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बुधवार, मार्च 29, 2017

क्या आप जानते हैं कि आपका मौलिक अधिकार क्या है ?


क्या आप जानते हैं कि आपका मौलिक अधिकार क्या है ?

जी हाँ, वर्तमान परिवेश को देखते हुए आपको अपने मौलिक अधिकारों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है इसलिए यहाँ हम आपको भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों के बारे में कुछ जानकारी देना चाहते हैं। 


भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिए व्‍यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी अधिकार देता है। इन मौलिक अधिकारों की छह व्‍यापक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्‍यायोचित और न्यायालय में वाद योग्य हैं।



संविधान के भाग ३ में सन्निहित अनुच्‍छेद १२ से ३५ तक मौलिक अधिकारों के संबंध में जानकारी दी गयी है, जो इस प्रकार है : - 


साधारण
12 परिभाषा
13 मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्‍पीकरण करने वाली विधियां


समता का अधिकार
14 विधि के समक्ष समानता
15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्‍म स्‍थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
17 अस्‍पृश्‍यता का अंत
18 उपाधियों का अंत


स्‍वतंत्रता का अधिकार
19 वाक-स्‍वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
21 प्राण और दैहिक स्‍वतंत्रता का संरक्षण
22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण


शोषण के विरुद्ध अधिकार

23 मानव और दुर्व्‍यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध


धर्म की स्‍वतंत्रता का अधिकार
25 अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्‍वतंत्रता
26 धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्‍वतंत्रता
27 किसी विशिष्‍ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्‍वतंत्रता
28 कुल शिक्षा संस्‍थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्‍वतंत्रता


संस्‍कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
29 अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
30 शिक्षा संस्‍थाओं की स्‍थापना और प्रशासन करने का अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों का अधिकार
31 [निरसन]


कुछ विधियों की व्‍यावृत्ति
31क संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31ख कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्‍यकरण
31ग कुछ निदेशक तत्‍वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31घ [निरसन]सांविधानिक उपचारों का अधिकार
अनुच्‍छेद विवरण
32 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
32A [निरसन]
33 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
34 जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्‍धन
35 इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान


उपरोक्त वर्णित धाराओं की विस्तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। 

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