़ा एल्युमिनियम प्लांट बाल्को, कोरबा में चल रहा है और इस तरह देश के सबसे बड़े एल्युमिनियम उत्पादक भी है।

देश के हर बड़े उद्योग समूह का पसंदीदा स्थान छत्तीसगढ़ बन रहा है। इसलिए आज चाहे टाटा, एस्सार, जे.एस.पी.एल., एन.एम.डी.एस. स्टील प्लांट हों या ग्रासिम, लाफार्ज, अल्ट्राटेक, श्री सीमेंट जैसे सीमेंट कारखाने सब छत्तीसगढ़ में हैं।

छत्तीसगढ़ में इस समय स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम एवं ऊर्जा क्षेत्रों में लगभग एक लाख करोड़ रूपए का निवेश प्रस्तावित है।

औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने के साथ हमने ग्रीन टेक्नालाॅजी पर भी जोर दिया है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। इस धान के कटोरे में धान की भूसी से भी 220 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

बायोडीजल उत्पादन और उसके लिए रतनजोत के वृक्षारोपण में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी है।

वनौषधियों के प्रसंस्करण तथ एग्रो इंडस्ट्रीज की स्थापना हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

बीते साल पूरे भारत में सीमेन्ट की औसत खपत 10 प्रतिशत बढ़ी है तो छत्तीसगढ़ में 12 प्रतिशत बढ़ी है। बीते पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में सीमेन्ट की खपत दोगुनी हो गयी है। इससे पता चलता है कि राज्य में अधोसंरचना निर्माण के काम की गति कितनी तेज हुई है।

आज जब देश के अन्य राज्य भयंकर बिजली संकट और घण्टों की बिजली कटौती से जूझ रहे हैं, उस दौर में छत्तीसगढ़ देश का ऐसा अकेला राज्य है, जिसने आधिकारिक तौर पर बकायदा ‘जीरो पावर कट स्टेट’ होने की घोषणा की है।

प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट से बढ़कर 1924 मेगावाट हो गयी है। राज्य में नये बिजली घरों के निर्माण की कार्ययोजना प्रगति पर है। पिट हैड पर ताप बिजलीघर लगाने वालों का छत्तीसगढ़ में स्वागत है, लेकिन उसके लिए उन्हें 7.5 प्रतिशत बेरीएबल कास्ट पर पहले हमें बिजली देना होगा। उत्पादन पर पहला 30 फीसदी का अधिकार हमारा होगा। राज्य में 50 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली घरों हेतु एमओयू किए जा चुके हैं।

आगामी 7-8 वर्षों में कम से कम 30 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली घरों से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। उनसे मिलने वाली हमारे हिस्से की बिजली बेचकर हमें एक मोटे अनुमान के अनुसार 10 हजार करोड़ रूपए से अधिक की अतिरिक्त आय हर साल होने लगेगी। ऐसे उपायों से शायद हम छत्तीसगढ़ को टैक्स-फ्री राज्य भी बना सकेंगे।

हमारे राज्य की ऊर्जा राजधानी कोरबा आने वाले दिनों में 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने लगेगी, जिसके कारण कोरबा जिला देश का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक जिला और देश की ऊर्जा राजधानी बन जाएगा।

छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों के बिजली उपभोक्ताओं के साथ उद्योगों को भी देश में सबसे सस्ती दर पर बिजली मिल रही है।

राज्य बनने के पहले छत्तीसगढ़ के किसानों का मुश्किल से पांच-सात लाख मीटरिक टन धान ही हर साल खरीदा जा सकता है। लेकिन राज्य सरकार ने वर्ष 2010-11 में 51 लाख  मीटरिक टन धान खरीद कर  किसानों को 5000 करोड़ रूपए धान की कीमत और बोनस के रूप में दिए ।

आजादी के बाद 56 सालों में सिर्फ छत्तीसगढ़ के किसानों को 72 हजार पम्प कनेक्शन मिले थे। लेकिन बीते सात  सालों में 02 लाख 67 हजार से अधिक पम्प कनेक्शन दिए गए हैं।

किसानों को साल भर में छह हजार यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है।

किसानों को मात्र तीन प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण दिया जा रहा है। पहले किसान साल भर में मात्र 150 करोड़ रूपए का ऋण ले पाते थे, वह अब बढकर  1500 करोड़ रूपए हो गया  है।

जब राज्य बना था, यहां की सिंचाई क्षमता कुल बोए गए क्षेत्र का लगभग 23 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर लगभग 32 प्रतिशत हो गयी है।

छत्तीसगढ़ गठन के वक्त, अविभाजित मध्यप्रदेश के हिस्से के रूप में छत्तीसगढ़ के भौगोलिक क्षेत्र के लिए कुल बजट प्रावधान पांच हजार 704 करोड़ रूपए था, जो अलग राज्य बनने के बाद क्रमशः बढ़ता गया और अब दस सालों में 30 हजार करोड़ रूपए से अधिक हो गया है।

प्रति व्यक्ति आय की गणना, वर्ष 2000-2001 में प्रचलित भावों में प्रति व्यक्ति आय 10 हजार 125 रूपए थी, जो वर्तमान में बढ़कर 44 हजार 097 रूपए(अनुमानित) हो गयी।

विकास का एक पैमाना राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ने को भी माना जाता है। विगत पंाच वर्षों में लाखों लोगों को रोजगार मिला है।

हमने शासकीय नौकरियों में भर्ती से प्रतिबंध हटा दिया। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने का समयबद्ध अभियान चलाया। इसके कारण करीब एक लाख लोगों की भर्ती विभिन्न विभागों में हुई है।

करीब एक लाख शिक्षाकर्मियों और 25 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की गयी। अनुकम्पा नियुक्ति के तहत हजारों पद भरे गए। करीब 20 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया गया।

अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं को रोजगार के नये अवसर देने के लिए निःशुल्क पायलट तथा एयर होस्टेस प्रशिक्षण योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत पायलट प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति 13 लाख रूपए तथा एयर होस्टेस प्रशिक्षण के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रूपए राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है।

राज्य में स्थापित नए उद्योगों में करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिला। ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में 25 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार दिया गया है।

बेरोजगार स्नातक इंजीनियरों को लोक निर्माण विभाग में बिना टेण्डर के ही निर्माण कार्य मंजूर करने की प्रक्रिया अपनाई गयी है।

हम छत्तीसगढ़ के 32 लाख 53 हजार गरीब परिवारों को एक रूपए और दो रूपए प्रतिकिलो में चांवल दे रहे हैं।
हर माह प्रति परिवार दो किलो आयोडाईज्ड नमक निःशुल्क दे रहे हैं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों को निजी हाथों से वापस लेकर सहकारिता आधारित सस्थाओं को सौंपा गया है। हर माह की सात तारीख तक राशन बांटने की व्यवस्था, सम्पूर्ण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण, राशन सामग्री को दुकानों तक पहुंचाने के लिए द्वार प्रदाय योजना, एसएमएस, जीपीएस प्रणाली तथा वेबसाइट के उपयोग से निगरानी में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की गयी है। छत्तीसगढ़ को केन्द्र व अन्य राज्यों ने रोल माॅडल के रूप में स्वीकार किया है।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हाईस्कूल जाने वाली हर वर्ग की गरीब बालिकाओं को निःशुल्क सायकलें दी जा रही है। निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।

कुपोषण दूर करने के लिए 35 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों और 75 हजार महिला स्व-सहायता समूहों को भागीदार बनाया गया है। 13 हजार कुपोषित बच्चों को समाज सेवी संस्थाओं को गोद दिया गया है। पूरक पोषण आहार योजनाओं में महिलाओं को भागीदार बनाया गया है।

विभिन्न प्रयासों से राज्य में कुपोषण की दर 61 से घटकर 52 हो गयी है।

राज्य में शिशु मृत्यु दर सन 2000 में 79 प्रति हजर थी, जो घटकर 54 हो गयी है।

राज्य में मातृ मृत्यु दर सन 2000 में 601 प्रति लाख थी, जो घटकर लगभग 335 हो गयी है।

बच्चों को हद्यरोग से राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री बाल हद्य सहायता योजना संचालित की जा रही है। जिसके तहत 1800 से अधिक बच्चों का सफल आॅपरेशन किया जा चुका है, उन्हें एक लाख 80 हजार रूपए तक की सहायता प्रत्येक आॅपरेशन के लिए दी जाती है।

मूक-बधिर बच्चों के उपचार के लिए नई योजना शुरू की गयी है, जिसके तहत काॅक्लियर इम्प्लांट हेतु पांच लाख रूपए से अधिक तक की मदद प्रत्येक व्यक्ति को दी जा सकती है।

महिलाओं को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में महिलाओं को 50  प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

महिलाओं के नाम से जमीन खरीदी करने पर रजिस्ट्री में दो प्रतिशत की छूट दी जा रही है।

महिला स्व-सहायता समूहों को 6.5 प्रतिशत की आसान ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है।

34 हजार से भी अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निःशुल्क सायकल दी जा रही है।

गरीब परिवारों की बालिकाओं, निःशक्त युवतियां को विवाह के लिए आर्थिक मदद की जा रही है।

शहरों की छोटी बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को सार्वजनिक नलों में होने वाली दिक्कतों से बचाने के लिए भागीरथी नल-जल योजना के तहत उनके घर पर निःशुल्क नल कनेक्शन दिए गए।

12 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रतिमाह 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की सुविधा दी गयी है।

नया राज्य बनने से ही नई राजधानी स्थापित करने का अवसर मिला है। इसके कारण हम छत्तीसगढ़ में नया रायपुर नाम से एक ऐसा शहर बसा रहे हैं, जो दुनिया के सबसे सुविधाजनक और सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल होगा। इसे हम नगरीय विकास का एक आदर्श उदाहरण बनाना चाहते हैं। जहां पुरातन ओर नवीनता, संस्कृति और शोध, विकास और पर्यावरण सुरक्षा का साझा परिदृश्य होगा। यह शहर रोजगार के नए अवसरों और स्फूर्तिदायक जीवन के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।


छत्तीसगढ़: तब और अब
विवरणवर्ष 2000वर्ष 2011
राजस्व जिले16  18
पुलिस जिले   03
प्रति व्यक्ति आय10,125 रूपए44, 097 रूपए(अनुमानित )
विद्युत स्थापित क्षमता1360 मेगावाट1924 मेगावाट
प्रति व्यक्ति  ऊर्जा  खपत354  यूनिट838  यूनिट
विद्युत उपभोक्ता     18 लाख28 लाख
सिंचाई पम्पों की संख्या     72 हजार02 लाख 67 हजार नवीन पंप
सिंचित रकबा     23 प्रतिशत32 प्रतिशत
खनिज रायल्टी       430 करोड़ रूपए 2461 करोड़ रूपए
चावल  उत्पादन      34 लाख 94 हजार मीटरिक टन  61 लाख 59 हजार मीटरिक टन
अनाज उत्पादन        39  लाख मीटरिक टन 74  लाख मीटरिक टन
दलहन उत्पादन       1 लाख 35 हजार मीटरिक टन2 लाख  मीटरिक टन
 फल उत्पादन       01 लाख 86 हजार मीटरिक टन  14 लाख 69 हजार मीटरिक टन
 सब्जी उत्पादन       11 लाख 46 हजार मीटरिक टन  42 लाख 40 हजार मीटरिक टन
 मछली उत्पादन      93 हजार मीटरिक टन   02 लाख 28 हजार मीटरिक टन
 कृषि ऋण प्रदत्त        08 करोड़ रूपए 1500 करोड़ रूपए
 कृषि ऋण की दर      16 प्रतिशत  03 प्रतिशत
 धान खरीदी       05 लाख मीटरिक टन  51 लाख 13 हजार मीटरिक टन
 उचित मूल्य दुकानें        06 हजार 501 10 हजार 833
 शिक्षक/शिक्षाकर्मी संख्या    एक लाख 08 हजार    दो लाख 66 हजार
 शासकीय विश्वविद्यालय की संख्या    04 11
 मेडिकल कॉलेजो  की संख्या  01 03
 डेंटल कॉलेजो  की संख्या  0 05
 नर्सिंग कॉलेजो   01 26
 ग्राम पंचायत भवन    399 3100
 आंगनबाड़ी भवन    259 2100
 सामुदायिक भवन   0 1200
 आभार http://dprcg.gov.in/

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