"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।

बुधवार, मई 01, 2024

नारायणपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता : डीआरजी और STF जवानों ने 10 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया; बड़ी संख्या में बरामद किया हथियार, विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग की वस्तुएं


नारायणपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता : डीआरजी और STF जवानों ने 10 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया; बड़ी संख्या में बरामद किया हथियार, विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग की वस्तुएं

  • “माड़ बचाओ अभियान” : आपरेशन काकुर-टेकमेटा
  • रक्षा बलों के लिए माड़ अब नही रहा अबूझ|
  • नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में “माड़ बचाओ अभियान” है।
  • “माड़ बचाओ अभियान” के तहत काकुर-टेकमेटा में बड़ी सफलता | छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर के समीप काकुर-टेकमेटा के पास छत्तीसगढ़ Elite फाॅर्स DRG और STF ने चलाया सफल संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान
  • कुल 10 नक्सलियों के शव हुए बरामद, बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की भी है सूचना, देखें हार्डकोर नक्सलियों की सूची और फ़ोटो 
  • मारे गए नक्सलियों में एक SZCM, दो DVCM और दो ACM रैंक के नक्सली मारे गए अधिकांश नक्सली गडचिरोली क्षेत्र में सक्रिय उत्तर गडचिरोली डिवीज़न और माड़ डिवीज़न के
  • एक AK 47, एक INSAS, दो .303, एक .315, एक 12बोर, 3 भरमार और बीजीएल लांचर के अलावा भरी मात्रा में विस्फोटक और कारतूस बरामद
  • नारायणपुर के सोनपुर कैंप और कांकेर के छोटेबैठिया से कूल 240 DRG और 590 STF जवान लगभग 40 KM ज्यादा दुरी तक गश्त करते पहुंचे काकुर परफेक्ट ऑपरेशन की मिसाल बनी ये ऑपरेशन। 60 से 70 KM चले, पूरे माड़ में सर्च और गश्त किया, शीर्ष नेताओं तक पहुंचे और बिना किसी शिकन या खरोच के अभियान को अंजाम दिया। पुलिस के सभी जवान सुरक्षित
  • "माड़ नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र" और "सभी जगह के नक्सली अंततः माड़ में एकत्रित होंगे" जैसी धारणाओं पर नारायणपुर पुलिस और छत्तीसगढ़ के elite एंटी नक्सल फोर्सेस डीआरजी और एसटीएफ का तगड़ा प्रहार।
  • छत्तीसगढ़ में सभी प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ने की योजना बना रहे थे . नारायणपुर पुलिस और elite force डीआरजी और एसटीएफ ने नक्सलियों के विस्तारीकरण के इस मनसूबे पर पानी फेर दिया।

जिला नारायणपुर में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, श्री सुन्दरराज पी., उप पुलिस महानिरीक्षक श्री के. एल. धुव्र, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया के निर्देशन में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। दिनांक 28.04.2024 की दरम्यानी रात्रि को पुलिस अधीक्षक नारायणपुर को माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर माड़ डिवीज़न और उत्तर गडचिरोली डिवीज़न के शीर्ष नक्सलियों की उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना के तस्दीक हेतु दिनांक 28.04.2024 की रात्रि में नारायणपुर जिले से डीआरजी एवं बस्तर फाॅईटर व एसटीएफ की संयुक्त बल तथा जिला कांकेर कैम्प मरबेड़ा से डीआरजी एवं एसटीएफ की संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान हेतु ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर रवाना हुई थी। दिनांक 30.04.2023 को प्रातः करीबन 04:00 बजे पुलिस पार्टी सर्चिंग गश्त करते ग्राम टेकमेटा के जंगल में पहुंची थी कि पूर्व से जंगल में घात लगाये बैठे माओवादियों के द्वारा खुद को घिरता देखकर जान से मारने एवं हथियार लूटने के नियत से पुलिस पार्टी पर अंधाधुन फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर आत्मसमर्पण हेतु आवाज दिया गया आत्मसर्मण की बात नक्सलियों के द्वारा अनसुना करते हुए और अधिक मात्रा फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी के पास आत्मसुरक्षा में फायरिंग करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होने से सीमित मात्रा में फायरिंग किया गया। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ करीबन रूक-रूक कर 16 घण्टे तक चली। फायरिंग बंद होने के पश्चात पुलिस पार्टी के द्वारा घटना स्थल का सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सर्चिंग करने पर 03 महिला एवं 07 वर्दीधारी पुरूष नक्सली के शव एवं शव के पास से 01 नग एके-47, 01 नग इंसास, 02 नग 303 रायफल, 01 नग 315 रायफल 01 नग 12बोर बंदुक एवं 04 नग भरमार बंदुक एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ।

परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र ,तेलंगाना और बस्तर के 1 एसजेडसीएम ,2 डिवीसीएम 1 एसीएम नक्सली कमांडर्स सहित 10 इनामी नक्सली मारे गए। जिनमे मुख्य रूप से एसजेडसीएम Joganna ,जिस पर 196 आपराधिक मामले दर्ज हैं ,मलेश कमांडर कंपनी नंबर 10 जिस पर 43 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं तथा डिवीसीएम विनय जिस पर 8 आपराधिक मामले गढ़चिरौली जिले में दर्ज हैं की पुष्टि की गई।

ऑपरेशन में, नक्सली ठिकानों पर से महत्वपूर्ण सामग्री डंप बरामद किया गया , जिसमें विस्फोटक सामग्री, आईईडी, प्रेशर कुकर, कोडेक्स तार, कंप्यूटर, प्रिंटर, उपग्रह संचार उपकरण, जेसीबी खुदाई मशीनें, दैनिक घरेलू सामान, नक्सली साहित्य, सौर प्लेटें और बर्तन आदि बरामद किया गया |

यह ऑपरेशन न सिर्फ नक्सलियों के तथाकथित मांद में पुलिस की पैठ दिखाता है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधी को एक महत्वपूर्ण झटका है। सभी नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बना रहे थे। नारायणपुर की डीआरजी तथा एसटीएफ ने नक्सलियों के इस विस्तारीकरण के मंसूबे पर पानी फेर दिया है।

नक्सलियों की खोखली विचारधारा के विरूद्ध चलाया जा रहा नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में ‘‘माड़ बचाव अभियान’’ है। माड़ और यहां के मूल वासियों को विदेशी नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें चरमपंथी सिद्धांतों के आकर्षण से निकालना ही हमारा मुख्य उदेश्य है।

हम उन सभी माड़ के मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और माड़ के बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं, अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद को त्याग कर मुख्य धारा से जूड़ें व असली माड् बचाव अभियान का हिस्सा बनें। हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का त्याग व विरोध करें। 

  • Narayanpur Police
  • Maad Bachao Abhiyan: Operation Kakur-Tekemeta
  • Press Brief: Security Forces Penetrate Naxal Stronghold in Maad Region, Narayanpur
  • In a significant breakthrough, the Narayanpur Police and Chhattisgarh's elite anti-Naxal forces, including the District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), have shattered the long-held myth of Maad being an impregnable sanctuary for Naxalites. Following a meticulously planned operation, security forces not only dispelled notions of Maad being a safe haven for Maoists but also dealt a severe blow to the top leadership of Naxalites.
  • Contrary to the belief that Naxalites could operate with impunity in Maad, security forces undertook an exhaustive search spanning the entire region, covering a staggering distance of 60 KM. This relentless pursuit led them to the very heart of Naxal activity, where they apprehended key leaders, sending shockwaves through the Maoist ranks.
  • In a significant victory against Naxalites, the Narayanpur Police successfully conducted a meticulously planned operation on April 28th, 2024, from Narayanpur.
  • Deploying a combined force of 900 soldiers, including District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), the operation covered a distance of 40 KM in the pursuit of Maad Division Naxal targets.
  • The culmination of the operation on April 30th, 2024, witnessed an intense exchange of fire lasting from 3:50 am to 8:00 pm. As a result, 10 Naxalites, including leaders from Maharashtra, Telangana and Bastar, were neutralized. It's worth noting that the majority of the Naxalites Cadre from the Gadchiroli Division, with links to the press team of Gadchiroli.
  • Remarkably, the operation resulted in zero casualties among our brave police forces, a testament to their skill and professionalism.
  • The success of this operation has instilled a sense of fear among the upper tier of Naxal leadership. With the security forces closing in on their strongholds, distrust among Naxal ranks is at an all-time high, as senior members grow suspicious of their juniors and local sympathizers.
  • Dubbed as the "Maad Bachao" campaign, the anti-Naxal drive aims to liberate Maad and its inhabitants from the clutches of foreign Naxal ideologies. An earnest appeal is extended to those attracted by the allure of Maoist doctrines to renounce violence, embrace mainstream society, and contribute to the noble cause of safeguarding Maad.
  • The operation exemplifies flawless execution, characterized by meticulous planning and unwavering determination. Despite the arduous terrain and formidable challenges, security forces executed the mission with precision, leaving no room for error.
  • Moreover, this operation not only dealt a significant blow to Naxal activities in Chhattisgarh but also thwarted their plans for expansion into neighbouring territories, including Maharashtra. The resounding success underscores the commitment of security forces to uphold peace and security in the region.
  • As the security apparatus continues its relentless pursuit of Naxal elements, the message is clear: there is no sanctuary for those who seek to disrupt the peace and stability of our communities. Through steadfast resolve and coordinated efforts, we will ensure that the ideals of peace and progress prevail over the forces of violence and extremism.
  • During the course of the operation, significant material dumps were discovered at Naxalite hideouts, containing a cache of explosive materials, IEDs, pressure cookers, codex wires, computers, printers, satellite communication devices, JCB excavating machines, daily household goods, Naxal literature, solar plates, and utensils.
  • In the nearby areas of Tekemeta and Kakur DRG Narayanpur, Kanker and BSF teams are continuously doing area domination to secure the area.
  • This successful operation underscores the effectiveness of technical inputs, strategic planning and coordination among security forces. It's noteworthy that one week of meticulous planning, with the active involvement of senior police leadership, contributed to the operation's success.

List of Weapons Recovered
  • One Ak-47 with one magazine and 26 live rounds
  • One 5.56 INSAS Rifle
  • Two .303 Rifle
  • One .315 Rifle
  • One 12 Bore Rifle with 7 live rounds
  • Three Bharmar Rifle
  • One Barrel Grenade Launcher with 4 live grenade shells

सोमवार, अप्रैल 29, 2024

POEM - We are बच्चा !

We are बच्चा !

We are बच्चा !
But Not a अकल का कच्चा ।
Definitely,
We Are Symbol of इंसान सच्चा ।।

We are बच्चा !
Fruits Eating कच्चा और पक्का ।
But Sir,
We Are Done Everyday Homework पक्का ।।

We are बच्चा !
Talking Some बातें, झूठा और सच्चा ।
If Any One डाँटिंग,
We are रोइंग “दिल से सच्चा”

We are बच्चा !
Video Games Playing पापा से अच्छा ।
और मम्मी के सामने ,
नौटंकी भी करते हैं सबसे अच्छा ।।

We are बच्चा !
Daily Going School, Hero बनकर अच्छा ।
और शिक्षक के सामने,
हम होते सबसे सीधा सच्चा ।।

We are बच्चा !
But Not a अकल का कच्चा ।
Definitely,
We Are Symbol of इंसान सच्चा ।।


Ku. Durgamya Joshi,
4th “A” KVS Narayanpur

गुरुवार, अप्रैल 04, 2024

नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में


नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में
Big achievement of Narayanpur Police; Third police camp opened in Irakbhatti within a month

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र इरकभट्ठी में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
Narayanpur police opened camp in Irakbhatti, a heavily Naxal affected area; SP Shri Prabhat Kumar himself was present with his team.

कैम्प इरकभट्ठी थाना कोहकामेटा (अबुझमाड़) क्षेत्र अन्तर्गत स्थित है।
Camp Irakbhatti is situated under Kohkametta (Abujhmad) police station area.

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार(भा.पु.से.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 31 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र के ग्राम इरकभट्ठी में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम इरकभट्ठी ओरछा ब्लाक एवं कोहकामेटा तहसील तथा थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। 


इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना के अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस-पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। 

ज्ञात हो कि इरकभट्ठी कैम्प खुलने के साथ ही इस समय माड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान जारी है। कुछ दिन पहले नारायणपुर डीआरजी और बस्तर फॉईटर ने कोरोनार में 48 घंटे का नक्सल विरोधी अभियान चालाया गया था। पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मीडिया कवरेज 



शनिवार, मार्च 30, 2024

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

    

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक (जीडी) के लगभग 6000 से अधिक पदों पर वर्ष 2023-24 में भर्ती हेतु लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे टारगेट करते हुए जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीयना प्रशिक्षण के अभ्यर्थी सहित प्रदेश के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु श्री हुलेश्वर जोशी (मोबाईल नंबर 9826164156) द्वारा तैयार "Chhattisgarh Police Constable (GD) Recruitment Exam Test Series 23" हमें उम्मीद है कि यह टेस्ट सीरीज उक्त परीक्षा सहित छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान् रूप से सहयोगी होगी।

दिशा निर्देश
(01) लिंक को क्लिक करके अपना नाम, मोबाइल नंबर एवम जिला का नाम दर्ज करने के बाद Next पर क्लिक करें।
(02) Next क्लिक करने पर ऑनलाइन टेस्ट शुरू हो जाएगी, जिसमें दिए गए सभी प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन करें; फिर Submit करें।
(03) Submit करने पर Screen Blank हो जाएगी, तब पेज को रिफ्रेश नहीं करना है बल्कि पेज को "ड्रैग" करते हुए ऊपर की ओर जायेंगे जहां View Score का ऑप्शन आएगा, जिसमें क्लिक करें।
(04) View Score में क्लिक करने पर आपकी प्राप्तांक और सभी प्रश्नों के सही उत्तर का पता चल जायेगा। यदि आप अपना स्कोर नहीं देख पाते हैं तो आपको
(05) पेज के नीचे जाकर See Result (Data Sheet) पर क्लिक करना होगा। जिससे गूगल शीट में सभी अभ्यर्थियों की रिजल्ट देख सकेंगे। किंतु ख्याल रखेंगे इसमें कुछ लिमिटेड रिजल्ट ही डिस्प्ले होंगे, यदि आपका रिजल्ट नही दिखता है तो आपको प्ले स्टोर से Google Sheet इंस्ट्राल करना होगा। 

  
  

मंगलवार, मार्च 26, 2024

स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा


स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा
Lord of Heaven; Story of 'Huleshwaranand Paponashak Maharaj'

सुबह मैं टहलते हुए घर लौट रहा था, मगर शायद होली की इतनी चढ़ गई थी कि मैं सुनसान और अनजान रास्ते में भटक गया था। शायद भूलन खुंद लिया था। घंटो चलता रहा तब जाकर एक जगह मुझे सूर्य के सुनहरे धूप से रौशन घर दिखाई दिया। मैं इससे पहले नारायणपुर में ऐसा घर कहीं नहीं देखा था, विश्वास था अबूझमाड़ सहित समूचे बस्तर में ऐसा घर कहीं नहीं है। फिर भी विश्वास का मुझे कौन सा मुरब्बा बनाना है, मुझे तो मुरियापारा वापस लौटने का रास्ता जानना था सो मैं घर के निकट जाने का निर्णय लिया।

घर के किनारे से जाती हुई बेहद पवित्र जल वाली एक नरवा गुजर रही है। मैंने मारे थकान और प्यास के चुल्लू भर पानी पीने का निर्णय लिया, किनारे उतरकर पानी को स्पर्श किया, बिल्कुल कंछ शीतल जल। हाथ धोकर चुल्लू भर पानी पीया, आहा! अति उत्तम! ऐसा स्वादिष्ट पानी मानो नारियल पानी हो। पीते हुए गले तक भर लिया तब समझ में आया कि बहुत पी लिया हूं। अब नहीं पीना घर जाने का रास्ता खोजना है। आज पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं घर में मोबाइल फोन भूलकर आया हूं अन्यथा दुर्गम्या और तत्वम जोशी के कहां हो पापा? कब आओगे पापा? इतनी देर से क्या कर रहे हैं पापा? का जवाब नहीं दे सकता।

पानी पीकर आगे बढ़ा, नरवा के पार से लगा हुआ ये सैकड़ों एकड़ के प्लाट में रंग बिरंगे अनोखे फूलों की बगिया। सबमें एक विशेष प्रकार की सुगंध। मानो परमानंद की प्राप्ति हो गई। वो वाला परमानंद नहीं, हां परमानंद घिरी नहीं जो मेरे बचपन के मित्र हैं। हालांकि परमानंद घिरी प्राथमिक स्कूल, मनकी में ऐसे मित्र रहे हैं जो बहुत आनंददायक थे। अपने नाम की भांति बेहतरीन इंसान। परमानंद की अनुभूति से बाहर निकलने का प्रयास भी नहीं कर पाया था कि फूलों की बगिया में फूलों से खेलते हुए, तोड़ मरोड़ करते हुए, फूलों को चुनते चुनते कब सुबह भाई साहब दोपहर और शाम से गुजरते हुए रात में तब्दील हो गई पता ही नहीं चला। चंद्रमा की शीतल रोशनी और कनकमई फूलों की चमक के वजह से रात होने का भी आभाष नहीं हो रही थी। मैं कौन हूं? कहां हूं? ये क्या कर रहा हूं? सबकुछ भूल गया था, बिल्कुल बच्चा हो गया था। बुद्धू बालक। अंतहीन आनंद में सराबोर चंचल बालक। बच्चों को खेल से अलग केवल भूख और प्यास ही कर सकता है, ठीक मुझे भी भूख लगी। चेतना जगी। चूंकि "चेतना बचपन का दुश्मन..!" "Consciousness is the enemy of childhood..!" मैं पुनः बचपन और परमानंद से बाहर भूख के आगोस में। वो सामने स्थित घर अब तक सुनहरी नहीं बल्कि दूधिया रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रही है। अब मैं पूर्ण चेतना में हूं किंतु मेरा ध्यान मात्र भोजन और भूख पर केंद्रित है। भूख से तड़पता हुआ अब मैं उस घर के आंगन में हूं। बेहतरीन नक्कासियों से बनी दुर्लभ प्रकार का दरवाजा। बहुत हाईटेक शायद ऐसा हाई टेक्नोलॉजी की खोज करने भी हमें लाखों हजार साल लगेंगे।

"भीतर कोई हैं..?" मैंने आवाज दी। भीतर से 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की जय के नारे सुनाई देने लगी। मैं थोड़ा डर किंतु गौरव के साथ गृह प्रवेश किया। दुर्लभ और सुगंधित फूलों की बरसात के साथ मेरा स्वागत हुआ। एक दिव्य पुरुष रुसे फुल के मालों का हार लेकर मेरे समीप आया। मान्यवर प्रणाम... स्वर्ग की इस अद्भुत महल में आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। मान्यवर 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' आप अपने पुण्यप्रताप और कर्मों के फल से स्वर्ग के अधिपति हैं। Respected 'Huleshwaranand Paponashk Maharaj', you are the ruler of heaven due to the fruits of your virtues and deeds. इसके बावजूद आपने मोक्ष की स्वीकृति देने में बड़ी देर लगा दी। कई लाखों सालों से मुझे मोक्ष से मुक्त होकर पृथ्वी लोक में इंसान बनने की चेष्ठा रही है किंतु आपके आगमन में विलम्ब के कारण मुझे मोक्ष से मुक्ति और इंसान के रूप में जन्म लेने के लाभ से वंचित रहना पड़ा है। सो आप आज से स्वर्ग के अधिपति के जिम्मेदारी का निर्वहन करिए कहते हुए उस दिव्य पुरुष ने एक अप्सरा से मेरा परिचय कराते हुए ये "देवी प्रिया" हैं इन्हें बहुत जन्मों पूर्व आपसे प्रेम हुआ था। ईश्वर की खूब भक्ति की है और कई जन्मों तक इन्होंने बड़ा परोपकार किया है। किंतु आप विधि के पति हैं, देवी प्रिया आपके और विधि के प्रेम के बीच कोई दीवार नहीं बनाना चाहती हैं, इसलिए देवी प्रिया ने संकल्प लिया है कि ये समर्पित होकर आपकी हर प्रकार से सहयोग करेंगी और स्वर्ग के अधिपति के रूप में आपका मार्गदर्शन करेंगी। चूंकि आप मृत्युपूर्व मोक्ष को प्राप्त हुए हैं इसलिए जब आप मोक्ष से मुक्त होने का निर्णय लेंगे तब सबसे पहले आप देवी प्रिया को अवगत कराएंगे ताकि देवी प्रिया किसी अन्य देवी को यहां का कार्यभार सौंपकर स्वयं भी मोक्ष का त्याग करके पृथ्वी में आपके साथ आपके द्वारा इच्छित योनि में जन्म लेकर आपकी प्रेमिका हो सकेंगी। अंत में दिव्य पुरुष ने मुझे एक स्वेत पुष्प और एक स्वेत ध्वज भेंटकर मेरा चरण स्पर्श किया और वहां से प्रस्थान कर लिया।

देवी प्रिया सभी देवी देवताओं से मिलवाकर मेरा परिचय कराया। मैंने अपनी इतनी प्रशंसा कभी भी शायद किसी भी जन्म में नहीं सुनी थी। स्वर्ग की अधिपति के पद पर मेरी पहली पोस्टिंग की खुशी में एक शानदार OpenFoodParty रखी गई थी। नाना प्रकार के भोजन और पकवान, शुद्ध शाकाहार, बेहद स्वादिष्ट। भर पेट खाने के बाद देवी देवताओं के साथ वार्तालाप से नजर चुराकर मैं इधर उधर झांकने लगा तो देवी प्रिया मुस्कराते हुए बोलीं 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' यहां कोई सोमरस, मंगलरस और संडेरस जैसा कोई रस नहीं मिलता है। आपको रियल फ्रूट जूस से ही जीवन चलाना पड़ेगा, ताकि आप स्वर्ग में निरोगी जीवन जी सकें। मैं भी बेहद प्रसन्न हुआ; क्योंकि यदि स्वर्ग में मांसाहार, मदिरापान सहित भोग विलास का प्रावधान होता तो मैं मोक्ष से मुक्त होने का त्वरित निर्णय ले लेता।

मैं मांसाहार, मदिरापान और भोगविलास का कट्टर विरोधी हूं इसलिए आज स्वर्ग में भी मुझे इन सबसे नफरत है। I am a staunch opponent of non-vegetarianism, drinking and indulgence, hence even in heaven today I hate all these. सोच रहा था यदि ऐसा कुछ होता तो स्वर्ग का अधिपति होने के नाते इसपर कठोरतापूर्वक निर्णय लेकर एक अच्छा राजा होने का जिम्मेदारी पूरा कर लेता। किंतु यदि फिर भी किसी कारण से स्वर्ग को मांस, मदिरा और व्यभिचार से मुक्त न करा पाता तो स्वर्ग की अधिपति के पद से खुद को मुक्त करते हुए वापस पृथ्वी लौट जाता या चाहे तो नर्क ही चले जाने का निर्णय ले लेता।

पार्टी समापन के बाद देवी प्रिया मुझे महुआयुक्त विशेष पान चबाने अनुरोध की। मैं उनके आग्रह का सम्मान करते हुए उनके स्वर्ण पेटी से पान लेकर चबाने लगा; बेहद स्वादिष्ट। आनंद आ गया। मैंने देवी प्रिया को बताया कि अपने बस्तर में महुआ का लड्डू बनता है मैंने कई बार खाया है। एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है महुआ लड्डू।अच्छा लगता है। बस्तर में महुआ से बनी चाय बहुत प्रसिद्ध हो रही है हालांकि मैंने कभी महुआ चाय नहीं पी है। मैंने उन्हें ये भी बताया कि जब वो मोक्ष से मुक्त हों तो उन्हें बस्तर में जन्म लेना चाहिए। क्योंकि बस्तर बेहद खूबसूरत स्थान है। स्वर्ग जैसे शांति और आनंददायक जीवन के लिए बस्तर में जन्म लेना सर्वथा उचित है। ऊंचे पहाड़ पर्वत, झील और झरने से युक्त प्रकृति की गोद में ही मानव जीवन में आनंद मिलता है। Bastar is a very beautiful place. It is absolutely appropriate to be born in Bastar for a heaven like peace and blissful life. Happiness is found in human life only in the lap of nature with high mountains, lakes and waterfalls. शहरी जीवन की भागमभाग शांति और सुकून से कोसों दूर किंतु विलासिता और सुविधाओं से आच्छादित है।

शांति और सुकून की बात सुनकर देवी प्रिया को हमारे पिछले जन्म की बचपन याद आ गई। तब वो मुझसे बेहद प्रेम करती थी, अकथित किंतु अपार प्रेम की रोगी देवी प्रिया ने मेरी विवाह की सूचना प्राप्त करते ही आजीवन बाल ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करने का संकल्प लेकर लगभग दो कल्प युग तक मानव जीवन में परमार्थ करते हुए मोक्ष प्राप्त किया है। देवी प्रिया से वार्तालाप करते हुए रात्रि गुजर गई और दूसरे दिन की सूरज सिर पर आने वाली थी इसके बावजूद अंतहीन बचपन की यादें जीने में हम दोनों मशगूल थे।

पापा उठो न..!
आज मेरी रिजल्ट घोषित होने वाली है।
मैं तैयार हो गई हूं।
आप कब जगेंगे.?
चलो, उठो पापा..!
कु दुर्गम्या जोशी के इन पांच अमृत प्रश्नों के साथ जब निद्रा की त्याग किया तो पता चला मैं मुरियापारा नारायणपुर में ही हूं। अपने परिवार के साथ हूं। ये कोई स्वर्ग नहीं है। मुझे कोई मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है। मैं किसी स्वर्ग का अधिपति नहीं हूं। चलिए अब स्नान करने जाता हूं। शुक्र है आज परीयना प्रशिक्षण (सेना, सशस्त्र बल और पुलिस भर्ती के लिए नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित भर्ती पूर्व निःशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण) का अवकाश दे दिया हूं।

अंत में एक मजे की बात बता देना चाहता हूं कि मैंने पृथ्वी से स्वर्ग तक का सजीव यात्रा किया है किंतु मुझे पता ही नहीं चल सका कि ये स्वर्ग किस ग्रह का नाम है? क्या यह हमारी आकाशगंगा में है? क्या सच में हमारी मिल्की-वे में ही स्वर्ग है.... या कहीं और..? यदि आप इंसान हैं तो बेशक बुद्धिमान व्यक्ति हैं, इसलिए ये आपको ही तय करना है कि ये जो आपने अभी कथा पढ़ा है वास्तव में सत्य है कि मेरे द्वारा लिखित एक रोचक षड्यंत्र???

गुरुवार, मार्च 14, 2024

भक्कम गर्मी से बचाब के लिए एक्सपर्ट तरीका : लू लगना (HeatStroke) कारण, लक्षण, बचाव और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT

 भक्कम गर्मी से बचाब के लिए एक्सपर्ट तरीका : लू लगना (HeatStroke) कारण, लक्षण, बचाव और प्राथमिक उपचार के  सुझाव

Expert way to avoid extreme heat : Heat Stroke: Causes, Symptoms, Prevention and First Aid Tips

This disease (HeatStroke) occurs due to excessive exposure to sunlight, especially during summer, due to which the patient's body temperature increases and the mouth becomes dry and diarrhea or it becomes cause of 'THANKI' frequent urination disease

रोग परिचय :यह रोग अत्यधिक धुप में रहने से खासकर र्मी के दिनों होता है, जिससे रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और मुंह सुखने लगता है तथा दस्त या ठनकी लग जाती है। 

रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक समय तक धुप में रहने के कारण ।
ऽ गर्मी के दिनों में नंगे पैर चलनें के कारण।
ऽ गर्मी के दिनों में चलने वाली गर्म हवाओं के कारण।
ऽ एसी अथवा कुलर वाले कमरे से सीधे घुप में निकलने के कारण।

रोग के लक्षण :-
ऽ रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
ऽ रोगी का हांथ पैर सुन्न हो जाता है।
ऽ रोगी को बेचैनी रहती है।
ऽ रोगी को होठ मुंह सुखने लगता है।
ऽ रोगी को चक्कर आने लगती है।
ऽ रोगी को दस्त हो सकती है।
ऽ धुप लू के अधिक प्रभावशाली होने पर रोगी बेहोश हो जाता है।
ऽ रोगी को ठनकी लग जाती है।

बचाव  :-
ऽ गर्मी में निकलने से बचें। बहुत आवश्यक या मजबूरी हो तभी सुरक्षित तरीके से ही घर से निकलें। Avoid going out in summer. Leave the house safely only if it is absolutely necessary or emergency.
ऽ जब घर से बाहर निकलें तो ओ.आर.एस. घोल अथवा शर्बत की बॉटल अनिवार्य रूप से रखें। When leaving the house, ORS. It is mandatory to keep a bottle of solution or sherbet.
ऽ गर्मी से बचने के लिए सिर एवं चेहरे को ढकें साथ ही यदि बाइक या साइकिल से जा रहे हों तो बेग या मोटे कपड़े से सामने से सीने और पेट को अच्छी तरह से कवर कर लें। Cover your head and face to avoid heat. Also, if you are going by bike or bicycle, cover your chest and stomach properly from the front with a bag or thick cloth.

प्राथमिक उपचार :-
ऽ दिन में कम से कम एक बार बोरे बासी या भात को खीरा, ककडी, प्याज और चुकन्द्रर इत्यादि मिलाकर खाएं।
ऽ रोगी के आहार में अनिवार्य रूप से खीरा अथवा फ्रूट सलाद को शामिल करें।
ऽ रोगी को ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं।
ऽ रोगी को गर्म धुप से हटाकर ठण्डे स्थानों में आराम कराएं।
ऽ रोगी को ठण्डी पानी से पोंछा लगा देनी चाहिए।
ऽ रोगी को जितनी अत्यधिक हो सके घड़ा के ठण्ढ़ा पानी पिलानी चाहिए।
ऽ रोगी को थोडी देर पश्चात् नहलाया जावे।
ऽ रोगी को आम का रस अथवा लस्सी पिलाएं।

बुधवार, मार्च 13, 2024

बवासीर (Piles) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT


बवासीर (Piles) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव
In this disease, the blood vessel inside the anus of the patient gets enlarged due to which the chances of bleeding increases or starts flowing.

रोग परिचय :- इस रोग में रोगी के गुदाद्वार के अंदर खुन की नली बड़ा हो जाता है जिसमें से खुन रिसने की संभावनाएं बढ़ जाती है अथवा बहने लगती है।

रोग के कारण :-
ऽ अधिक आराम करना और मद्यपान करना।
ऽ मलाशय का कैंसर ।
ऽ अधिक समय से कब्ज।
ऽ मुत्राशय में पथर्री होने से ।
ऽ प्रोटेस्टेंट ग्रंथि के बढ़ जाने से ।
ऽ यकृत विकार के कारण ।
ऽ अनुवांसिकी
ऽ महिलाओं में गर्भाशय के अपने स्थान से खिसक जाने के कारण।

रोग के लक्षण :-
ऽ मलव्दार के बाहर और अंदर की नशो का खुल जाना ।
ऽ रोगी स्थान पर बहुत समय तक नही बैठ पाता ।
ऽ मल के साथ रक्त का बहना ।
ऽ अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण चेहरा का पीला पड जाना ।
ऽ रोगी को चलनें फिरनें में भी कठिनाई होती है।
ऽ मल व्दार के चारों ओर लाल सुजन होता है।
ऽ मल मार्ग के पास दर्द होती है और उसमें दबाव पडने पर कश्ट असहनीय हो जाती है।

प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की उपचार लक्षण के आधार पर किया जावें ।
ऽ खुन बढ़ाने वाली औषधि दी जावें।
ऽ रोगी को कब्ज (एसीडिटी) न होने देवें।
ऽ रोगी को हरी सब्जी (कम मिर्ची वाली) खिलाएं।
ऽ हल्का हल्का व्यायाम करें।
ऽ रोगी को पूर्ण विश्राम कराएं।
ऽ कैंसर होने की संभावनाओं पर कैंसर की इलाज साथ में करें।
ऽ अत्यधिक नमक और मिर्ची वाली सब्जीयों का इस्तेमाल न करें।
ऽ तेलीय चीज खाने से बचें।
ऽ लहसुन, मछली, तीखा एवं गर्म भोजन इत्यादि से परहेज करें।
ऽ रोगी को साबुनदानी ,खिचडी, आंवले,अंगुर इत्यादि को सेवन कराएं।
ऽ रोगी को पालक भाजी मुली का सब्जी खिलाएं।

मधुमेह (Diabetes) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT

मधुमेह (Diabetes) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव
Diabetes is a nutritional disorder in which the amount of sugar in the body increases due to which it starts passing through the urinary tract, which usually increases in old age.

रोग परिचय :- मधुमेह पोषण संबंधी विकार है, जिससे शरीर में शक्कर की मात्रा अत्यधिक हो जाती है जिससे वह मुत्र मार्ग से होकर निकलने लगती है, वह सामान्य तौर पर बुढ़ावस्था में अधिक होता है।


रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक आराम करने के कारण ।
ऽ अधिक रूप से मानसिक परिश्रम करने वालें के कारण ।
ऽ अधिक मीठी भोजन सेवन करने के कारण।
ऽ अधिक मधपान करने से।
ऽ अत्यधिक चिंता करने से।
ऽ चोटो एवं अत्यधिक संक्रामक रोगें के कारण जैसे मलेरिया, डिथिरिया मलेरिया फ्लू इत्यादि
ऽ यकृत ग्रंथि के कार्यो में कभी आने पर
ऽ अनुवांशिकी ।
ऽ मोटापे के कारण ।
ऽ अग्नाशय के केंसर होने से।
ऽ इन्सुलिन रिसेप्टर में गडबडी होने पर ।
ऽ शरीर के हार्मोन्स में बदलाव होने से
ऽ वाइरस इन्फेक्सन होने से ।

रोग लक्षण :-
ऽ अत्यधिक प्यास लगती है।
ऽ बहुत तेज भुख लगती है।
ऽ शरीर अत्यधिक कमजोर होने लगती है।
ऽ शर्करा (ग्लूकोज) मुत्र मार्ग से मुत्र के साथ निकलने लगती है।
ऽ रोगी अत्यधिक थकान महसुस करता है।
ऽ अत्याधिक तनाव, उत्सुकता, चिंता इत्यादि होती है।
ऽ जिगर की साइज (आकार) में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
ऽ रक्त दुधिया नजर आने लगती है।
ऽ रोग बढ़ने पर फेफडों और गुर्दो में विकार उत्पन्न हो जाती है।
ऽ हांथ पाव में कोथ बनने लगती है।
ऽ इन्सुलिन की उत्पत्ति कम हो जाती है।
ऽ रोगी को मोतियाबिंद हो सकती है।
ऽ रोगी हाईब्लडप्रेसर का शिकार हो सकता हैं।
ऽ किडनी खराब हो जाती है।
ऽ हृदय की रोग का खतरा बढ जाता है।
ऽ टीवी बढ़नें की संभावना बढ़ जाती है।
ऽ हाथ पैर से ढ़नढ़नाहट और दर्द रहना ।
ऽ वजन का बढ़ना और घांवों का न भरना ।
ऽ नजर कमजोर होना ।
ऽ शरीर के त्वचा का सुखापन एवं पैर के तलवों में हमेशा जलन होना ।
ऽ परिश्रम करने में मन नही लगता है और आराम करने अत्यधिक इच्छा छा जाती है।
ऽ रोगी की मांस पेशियों में खिचांव ।

प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की लाक्षणिकता के आधार पर इलाज करे।
ऽ संक्रमण एवं चोटो से बचाव करें।
ऽ ग्लूकोज युक्त अधिक भाजन न करें।
ऽ नशा न करें।
ऽ नियामित रूप से व्यायाम करें।
ऽ भोजन पर नियमित ध्यान देवें।
ऽ अत्यधिक पानी पिलाएं।

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत "मसपुर" में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; नक्सल उन्मूलन में आएगी तेजी साथ ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी नवीन कैम्प

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत "मसपुर" में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; नक्सल उन्मूलन में आएगी तेजी साथ ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी नवीन कैम्प
Narayanpur police opened a camp in "Maspur" under the heavily Naxal affected police station Sonpur area; The new camp will speed up Naxal eradication and also help in the overall development of the area.


♦️ कैम्प मसपुर, थाना सोनपुर, अबूझमाड़ क्षेत्रान्तर्गत स्थित
♦️ कैम्प स्थापना के दौरान पूरे समय एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
♦️ डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ 135वीं बटालियन की महत्वपूर्ण भूमिका।

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार (भापुसे) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 11 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं BSF 135वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र, ग्राम मसपुर में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम मसपुर ओरछा ब्लॉक, एवं कोहकामेटा तहसील के अन्तर्गत आता है जो थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। मसपुर में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मसपुर में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक आईपीएस श्री प्रभात कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस श्री रॉबिन्सन गुरिया स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं BSF 135 वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

SOME MEDIA COVERAGE 



सोमवार, मार्च 11, 2024

अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का हुआ समापन, नारायणपुर पुलिस ने महिला बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को किया जागरूक


नारायणपुर पुलिस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का हुआ समापन, महिला बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को किया जागरूक
International Women's Week organized by Narayanpur Police concluded, made women aware through women's bike rally

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आईपीएस श्री प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के आदेशानुसार संचालित अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का आज दिनांक 11-03-2024 को डीआरजी ग्रेट हॉल नारायणपुर में समापन हुआ। 

इस अवसर पर सर्वप्रथम रक्षित केंद्र नारायणपुर से महिला जागरूकता बाइक रैली निकली गई, बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास किया। बाइक रैली शहर के मुख्य चौक चौराहे से होते हुए डीआरजी ग्रेट हॉल नारायणपुर पहुंची। बाइक रैली के समापन उपरांत डीआरजी ग्रेट हॉल में समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुभारंभ करते हुए सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉक्टर रत्ना नशीने (कृषि महाविद्यालय) द्वारा अध्यक्षीय भाषण एवं उद्बोधन देते हुए महिला जागरूकता से संबंधित व्याख्यान दी गई। 


इस दौरान डीएसपी सुश्री मोनिका मरावी एवं अतिथियों द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए कार्यक्रम मे उपस्थित महिलाओं एवं युवतियों को जागरूक किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में सर्वप्रथम कुमारी दुर्गम्या जोशी (छात्रा, केवीएस) द्वारा “मैं थक जाऊँ तो?” कविता का पाठ करते हुए रानी लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा सुनाई गई। 


तत्पश्चात कुमारी किरण मरई, कुमारी प्रिया, कुमारी सुमिता, कुमारी गुलशन पटेल एवं साथी (परीयना प्रशिक्षण की युवति) द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई
तथा कुमारी मोहिनी मरई एवं साथियों द्वारा महिलाओं के विशेषाधिकार को रेखांकित की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम की समाप्ति उपरांत प्रतियोगिता में शामिल विजेता प्रतिभागियों एवं सांकृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने वाली छात्राओं एवं युवतियों को पुरुस्कार वितरण करते हुए अतिथियों को स्मृतिचिन्ह भेंट किया गया।

समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि श्रीमती भगवती हलधर (बीजेपी शहर मंडल अध्यक्ष), डॉ ख़ेमलता (कृषि महाविद्यालय), श्रीमती शैल उसेंडी (परियोजना अधिकारी), श्रीमती किरण नैलवाल (ज़िला संरक्षण अधिकारी), श्रीमती सच्चि मरकाम (CWC), श्रीमती सरिता वंजारी (CWC), डीएसपी सुश्री आशा रानी एवं डीएसपी सुश्री मोनिका मरावी सहित महिला एवं बाल विकास विभाग, सखी सेंटर, एवं पुलिस विभाग की महिला अधिकारी कर्मचारितों साहित लगभग 60 से अधिक छात्र छात्राएं, परीयना प्रशिक्षण की प्रशिक्षु युवतियाँ, गणमान्य महिलायें उपस्थित रही।

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